Budget 2022 Expectations: कोरोना महामारी के चलते रीयल एस्टेट सेक्टर को तगड़ा झटका लगा लेकिन अब यह धीरे-धीरे उबर रहा है. हालांकि अगले वित्त वर्ष 2022-23 के बजट से इसे काफी उम्मीदें हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक घर खरीदारों को बजट से टैक्स बेनेफिट्स की उम्मीद है. इसके अलावा डेवलपर्स भी अफोर्डेबल हाउसिंग सेग्मेंट को लेकर भी राहत की उम्मीद कर रहे हैं ताकि उनके कारोबार को मजबूती मिल सके. इसके अलावा एक्सपर्ट्स फाइनेंस सेक्टर की ग्रोथ के लिए भी वित्त मंत्री से मांग कर रहे हैं कि ई-इंफ्रा में निवेश बढ़ाया जाए और छोटे दुकानदारों को इंसेटिंव दिया जाए. अगले वित्त वर्ष के लिए 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी और इस बजट से रीयल एस्टेट सेक्टर और फाइनेंस सेक्टर से बड़ी उम्मीदें जुड़ी हुई हैं जिनके बारे में नीचे दिया जा रहा है.
होम लोन पर अधिक टैक्स बेनेफिट की मांग
Leaf Fintech के सीईओ और एमडी मिलिंद गोवर्धन के मुताबिक सेक्शन 80सी के तहत अधिकतम 1.5 लाख रुपये सालाना टैक्स बेनेफिट मिलता है लेकिन इसी धारा के तहत पीएफ, पीपीएफ व जीवन बीमा पॉलिसी इत्यादि के लिए भी डिडक्शन मिलता है. इस वजह से घर के लिए गए कर्ज पर टैक्स बेनेफिट हासिल करना खासा मुश्किल हो जाता है. सेक्शन 20(बी) के तहत होम लोन के ब्याज पर सालाना 2 लाख रुपये का टैक्स बेनेफिट मिलती है और सरकार ने 80ईई व 80ईईए जैसे उप-सेक्शन के जरिए भी घर खरीदारों को अतिरिक्त बेनेफिट पहुंचाने की कोशिश की है लेकिन कर्ज राशि बड़ी होने के कारण इन उप-सेक्शन का लाभ नहीं मिल पाता है. ऐसे में मिलिंद ने मांग की है कि होम लोन में टैक्स बेनेफिट को 2 लाख रुपये सालाना से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किए जाने की मांग की है.
Budget Expectations 2022: नए बजट से निवेशकों को उम्मीद, 80C की लिमिट बढ़ाएगी सरकार
रीयल एस्टेट सेक्टर को बजट से राहत की उम्मीद
मिलिंद गोवर्धन के मुताबिक रीयल एस्टेट मार्केट कोरोना महामारी के झटकों से उबर रहा है और इस तेजी को कायम रखने के लिए बजट में सहारे की उम्मीद है. डेवलपर्स चाहते हैं कि अफोर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट में घर कीमत गैर-मेट्रो क्षेत्रों में 45 लाख रुपये से बढ़ाकर 75 लाख रुपये और मेट्रो शहरों में 1.50 करोड़ रुपये कर दी जाए, ताकि हाउसिंग सेक्टर में ग्रोथ हो सके. साथ ही वे मेट्रो शहरों में फ्लैटों का आकार 60 वर्गमीटर से बढ़ाकर 90 वर्गमीटर और गैर-मेट्रो क्षेत्रों में 120 वर्गमीटर करने की पैरवी भी कर रहे हैं.
ई-इंफ्रा में सरकारी निवेश बढ़ा को टेक इंडस्ट्री की ग्रोथ तेज
CashBean के वाइस प्रेसिडेंट अंशुमन नारायण के मुताबिक फिनटेक को इस समय सबसे बड़ी जरूरत इस बात की है कि सरकार ई-इंफ्रा में निवेश बढ़ाए. नारायण के मुताबिक देश के अधिकतर हिस्सों में अभी भी हाई-स्पीड इंटरनेट की पहुंच नहीं है. निजी कंपनियां लोगों को हाई-स्पीड इंटरनेट उपलब्ध करा रही है लेकिन अंशुमन नारायण के मुताबिक अगर सरकार ई-इंफ्रा मजबूत करती है तो टेक इंडस्ट्री में तेज बढ़ोतरी हो सकती है और टैक्स कलेक्शन भी बढ़ेगा.
छोटे दुकानदारों को डिजिटल भुगतान के लिए इंसेंटिव की मांग
Minko के सीईओ और को-फाउंडर संकेत शेंदूरे (Sanket Shendure) का कहना है कि देश के खुदरा बाजार में अधिकतर लेन-देन कैश में होता है. रिटेलर्स डिस्ट्रीब्यूटर्स को यानी 30-40 लाख करोड़ रुपये का बी2बी पेमेंट्स कैश के जरिए होता है. संकेत के मुताबिक सरकार सप्लायर को पेमेंट करने के लिए छोटे दुकानदारों को डिजिटल भुगतान करने के लिए बजट में किसी इंसेंटिव का एलान करती है तो इससे न सिर्फ लागत में कमी आएगी बल्कि इससे फाइनेंशिल इनक्लूजन भी बढ़ेगा.