BitCoin: अल-सल्वाडोर (El-Salvador) के बाद ब्राजील में भी बिटक्वाइन (BitCoin) को करेंसी के रूप में मान्यता मिल सकती है. इस हफ्ते की शुरुआत में ब्राजील के फेडरल डिप्टी औरियो रिबेरो (Aureo Ribeiro) ने ऐलान किया था कि जल्द ही बिटक्वाइन देश में करेंसी के रूप में चलने लगेगी और ब्राजील के लोग इससे घर और कार जैसी अहम चीजें खरीद सकेंगे और बिटक्वाइन से जुड़े कानून के पास होने के बाद वे इससे मैकडोनाल्ड का पिज्जा भी खरीद सकेंगे.
ब्राजील के क्रिप्टो मीडिया पोर्टल लाइवक्वाइन्स (Livecoins) ने स्थानीय मीडिया में रिबेरो के इंटरव्यू का हवाला देते हुए जानकारी दी कि ब्राजील के बिटक्वाइन बिल को ब्राजीलियन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव से 29 सितंबर को मंजूरी मिल चुकी है. इस पर अब ब्राजील के राष्ट्रीय कांग्रेस के निचले सदन में चर्चा होगी. इस बिल के मुताबिक क्रिप्टो के जरिए मनी लांड्रिंग करने में जुर्माने के साथ चार साल से 16 साल व आठ महीने की जेल हो सकती है.
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सरकारी एजेंसी करेगी रेगुलेट
ब्राजीलियन सांसद ने कहा कि कांग्रेस से मंजूरी मिलने के बाद जब बिटक्वाइन से जुड़ा बिल प्रभावी हो जाएगा तो अन्य देश भी ब्राजील के नियामकीय मॉडल को कॉपी कर सकते हैं. रिबेरो ने कहा कि कि इस बिल को कुछ वर्षों तक चर्चा के बाद तैयार किया गया है जिसमें बिटक्वाइन को एसेट के तौर पर माना गया है और इसके पारित होने के बाद इसका लेन-देन किया जा सकेगा. बिल के मुताबिक बिटक्वाइन को सरकारी एजेंसी रेगुलेट करेगी. हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि इसे रीयल एस्टेट वैल्यू के तौर पर मान्यता दी जाएगी या डेली यूज करेंसी की तरह. अल-सल्वा़डोर और ब्राजील में बिटक्वाइन को लेकर सकारात्क स्थिति है लेकिन चीन, तुर्की, इजिप्ट, बोलिविया, इंडोनेशिया इत्यादि देशों में क्रिप्टो को प्रतिबंधित किया गया है और भारत में क्रिप्टो को लेकर रेगुलेशंस आ सकते हैं.
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क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देना समय की जरूरत
Giottus Cryptocurrency Exchange के सीईओ और सह-संस्थापक विक्रम सुब्बूराज का मानना है कि बिटक्वइन और ब्लॉकचेन तकनीक भारत समेत दुनिया भर के वित्तीय सिस्टम में सकारात्मक बदलाव ला सकती है. विक्रम के मुताबिक ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित करेंसी से विकाशील अर्थव्यवस्था के ग्रोथ को सहारा मिल सकता है, जहां लाखों लोग ऐसे हैं जिनकी बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच नहीं है. ऐसे में उन्होंने बिटक्वाइन जैसी करेंसी को लीगल टेंडर के तौर पर अपनाने की जरूरत बताई. विक्रम का मानना है कि अगर बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टो करेंसीज को कई देशों में लीगल टेंडर के तौर पर मान्यता मिलती है तो अधिक से अधिक देश इस के जरिए लेन-देन करेंगे.
(आर्टिकल: संदीप सोनी)
(क्रिप्टोकरेंसी को लेकर यहां दिए गए सुझाव/सलाह महज जानकारी के लिए हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इस की कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें.)