Mentha Oil Rate Today: गुरुवार (8 जुलाई, 2021) को मेंथा ऑयल में मामूली गिरावट आई . बुधवार की तुलना में इसमें 3.80 रुपये की गिरावट दर्ज की गई. बुधवार को यह 1019.80 पर बंद हुआ था. गुरुवार को इसकी हाजिर कीमत 1089.30 रुपये प्रति किलो रही. पिछले साल 11 जून को मेंथा ऑयल की कीमतों ने टॉप लेवल छुआ था . पिछले एक-डेढ़ महीने से मेंथा ऑयल की कीमतों में लगातार तेजी दर्ज की जा रही है. विश्लेषकों का मानना कि सप्लाई में कमी की वजह से मेंथा की कीमतें और बढ़ सकती हैं. मामूली गिरावट को छोड़ दें तो इसमें लगातार तेजी बनी हुई है. निवेशकों को अब भी इसमें मुनाफा नजर आ रहा है.
मेंथा की फसल बरबाद होने से चढ़े दाम
दरअसल मेंथा ऑयल ( Peppermint) में यह तेजी इसकी सप्लाई में गिरावट की वजह से आ रही है. देश में सबसे ज्यादा मेंथा की खेती और उत्पादन यूपी के बाराबंकी में होता है. देश के कुल मेंथा ऑयल ( (Mentha oil)का 70 फीसदी का उत्पादन यहीं होता है. लेकिन असमय बारिश ने इस साल यहां इसकी फसल बरबाद कर दी. किसानों के मुताबिक पहले ‘तौकते’ फिर ‘यास’ तूफान से हुई बारिश ने मेंथा की फसल बर्बाद कर दी. प्री-मानसून ने भी फसल का काफी नुकसान किया. किसानों के मुताबिक लगभग 50 फीसदी फसल बर्बाद हो गई.
मेंथा की कीमतें पिछले महीने से ही बढ़ रही हैं लेकिन 2 जून से इसकी कीमतों ने ज्यादा तेजी दिखाई है. 2 जून को इसकी कीमत 912 रुपये प्रति किलो थी लेकिन पिछले शुक्रवार को यह बढ़ कर 1,157 रुपये प्रति किलो हो गई. विश्लेषकों का मानना है कि इस बार सप्लाई कम है और देश के अलग-अलग हिस्सों में आर्थिक गतिविधियों में जैसे-जैसे तेजी आएगी, इसकी डिमांड अभी और बढ़ेगी. लिहाजा कीमतों में और इजाफा हो सकता है.
1250 से 1350 रुपये के प्राइस लेवल को छू सकता है मेंथा
पिछले तीन दिनों में मेंथा ऑयल में 7.53 फीसदी की रैली दिखी है. कमोडिटी मार्केट विश्लेषकों का कहना है कि सप्लाई की और भारतीय फ्रेगरेंस मार्केट के रिवाइवल की वजह से इसकी अच्छी मांग रहने वाली है. मेंथा ऑयल का इस्तेमाल फार्मा और एफएमसीजी इंडस्ट्री में होती है. दवाइयों के अलावा यह साबुन, सैनिटाइजर और कफ सीरप बनाने में इस्तेमाल होता है. पान मसाला उद्योग में भी यह काफी इस्तेमाल किया जाता हैपिछले साल 11 जून को मेंथा ऑयल की कीमतों ने टॉप लेवल छुआ था . पिछले एक-डेढ़ महीने से मेंथा ऑयल की कीमतों में लगातार तेजी दर्ज की जा रही है. विश्लेषकों का मानना कि सप्लाई में कमी की वजह से मेंथा की कीमतें और बढ़ सकती हैं