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Lower Circuit: सेंसेक्स और निफ्टी में लोअर सर्किट, क्या है इसके नियम और मायने

शेयर बाजार में आज शुरूआती कारोबार के दौरान ऐसी गिरावट आई कि लोअर सर्किट लग गया.

शेयर बाजार में आज शुरूआती कारोबार के दौरान ऐसी गिरावट आई कि लोअर सर्किट लग गया.

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Lower Circuit: सेंसेक्स और निफ्टी में लोअर सर्किट, क्या है इसके नियम और मायने

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Lower Circuit Rule In Stock Market: शेयर बाजार में आज शुरूआती कारोबार के दौरान ऐसी गिरावट आई कि लोअर सर्किट लग गया. जिसके बाद बाजार में 45 मिनट तक के लिए ट्रेडिंग रोक दी गई. मार्च में ऐसा दूसरी बार हुआ जब बाजार में लोअर सर्किट लगा. जबकि शेयर बाजार के इतिहास में ऐसा छठीं बार हुआ है. फिलहाल मार्च 2020 के पहले 2008 यानी 12 साल पहले शेयर बाजार में लोअर सर्किट लगा था. जब बाजार में लोअर सर्किट लगा उस समय सेंसेक्स करीब 2,991 अंक टूटकर 26,924 और निफ्टी 824 अंक टूटकर 7,903 के सतर पर आ गया था.

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क्या है लोअर या अपर सर्किट

लोअर या अपर सर्किट शेयर बाजार के लिए एक आटोमैटिक मकैनिज्म है जो ट्रेडिंग के दौरान सिक्युरिटी या इंडेक्स में बड़ी गिरावट या बड़ी तेजी को थामने के लिए लगाया जाता है. यह बाजार में बड़ी वोलैटिलिटी से निपटने में मदद करता है.

10 फीसदी लोअर सर्किट के नियम

आज शेयर बाजार में कारोबार शुरू होने के कुछ मिनट बाद ही ​सेंसेक्स में करीब 10 फीसदी की गिरावट आ गई. जिसके बाद कारोबार रोकना पड़ा. नियम के अनुसार अगर 10 फीसदी की गिरावट 1 बजे से पहले आती है, जो बाजार में एक घंटे के लिए कारोबार रोक दिया जाता है. 45 मिनट बाद 15 मिनट के प्री ओपन सेशन के बाद कारोबार दोबारा शुरू होता है.

वहीं, 10 फीसदी का लोअर सर्किट दोपहर 1 बजे के बाद लगता है, तो कारोबार 30 मिनट के लिए रुख जाता है. 2.30 बजे के बाद 10 फीसदी का लोअर सर्किट लगने पर कारोबार जारी रहता है.

15 फीसदी का लोअर सर्किट

अगर इंडेक्स में 15 फीसदी की गिरावट 1 बजे से पहले आती है, तो बाजार में 2 घंटे के लिए कारोबार रोक दिया जाता है. दोपहर 1 बजे के बाद 15 फीसदी गिरावट आने पर एक घंटे के लिए कारोबार रुकता है. लेकिन 2.30 बजे के बाद 15 फीसदी का सर्किट लगे तो कारोबार जारी रहता है.

20 फीसदी का लोअर सर्किट

अगर सेंसेक्स या निफ्टी में 20 फीसदी तक गिरावट आए तो कारोबार उस दिन शुरू नहीं किया जाता है. बाजार उस दिन के लिए बंद हो जाता है और अगले ही दिन उसमें ट्रेडिंग शुरू की जाती है.

बाजार में गिरावट के पीछे वजह

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