खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ने के चलते पिछले महीने दिसंबर 2021 में खुदरा महंगाई बढ़ने की दर 5.59 फीसदी पर पहुंच गई जो पिछले साल जुलाई के बाद सबसे अधिक है. वहीं दूसरी तरफ औद्योगिक उत्पादन की ग्रोथ नवंबर में नौ महीने के निचले स्तर 1.4 फीसदी पर पहुंच गई. इसके चलते सरकार के सामने दोहरी चुनौती खड़ी हो गई है क्योंकि अगले वित्त वर्ष 2022-23 के बजट के लिए काउंटडाउन शुरू हो चुका है.
खुदरा महंगाई के बढ़ने की दर दिसंबर 2021 में केंद्रीय बैंक RBI के तय लक्ष्य 2-6 फीसदी के अपर लिमिट के करीब पहुंच गया. वहीं उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित खुदरा महंगाई की दर नवंबर 2021 में 4.91 फीसदी और दिसंबर 2020 में 4.59 फीसदी पर थी. ये आंकड़े राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) जारी करती है.
खुदरा महंगाई के आंकड़ों पर गौर करता है RBI
तेल पर टैक्स में कटौती के चलते आम लोगों को महंगाई से जो राहत मिली थी, उसे खाने की चीजों के बढ़े भाव ने कम कर दिया. एनएसओ द्वारा जारी खाद्य महंगाई दर पिछले महीने 4.05 फीसदी पर था जो नवंबर में 1.87 फीसदी पर था. आरबीआई हर दो महीने पर होने वाली मौद्रिक समीक्षा में मुख्य रूप से खुदरा महंगाई के आंकड़ों पर गौर करता है. एनएसओ द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक नवंबर के मुकाबले पिछले महीने दिसंबर में अनाज, अंडे, मसाले, तैयार भोजन, मिठाई और दूध व इससे बने प्रोडक्ट्स के भाव ऊंचे रहे.
इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन की तेजी तीसरे महीने भी सुस्त
एनएसओ द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के ग्रोथ की रफ्तार लगातार तीसरे महीने सुस्त रही और नवंबर 2021 में सिर्फ 1.4 फीसदी की ग्रोथ रही. नवंबर में सालाना आधार पर कैपिटल गुड्स आउटपुट नौ महीने में सबसे तेज गति 3.7 फीसदी से सिकुड़ा जबकि फेवरेबल बेस के बावजूद कंज्यूमर ड्यूरेबल्स की ग्रोथ 15 महीने में सबसे खराब रही और यह 5.6 फीसदी की दर सिकड़ गया. नवंबर में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में 0.9 फीसदी, खनिज उत्पादन में 5 फीसदी और बिजली उत्पादन में 2.1 फीसदी की ग्रोथ रही.