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Gold Price Today: सोना हुआ साठ हजारी, 10 हजार से 60 हजार तक ऐसे तय हुआ सफर, बैंकिंग क्राइसिस से बढ़ी चमक

Gold Crosses 60K Mark: बैंकिंग क्राइसिस और मंदी की आशंका के चलते सोना पहली बार 60 हजार के पार निकल गया. सोना आज करीब 1000 रुपये मजबूत होकर 60455 रुपये तक पहुंच गया था.

Gold Outlook
Gold Prices: सोने की कीमतों में तेजी का प्रमुख कारण बैंकिंग क्राइसिस है.

Gold Prices Rose Today: सोने की कीमतों में आज जोरदार तेजी देखने को मिली है. बैंकिंग क्राइसिस और मंदी की आशंका के चलते सोना पहली बार 60 हजार के पार निकल गया. सोना आज करीब 1000 रुपये मजबूत होकर 60455 रुपये तक पहुंच गया था. शेयर बाजारों में गिरावट से भी सोने की कीमतों को सपोर्ट मिला है. बैंकिंग संकट गहराने से दुनियाभर के शेयर बाजारों में गिरावट आई है, वहीं मंदी की आश्‍ंका भी गहराने लगी है, जिससे सोने में सेफ हैवन के रूप में खरीदारी देखने को मिली. एक्‍सपर्ट मान रहे हैं कि सोने के लिए माहौल फेवरेबल है, आगे यह 64 हजार की रेंज भी पार कर सकता है. इससे पहले एमसीएक्स पर इसका ऑल टाइम हाई 58,847 रुपये प्रति 10 ग्राम था.

10 हजार से 60 हजार का सफर

5 मई 2006: 10,000 रुपये
6 नवंबर, 2010: 20,000 रुपये
1 जून, 2012: 30,000 रुपये
3 जनवरी, 2020: 40,000 रुपये
22 जुलाई 2020: 50,000 रुपये
20 मार्च, 2023: 60,000 रुपये

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64 हजार तक जाएगा सोना

केडिया कमोडिटी के डायरेक्‍टर अजय केडिया का कहना है कि सोने की कीमतों में तेजी का प्रमुख कारण बैंकिंग क्राइसिस है. यूबीएस द्वारा क्रेडिट सूइस बैंक को खरीदने की बात आ रही है, लेकिन इससे एक दम से बैंकिंग क्राइसिस खत्‍म हो जाएगा, ऐसा नहीं होने वाला है. यह कंसर्न अभी बना हुआ है. दूसरा डॉलर इंडेक्‍स में फिरसे गिरावट देखने को मिल रही है. दुनियाभर के शेयर बाजारों में गिरावट से भी सोने की कीमतों को सपोर्ट मिला है. फेड रेट हाइक को लेकर भी अनिश्चितता है. असल में अनिश्चितता में सोने का निवेश का सुरक्षित विकल्‍प माना जाता है. आने वाले दिनों में यह 64,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है. केडिया ने अपना टारगेट 62 हजार से बढ़ाकर 64 हजार कर दिया है.

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स्‍ट्रक्‍चरल अपट्रेंड बरकरार

ब्रोकरेज हाउस आईसीआईसीआई सिक्‍योरिटीज का कहना है कि सोने की कीमतों में स्‍ट्रक्‍चरल अपट्रेंड यानी बढ़ोतरी का रुझान बरकरार है क्योंकि इसने सितंबर 2020 के अपने आलटाइम हाई 56018 रुपये प्रति 10 ग्राम को हाल ही में पार किया था. इसमें एक बार और ब्रेकआउट आया है, जो कीमतों के ऊपर की ओर बढ़ने का संकेत है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमतों में भी तेजी का रुख है. ऐतिहासिक रूप से, हमने पिछले 5 दशकों यानी 50 साल में यह ट्रेंड देखा है कि सोने की कीमतों में बड़े उतार-चढ़ाव 4 से 5 साल तक रहे हैं. वर्तमान संदर्भ में, हम करंट अपट्रेंड के मिड में हैं. उम्मीद है कि बाजार का लय कायम रहेगा और अगले कुछ सालों तक तेजी जारी रहेगी.

इन वजहों से भी मिला सपोर्ट

लोबली ज्‍यादातर प्रमुख देशों के केंद्रीय बैंक अपने कॉर्पस में सोना जोड़कर अपनी होल्डिंग में डाइवर्सिफिकेशन लाने की कोशिश कर रहे हैं. मुख्य रूप से, यूएस ट्रीजरी को उनकी होल्डिंग का एक बड़ा हिस्सा माना जाता है. केंद्रीय बैंकों ने कैलेंडर वर्ष 2022 में 1136 टन से अधिक सोना खरीदा, जो किसी भी कैलेंडर वर्ष में सबसे अधिक है. हाल ही में अमेरिकी रिटेल महंगाई में नरमी और यूएस फेड द्वारा नरमी के संकेत के चलते सोने की कीमतों में बढ़ोतरी हुई. अमेरिकी डॉलर के साथ-साथ अमेरिकी बांड यील्‍ड में भी नरमी आने से सोने को सपोर्ट मिला है. वहीं इक्विटी में अनिश्चितता, जियोपॉलिटिकल टेंशन ने भी सेफ हैवन डिमांड बढ़ाई है.

First published on: 20-03-2023 at 15:50 IST

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