Budget 2021 Live Updates in Hindi: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आम बजट पेश करने जा रही हैं. यह बजट ऐसे समय में पेश होने जा रहा है, जब देश की अर्थव्यवस्था कोविड 19 महामारी से उबरकर रिकवरी के रास्ते पर है. हालांकि देश में कोरोना महामारी की तीसरी लहर के चलते एक बार फिर कुछ सेक्टर्स में अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है. इसे बूस्टर डोज माना जा रहा है क्योंकि वर्ष 2020 में बजट पेश होने के बाद अगले ही महीने कोरोना महामारी का प्रकोप फैल गया था और फिर अगले साल 2021 में भी इसके साये में बजट पेश हुआ और इस साल भी कोरोना महामारी के साये में इसे पेश किया जाएगा. ऐसे में माना जा रहा है यह बजट ग्रोथ आरिएंटेड होगा. इस बजट पर किसान हों या कामगार, इंडस्ट्री हो या बाजार, आम करदाता हो या छोटे व बड़े कारोबारी सभी की नजरें हैं. इस बीच आज से पार्लियामेंट बजट सेशन की शुरूआत हो गई है.. बजट से जुड़ी खबरों के हर अपडेट लिए आप फाइनेंशियल एक्सप्रेस हिंदी के साथ जुड़े रहें.
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Union Budget 2022 (बजट 2022) Live Coverage: बजट से जुड़ी हर खबर का अपडेट
दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही इकॉनमी में अपना कारोबार बढ़ाने की योजना बना रही और पहले से मौजूद अमेरिकी कंपनियों को आज पेश होने वाले बजट से बड़ी उम्मीद है. अमेरिकी कंपनियों को बजट 2022 से टैक्स पैरिटी की उम्मीद है. यूएस इंडिया स्ट्रेटजिक एंड पार्टनरशिप फोरम (USISPF) के प्रेसिडेंट मुकेश आघी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा कि अमेरिकी कंपनियां भारत में निवेश को लेकर इच्छुक हैं क्योंकि उनका मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का फंडामेंटल्स बहुत मजबूत है. अमेरिकी कंपनियों के लिए भारत बड़ा बाजार है और वे चीन में निवेश से जुड़े रिस्क का भी विकल्प तलाश रहे हैं.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर वित्त मंत्री निर्मंला सीतारमण संसद पहुंच चुकी हैं.
Swastika Investmart Ltd. के मैनेजिंग डायरेक्टर सुनील न्याती का कहना है कि पिछले साल जिस तरह से बजट ग्रोथ ओरिएंटेड था, इस बार भी सरकार से उसी तरह की उम्मीदें हैं. उनका कहना है कि उम्मीद है कि सरकार अपने फिस्कल एक्सपेंडिचर को हाई बनाए रखेगी. वहीं इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी फोकस रहने की उम्मीद है. उनका कहना है कि हाउसिंग लोन पर टैक्स बेनेफिट बढ़ाने की जरूरत है. वहीं कंजम्पशन को बढ़ाने के लिए क्लीयर रोडमैप की जरूरत है.
Tradingo के फाउंडर पार्थ न्याती का कहना है कि सरकार को कुछ ऐसे उपाय करने चाहिए जिससे निवेशकों के लिए बाजार और ज्यादा इन्वेस्टमेंट फ्रेंडली बन सके. इसके लिए ट्रांजेक्शन कास्ट को घटाने पर ध्यान देना चाहिए, जो भारत में पहले से ही बहुत ज्यादा है. एक तो ट्रांजेक्शन कास्ट ज्यादा है, दूसरा लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (LTCG) और सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) की वजह से निवेशकों का सेंटीमेंट और बिगड़ता है. इसलिए बजट में इनपर कुछ राहत की उम्मीद है. उनका कहना है कि आने वाले बजट में STT, स्टांप ड्यूटी और GST पर मिलने वाली राहत डिस्काउंट ब्रोकरेज इंडस्ट्री के लिए भी बड़ा बूस्टर साबित हो सकता है.
किको लाइव के सहसंस्थापक आलोक चावला का कहना है कि MSME सेक्टर को रफ्तार देने के लिए डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देना अभी बेहद जरूरी है. MSME और रिटेल सेक्टर बड़ी संख्या में नौकरियां मुहैया कराते हैं, जो अक्सर निवेश की गई राशि के रेश्यो में नहीं होते हैं. यह सेक्टर वर्तमान में दो बातों की उम्मीद कर रहा है. पहला टैक्स पर राहत और दूसरा कंप्लायंस का सरलीकरण. सेक्टर में उपयोग किए जाने वाले कैपिटल गुड्स पर हाई डेप्रिसिएशन और रिटेल इंफ्रास्ट्रक्चर के निवेश के लिए एडिशनल टैक्स कट की जरूरत है.
Medi Assist Healthcare Services के CEO और डायरेक्टर सतीश गिडुजु कि करीब 30 फीसदी भारतीय आबादी अब तक इंश्योर्ड भी नहीं है. सरकार को बजट 2022 में हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर GST दरों को कम करना चाहिए. सरकार को बजट में हेल्थ इंश्योरेंस पर सेक्शन 80D के तहत मिलने वाली छूट को कम से कम डबल करना चाहिए. इससे टैक्सपेयर्स की बचत होगी, जिसका इस्तेमाल हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज को बढ़ाने में किया जा सकता है. अगर आगामी यूनियन बजट में ये एलान किए जाते हैं तो आम भारतीय नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी. वहीं उन्हें भविष्य की किसी भी महामारी के लिए बेहतर तरीके से तैयार होने में मदद मिलेगी.
आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि 20 साल में पहली बार किसी सरकारी कंपनी का निजीकरण हुआ और यह बीपीसीएल, शिपिंग कॉरपोरेशन, पवन हंस, आईडीबीआई बैंक, बीईएम और आरआईएनएल की बिक्री के लिए रास्ता मजबूत करेगा. सरकार ने कुछ ही दिन पहले टाटा ग्रुप को एयर इंडिया का स्वामित्व 18 हजार करोड़ रुपये में सौंपा है. इसमें 15300 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कर्ज चुकाने में किया जाएगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 31 जनवरी को इकोनॉमिक सर्वे 2022 पेश किया. इसमें अगले वित्त वर्ष 2022-23 में विकास दर में गिरावट का अंदेशा जताया गया है. चालू वित्त वर्ष में 9.2 फीसदी की ग्रोथ और अगले वित्त वर्ष में 8-8.5 फीसदी की ग्रोथ का अनुमान लगाया गया है. अगले वित्त वर्ष के लिए ग्रोथ का आकलन 70-75 अमेरिकी डॉलर के भाव पर कच्चे तेल के आधार पर है. इसका मौजूदा भाव करीब 90 डॉलर है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए कुल 34,83,236 करोड़ रुपये के व्यय का बजट पेश किया था. यह चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान 34,50,305 करोड़ रुपये से थोड़ा ही अधिक था. इसमें पूंजी व्यय 5,54,236 करोड़ रुपये था, जो 2020-21 के संशोधित अनुमान 4,39,163 करोड़ रुपये से कहीं अधिक था. बजट दस्तावेज के मुताबिक, राजस्व खाते पर व्यय 29,29,000 करोड़ रुपये अनुमानित था, जबकि 2020-21 के संशोधित अनुमान के अनुसार खर्च 30,111,42 करोड़ रुपये दिखाया गया है.
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