Flipkart FY22 Combined Financial Results: दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट के कुल घाटे में पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारी इजाफा हुआ है. वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान कंपनी को कुल मिलाकर 7800 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा, जो उसके पिछले कारोबारी साल यानी 2020-21 के दौरान 5,352 करोड़ रुपये था. घाटे के इस आंकड़े में कंपनी की बिजनेस-टू-बिजनेस (B2B) इकाई फ्लिपकार्ट इंडिया और बिजनेस-टू-कस्टमर (B2C) ई-कॉमर्स यूनिट फ्लिपकार्ट इंटरनेट, दोनों का वित्तीय प्रदर्शन शामिल है. फ्लिपकार्ट ने यह जानकारी सोमवार को शेयर बाजार को भेजी सूचना में दी है.
फ्लिपकार्ट इंटरनेट और फ्लिपकार्ट इंडिया का प्रदर्शन
कंपनी ने रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया है कि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान उसकी B2C इकाई फ्लिपकार्ट इंटरनेट का घाटा 2,907 करोड़ रुपये था, जो 2021-22 में बढ़कर 4,399 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. इसमें फ्लिपकार्ट समूह की यूनिट्स – मिंत्रा (Myntra) और इंस्टाकार्ट (Instakart) के वित्तीय नतीजे भी शामिल है. जबकि फ्लिपकार्ट की B2B इकाई फ्लिपकार्ट इंडिया (पुराना नाम वॉलमार्ट इंडिया) का घाटा भी 2020-21 में 2,445.6 करोड़ रुपये था, जो 2021-22 में बढ़कर 3,413 करोड़ रुपये हो गया.
नेट इनकम में बढ़ोतरी
फ्लिपकार्ट ग्रुप की कंपनियों का घाटा भले ही बढ़ा हो, लेकिन इसी अवधि के दौरान उनकी कंबाइंड नेट इनकम यानी साझा शुद्ध आय में भी करीब 20 फीसदी का इजाफा देखने को मिला. 2021-22 में फ्लिपकार्ट की कंबाइंड नेट इनकम लगभग 61,836 करोड़ रुपये रही. इसमें फ्लिपकार्ट इंडिया की नेट इनकम 51,176 करोड़ रुपये और फ्लिपकार्ट इंटरनेट की 10,660 करोड़ रुपये रही. इसके मुकाबले वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान कंपनी की साझा शुद्ध आय 51,465 करोड़ रुपये ही थी, जिसमें फ्लिपकार्ट इंडिया का योगदान 43,349 करोड़ रुपये और और फ्लिपकार्ट इंटरनेट का 8,116 करोड़ रुपये था. समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया है कि कंपनी ने इन नतीजों के बारे में भेजे गए सवाल का अब तक कोई जवाब नहीं दिया है.
फेस्टिव सीजन सेल में फ्लिपकार्ट का दबदबा
फ्लिपकार्ट की रेवेन्यू में उछाल की वजह उसकी बिक्री में हुई बढ़ोतरी है. मार्केट रिसर्च फर्म रेडसीर (Redseer) के मुताबिक फेस्टिव सीज़न के दौरान हुई कुल बिक्री के लिहाज से कंपनी बाजार में फिलहाल सबसे आगे चल रही है. रेडसीर की रिपोर्ट के अनुसार सितंबर के आखिरी सप्ताह में फेस्टिव सीज़न सेल में कुल 40,000 करोड़ रुपये के सामानों की बिक्री हुई, जिसमें अकेले फ्लिपकार्ट का हिस्सा 24,800 करोड़ रुपये यानी 62 फीसदी रहा.