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उच्च स्तरीय बैठक में एक बारगी छूट का फैसला
सरकार ने कंपनियों और ग्राहकों (बी टू सी) के बीच लेन-देन से जुड़े बिलों के मामले में क्यूआर कोड प्रावधानों का अनुपालन नहीं करने पर जुर्माने से चार महीने की राहत दी है. इस मामले में 31 मार्च, 2020 तक सशर्त छूट प्रदान की गई है. हालांकि, 500 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाली कंपनियों को जुर्माने से छूट लेने के लिए एक अप्रैल, 2021 से अनिवार्य रूप से क्यूआर कोड वाले बी2सी बिल जारी करना अनिवार्य होगा. बी टू सी बिलों पर क्यूआर कोड प्रकाशित करने की व्यवस्था एक दिसंबर से लागू की गयी है.
‘क्विक रिस्पांस कोड’ (क्यूआर कोड) से यूजर्स को डिजिटल तरीके से हस्ताक्षर किये गये ई-बिलों में ब्योरे को सत्यापित करने में मदद मिलती है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने 29 नवंबर को जारी अधिसूचना में कहा कि कंपनियों से ग्राहकों के बीच लेन-देन को लेकर क्यूआर कोड प्रावधानों के अनुपालन नहीं करने को लेकर जुर्माने से छूट दी गयी है. यह छूट एक दिसंबर, 2020 से 31 मार्च, 2021 तक के लिये है. यह छूट इस शर्त पर निर्भर है कि उक्त व्यक्ति एक अप्रैल, 2021 से इस प्रावधान का अनुपालन करेगा.
UPI पर GST सुविधा के लिए एक साल से हो रहा काम
राजस्व विभाग के सूत्रों ने बताया कि सरकार यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) पर जीएसटी सुविधा को लेकर लगभग एक साल से बैंकों, विक्रेताओं और नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के साथ काम कर रही है. राजस्व विभाग ने प्रॉजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिये एनपीसीआई और शीर्ष बैंकों व संबंधित पक्षों के साथ कई दौर की बैठकें कीं. एनपीसीआई ने जरूरी समाधान उपलब्ध कराया है और बैंकों के साथ साझा तकनीकी दस्तावेज, बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू) समेत अन्य चीजें शेयर की हैं.
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तैयारी नहीं हो सकी पूरी
सूत्रों के अनुसार एनपीसीआई छह फरवरी, 2020 से बैंक प्रमाणन के लिये तैयार था और यूपीआई पर जीएसटी सुविधा मार्च 2020 से शुरू किये जाने का लक्ष्य था. हालांकि कई बैठकों के बावजूद ज्यादातर बैंक यूपीआई पर जीएसटी सुविधा को लेकर पूरी तैयारी नहीं कर सके. यूपीआई पर जीएसटी की सुविधा को लेकर उच्च स्तरीय बैठक में एक बारगी चार महीने यानी 31 मार्च 2021 तक के लिये जुर्माना प्रावधान से छूट देने का फैसला किया है. यह छूट इस शर्त पर दी गयी कि संबंधित पक्ष एक अप्रैल 2021 से बिलों पर क्यूआर कोड की व्यवस्था लागू करने के लिये जरूरी कदम उठाएंगे और फलस्वरूप यूपीआई पर जीएसटी व्यवस्था को सुलभ किया जा सके.
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