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SBI Report: Q1 में 18.5% की दर से बढ़ सकती है जीडीपी, RBI ने इससे अधिक ग्रोथ का लगाया है अनुमान

एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही अप्रैल-जून 2021 में जीडीपी ग्रोथ 18.5 फीसदी रह सकती है. हालांकि अप्रैल-जून 2020 में जीडीपी 23.9 फीसदी की दर से घट गई थी.

India GDP likely to grow at 18 plus half percent in April-June quarter this fiscal accroding to SBI report
एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक आवाजाही प्रभावित होने के चलते जीडीपी ग्रोथ में गिरावट आती है लेकिन आवाजाही में बढ़ोतरी के चलते उसी अनुपात में जीडीपी नहीं बढ़ती है.

चालू वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही अप्रैल-जून 2021 में देश की जीडीपी (ग्रॉस डोमेस्टिक प्रॉडक्ट) 18.5 फीसदी की दर से बढ़ सकती है. एसबीआई की इकोरैप रिसर्च रिपोर्ट में यह अनुमान व्यक्त किया गया है. इसके मुताबिक वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ अपवार्ड रह सकती है. हालांकि यह ग्रोथ रेट अभी भी बेहतर नहीं कही जा सकती है क्योंकि वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ शून्य से भी नीचे चली गई थी.

पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही अप्रैल-जून 2020 में जीडीपी उसके पिछले वित्त वर्ष 2019-20 के पहली तिमाही की तुलना में 23.9 फीसदी नीचे गिर गई थी. वहीं दूसरी तरफ अप्रैल-जून 2019 में भी जीडीपी के आंकड़े बेहतर नहीं थे क्योंकि उस अवधि में जीडीपी 5 फीसदी की दर से बढ़ी थी जोकि जनवरी-मार्च 2013 के बाद से सबसे धीमी जीडीपी ग्रोथ थी.

आरबीआई के अनुमान से कम यह ग्रोथ का आकलन

एसबीआई की रिसर्च टीम का यह अनुमान केंद्रीय बैंक RBI (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) के अनुमान से कम है. आरबीआई ने अप्रैल-जून 2021 तिमाही के लिए 21.4 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान लगाया है. रिपोर्ट के मुताबिक एसबीआई की रिसर्च टीम ने  ‘नाउकास्टिंग मॉडल’ के आधार पर जीडीपी ग्रोथ का यह अनुमान लगाया है. वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही में लो बेस के चलते अधिक ग्रोथ रहेगी. भारतीय स्टेट बैंक ने इंडस्ट्रियल एक्टिविटी, सर्विस एक्टिविटी और ग्लोबल इकोनॉमी से जु़ड़े हुए 41 हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर्स के आधार पर नाउकास्टिंग मॉडल को विकसित किया है.

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जीवीए के 15 फीसदी पर रहने का अनुमान

रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि अप्रैल-जून 2021 तिमाही में ग्रॉस वैल्यू एडेड (जीवीए) 15 फीसदी पर रह सकता है. कॉरपोरेट ने अब तक जो रिजल्ट्स घोषित किए हैं, उनसे चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कॉरपोरेट जीवीए (ईबीआईटीडीए और एंप्लाई कॉस्ट) में पर्याप्त रिकवरी के संकेत मिल रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक पिछली तिमाही (अप्रैल-जून 2021) में 4069 कंपनियों के कॉरपोरेट जीवीए में 28.4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. हालांकि फिर भी यह पिछले वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही के मुकाबले कम रहा जिसके चलते जीडीपी ग्रोथ कम रहने के संकेत मिल रहे हैं.

दूसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियों के पटरी पर लौटने के संकेत

एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक आवाजाही प्रभावित होने के चलते जीडीपी ग्रोथ में गिरावट आती है लेकिन आवाजाही में बढ़ोतरी के चलते उसी अनुपात में जीडीपी नहीं बढ़ती है. एसबीआई रिसर्च टीम के मुताबिक आवाजाही और जीडीपी के बीच की कड़ी कमजोर हुई है. अप्रैल-जून 2021 में कोरोना महामारी के चलते देश के कई हिस्सों में आवाजाही प्रभावित हुई थी लेकिन जीडीपी ग्रोथ अधिक और पॉजिटिव रही. हालांकि सालाना आधार पर अधिक ग्रोथ का सबसे बड़ा कारण बेस इफेक्ट रहा. रिपोर्ट के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में आरटीओ (क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय) कलेक्शन और बिजली खपत में सुधार हुआ है जिसके चलते आर्थिक गतिविधियों के पटरी पर लौटने के सकारात्मक संकेत दिख रहे हैं.

First published on: 24-08-2021 at 12:35 IST

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