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भारत का Tesla को बड़ा ऑफर; मान ली ये बात तो मिलेगा इंसेटिव, प्रोडक्शन होगा सस्ता

दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार कंपनी Tesla को भारत ने आकर्षक ऑफर दिया है जिसकी चोट पड़ोसी देश चीन को पहुंचेगी.

India woos ELON MUSK ELECTRIC CAR MAKER Tesla with offer of cheaper production costs than China BY UNION MINISTER NITIN GADKARI
टेस्ला को भारत में कार उत्पादन करने पर इंसेंटिंव दिया जाएगा ताकि उसकी प्रोडक्शन कॉस्ट सस्ती हो.

दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार कंपनी Tesla को भारत ने आकर्षक ऑफर दिया है जिसकी चोट पड़ोसी देश चीन को पहुंचेगी. केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अगर टेस्ला अपनी इलेक्ट्रिक कारों का निर्माण भारत में करती है तो उसे इंसेटिव देने पर विचार किया जाएगा ताकि उसकी प्रोडक्शन कॉस्ट चीन के मुकाबले यहां सस्ता पड़े. केंद्रीय मंत्री गडकरी ने ये बातें Reuters को दिए गए एक साक्षात्कार में कही. गडकरी ने टेस्ला से कहा कि वह भारत में असेंबलिंग की बजाय मैनुफैक्चरिंग पर फोकस करे तो उसे बेहतरीन इंसेंटिंव दिया जा सकता है.
दो महीने पहले जनवरी 2021 में दुनिया के सबसे अमीर शख्स Elon Musk की टेस्ला ने भारत में एक कंपनी रजिस्टर्ड किया था. जानकारी के मुताबिक टेस्ला की योजना भारतीय इकाई के जरिए देश में अपनी मॉडल 3 इलेक्ट्रिक सेडान के आयात और बिक्री की है.

Tesla को असेंबलिंग की बजाय प्रोडक्शन का सुझाव

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि टेस्ला को भारत में अपनी कारों को असेंबल करने की बजाय लोकल वेंडर्स को काम पर रखकर पूरी कार का उत्पादन यहीं करना चाहिए. ऐसा करने पर गडकरी ने टेस्ला को अधिक छूट देने की बात कही है. हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि इलेक्ट्रिक कार कंपनी को किस प्रकार का इंसेटिव दिया जाएगा. गडकरी ने कहा कि कारों की मैनुफैक्चरिंग को लेकर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि टेस्ला की प्रोडक्शन कॉस्ट चीन समेत अन्य देशों की तुलना में भारत में कम हो.
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने टेस्ला को इलेक्ट्रिक कारों के निर्माण के लिए बेहतरीन इंसेंटिंव देने के अलावा एक और ऑफर पेश किया है. गडकरी ने कहा कि वह चाहते हैं कि टेस्ला दिल्ली और मुंबई के बीच एक अल्ट्रा हाई-स्पीड हाइपरलूप तैयार करे.

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भारत में EV की सुस्त है मांग

प्रमुख शहरों में प्रदूषण और महंगे आयात को कम करने के लिए भारत इलेक्ट्रिक गाड़ियों को देश में ही मैनुफैक्चरिंग के लिए कोशिश कर रहा है. हालांकि देश में ईवी को लेकर मांग अभी बहुत कम है. पिछले साल देश में करीब 24 लाख कारों की बिक्री हुई थी जिसमें महज 5 हजार के करीब ही इलेक्ट्रिक कारें थीं. भारत में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी और ईवी की अधिक कीमत के चलते इसके प्रति लोगों के बीच आकर्षण नहीं है. इसकी तुलना चीन से करें तो वहां 2020 में करीब 2 करोड़ कारों की बिक्री हुई जिसमें 12.5 लाख इलेक्ट्रिक थीं. टेस्ला चीन में कार की मैनुफैक्चरिंग करती है और उसकी वैश्विक बिक्री की एक तिहाई चीन में ही होती है. इसके अलावा चीन के विपरीत भारत में ईवी को लेकर कोई व्यापक पॉलिसी नहीं है.

First published on: 03-03-2021 at 15:11 IST

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