How To Buy Shares of Google, Facebook, Apple And Other Top US Stocks From India: अमेरिकी शेयर्स का एक्सपोजर लेने के इच्छुक भारतीय निवेशक देश में उपलब्ध म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश करने पर विचार कर सकते हैं. आज के समय में कई इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड स्कीम मौजूद हैं जो निवेशकों को खुद के पोर्टफोलियो में ग्लोबल डाइवर्सिटी लाने की अनुमति देते हैं. इन सब के अलावा एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) भी हैं जो निवेशकों को विदेशों में निवेश करने में मदद करता है. Fisdom के रिसर्च हेड नीरव करकेरा (Nirav Karkera) बताते हैं कि भारतीय निवेशकों के लिए विभिन्न प्रकार के इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड भी हैं जिनमें से कुछ ग्लोबल सिक्योरिटीज में सक्रिय रूप से मैनेज्ड इनवेस्टमेंट करने की पेशकश करते हैं. अन्य ईटीएफ और फंड ऑफ फंड्स के माध्यम से व्यापक पोर्टफोलिओ बनाने में मदद करने के साथ-साथ नए विषयगत सूचकांकों (innovative thematic indices) तक पहुंच के एक्सेस उपलब्ध कराते हैं.
सस्ते में विदेशी पोर्टफोलियो बनाने में मदद करते हैं इंटरनेशनल MF
इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड विभिन्न सेक्टर और ग्लोबल थीम में एक्सपोजर के साथ कम खर्चे में विदेशी पोर्टफोलियो तैयार करने की राह बनाता है. रिसर्च हेड नीरव करकेरा बताते हैं कि अमेरिकी बेस्ड कंपनियों का एक्सपोजर लेने का सबसे आसान तरीका भी उपलब्ध है. इसके लिए खासकर अमेरिका की बड़ी टेक कंपनियों में ईटीएफ या फंड ऑफ फंड्स के जरिए निवेश किया जा सकता है. NASDAQ100 जैसे ग्लोबल टेक-ओरिएंटेड इंडिसेज (global tech-oriented indices) में म्यूचुअल फंड के माध्यम से निवेश किए जा सकते हैं. Fisdom के रिसर्च हेड बताते हैं कि इसके लिए देश में Navi MF, Axis MF, Aditya Birla Sun Life MF और Motilal Oswal MF समेत तमाम एसेट मैनेजमेट कंपनी (AMC) इस तरह के फंड में निवेश करने की पेशकश करते हैं.
अमेरिका टेक कंपनियों के अलावा भी दूसरे विकल्प भी हैं मौजूद
नीरव करकेरा कहते हैं कि अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनियों में निवेश के कई और भी विकल्प हैं. इसके लिए निवेशकों को Mirae Asset NYSE FANG + ETF फंड ऑफ फंड जैसे इनोवेटिव, फोकस्ड फंड के जरिए निवेश करना होगा. इनके अलावा अन्य फंड भी हैं जिनमें निवेश करके निवेशक ग्लोबल स्टॉक का एक्सपोजर ले सकते हैं वे एक्टिव या पैसिव रूट के जरिए दूसरे फंड को चुन सकते हैं.
विदेशी स्टॉक में निवेश के लिए कई रेगुलेटरी रोडब्लॉक से होगा गुजरना
हालांकि, इस राह में निवेशकों को कई रेगुलेटरी रोडब्लॉक से होकर गुजरना होगा. म्युचुअल फंड सेक्टर द्वारा विदेश में निवेश की कुल एमाउंट 7 बिलियन डॉलर तक सीमित है. और विदेशी निवेश की अधिकतम एमाउंट जो किसी म्यूचुअल फंड हाउस के पास हो सकती है वह $1 बिलियन है. जैसे ही इस सीमा का उल्लंघन होता है, उसके बाद कई फंड हाउस नए डिपॉजिट स्वीकार करना बंद कर देते हैं. इसलिए, हो सकता है कि सभी फंड हाउस इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड में निवेश स्वीकार नहीं कर रहे हों.
(Article : Sunil Dhawan)