Multibaggers of FY23: वित्त वर्ष 2022-23 भले ही स्मालकैप सेग्मेंट के लिए बुरा रहा है, लेकिन सबसे ज्यादा मल्टीबैगर शेयर इसी सेग्मेंट से निकले हैं. इस सेग्मेंट में में करीब 30 शेयर ऐसे रहे हैं, जिन्होंने 100 से 400 फीसदी तक रिटर्न दिए हैं. वित्त वर्ष में सेंसेक्स में जहां आधा फीसदी रिटर्न मिला, वहीं निफ्टी में आधे फीसदी गिरावट रही है. मिलडकैप इंडेक्स आधा फीसदी तो स्मालकैप इंडेक्स 4 फीसदी से ज्यादा टूटा है. इस पूरे फाइनेंशियल बाजार में वोलेटिलिटी रही, जिसके पीछे मंदी का डर, ऊंची ब्याज दरें, हाई लेवल की महंगाई और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे कई निगेटिव फैक्टर हावी रहे. वित्त वर्ष 2022-23 के मुकाबले वित्त वर्ष 2020-21 और 2021-22 में बाजार का प्रदर्शन बेहतर रहा था. इस दौरान निफ्टी और सेंसेक्स दोनों ने डबल डिजिट में रिटर्न दिया था.
Equity vs Gold vs Silver: FY23 में सोने का रिटर्न सबपर भारी, अब नए साल में कहां लगाएं पैसे?
सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाले 5 लार्जकैप
ITC: 53%
M&M: 43%
ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज: 35%
NTPC: 31%
HUL: 23%
NSE-500 के टॉप शेयर
मझगांव डॉक: 166%
फिनोलेक्स केबल्स: 118%
करूर व्यासा बैंक: 118%
UCO Bank: 107%
महिंद्रा CIE: 104%
सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाले 5 मिडकैप
वरुण बेवरेजेज: 124%
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स: 98%
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया: 78%
TVS Motor: 76%
बैंक ऑफ इंडिया: 68%
सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाले 5 स्मालकैप
सोमा टेक्सटाइल्स: 408%
अपार इंडस्ट्रीज: 282%
किर्लोस्कर ऑयल: 202%
स्टर्लिंग टूल्स: 200%
पावर मकैनिक प्रोजेक्ट: 196%
इनके अलावा स्मालकैप में कई शेयर ऐसे हैं, जिनमें 100 फीसदी या ज्यादा रिटर्न मिला है. इनमें एलेकॉन इंजीनियरिंग, WPIL, कामधेनु, BLS इंटरनेशनल, च्वॉइस इंटरनेशनल, मैराथॉन नेक्स्टजेन, यूनिवर्सल केबल्स, टीटागढ़ वैगन्स, कर्नाटक बैंक, Sunflag Iron, उज्जीवन फाइनेंस सर्विसेज, TD पावर सिस्टम, फिनोलेक्स केबल्स, सफारी इंडस्ट्रीज, लॉयड मेटल्स, रामा स्टील ट्यूब्स, रिको ऑटो इंडस्ट्रीज, ION एक्सचेंज, Mahindra CIE शामिल हैं.
निवेशकों की बाजार में घट गई 8 लाख करोड़ दौलत
वित्त वर्ष 2023 में बाजार के उतार चढ़ाव में बीएसई लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में भारी कमी आई. 31 मार्च 2022 को बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 2,64,06,501.38 करोड़ रुपये था. जबकि 31 मार्च 2023 को यह 2,58,28,611 करोड़ रुपये रह गई. यानी निवेशकों को करीब 8 लाख करोड़ का झटका लगा है.