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विदेश में सामान बेचने के लिए ये हैं शर्तें, जानिए पूरा प्रोसेस

विदेशों में सामान एक्‍सपोर्ट करने की चाहत रखने वाले हर बिजनेसमैन को भारत सरकार एक्सपोर्ट करने का लाइसेंस देती है, लेकिन उसकी कुछ शर्तें होती हैं.

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विदेशों में सामान एक्‍सपोर्ट करने की चाहत रखने वाले हर बिजनेसमैन को भारत सरकार एक्सपोर्ट करने का लाइसेंस देती है, लेकिन उसकी कुछ शर्तें होती हैं.
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विदेशों में सामान एक्‍सपोर्ट करने की चाहत रखने वाले हर बिजनेसमैन को भारत सरकार एक्सपोर्ट करने का लाइसेंस देती है, लेकिन उसकी कुछ शर्तें होती हैं.

ज्यादातर बड़े मैन्‍युफैक्‍चरर/ट्रेडर्स अपने प्रोडक्‍ट को विदेशों में बेचना चाहते हैं और डॉलर या यूरो जैसी करेंसी में कमाई करना चाहते हैं और कई मैन्‍युफैक्‍चरर/ट्रेडर्स ऐसा करते भी हैं. लेकिन, इन सबके बीच कुछ ऐसे मैन्‍युफैक्‍चरर/ट्रेडर्स भी रह जाते हैं जो विदेशों में सामान बेचना तो चाहते हैं लेकिन, उन्हें ऐसा करने का तरीका नहीं पता. तो चलिए आज यही जानते हैं कि आखिर विदेशों में एक्सपोर्ट करने की क्या प्रक्रिया है.

भारत सरकार एक्‍सपोर्ट करने के इच्‍छुक हर बिजनेसमैन को एक्‍सपोर्ट लाइसेंस देती है. लेकिन, उनकी अपनी कुछ शर्तें होती हैं, जिन्हें पूरा करना होता है. सरकारी वेबसाइट इंडियन ट्रेड पोर्टल पर एक्‍सपोर्ट लाइसेंस हासिल करने के लिए अनिवार्य शर्तों के बारे में पूरी जानकारी है, आइए जानते हैं.

कंपनी शुरू करें

एक्‍सपोर्ट बिजनेस की शुरुआत करने के लिए सबसे पहले आपको एक कंपनी बनानी होगी. ये कंपनी अकेले या पार्टनरशिप में बनाई जा सकती है. जिसकी पूरी जानकारी सरकार को दी जाएगी.

बैंक अकाउंट और पैन

एक्‍सपोर्ट बिजनेस के लिए आपके पास बैंक अकाउंट होना चाहिए, जिसमें आपकी कंपनी का पूरा लेनदेन किया जाएगा. इसलिए किसी भी विदेशी मुद्रा में डील करने वाले ऑथराइज्‍ड बैंक में अपना करेंट अकाउंट खुलवा लें. इसके अलावा पैन कार्ड भी अनिवार्य है.

इंपोर्टर-एक्‍सपोर्टर कोड (IEC) नंबर

IEC एक 10 डिजिट वाला नंबर होता है, जो एक्‍सपोर्ट या इंपोर्ट करने के लिए जरूरी होता है. इंपोर्टर-एक्‍सपोर्टर कोड के लिए डीजीएफटी की रीजनल अथॉरिटी को एप्‍लीकेशन सबमिट करनी होती है. इसके लिए आपको फॉर्म ANF 2A भरना होगा, इसके साथ आपसे कुछ जरूरी डॉक्‍यूमेंट्स भी लिए जाएंगे. आप DGFT की वेबसाइट http://dgft.gov.in/ पर भी e-IEC के लिए अप्‍लाई कर सकते हैं.

रजिस्‍ट्रेशन कम मेंबरशिप सर्टिफिकेट (RCMC)

इंपोर्ट/एक्‍सपोर्ट के लिए RCMC भी अनिवार्य है. इसे एक्‍सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल्स/फियो/कमोडिटी बोर्ड्स/अथॉरिटीज द्वारा दिया जाता है. इससे एक्‍सपोर्टर FTP 2015-20 के तहत कंसेशन का भी लाभ ले सकते हैं.

प्रोडक्‍ट और मार्केट सिलेक्‍शन

ये आपके व्यापार से जुड़ा मुद्दा है. आप किस प्रोडक्ट को एक्सपोर्ट करना चाहते हैं, उसका मार्केट क्या होगा, इन सब बातों पर जरूरी रिसर्च जरूर कर लें. बता दें कि आप प्रतिबंधित प्रोडक्‍ट्स के अलावा किसी भी प्रोडक्‍ट का एक्‍सपोर्ट कर सकते हैं. आप एफटीपी के तहत कुछ देशों में मिलने वाले मार्केट बेस्‍ड एक्‍सपोर्ट बेनिफिट्स को भी पता कर लें.

(Source- http://www.indiantradeportal.in/vs.jsp?lang=0&id=0,25,44)

First published on: 17-10-2018 at 14:19 IST

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