कोरोना की दूसरी लहर की वजह से आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित होने के बावजूद सरकार के डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. चालू वित्त वर्ष के दौरान 1 अप्रैल से 15 जून तक डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में तेज बढ़त दर्ज हुई है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) के मुताबिक, मौजूदा वित्त वर्ष ( 2021-22 ) में अब तक नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन (Net Direct Tax collections) दोगुना से ज्यादा होकर 1.85 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया. नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में शामिल कॉरपोरेट इनकम टैक्स (Corporate Income Tax) कलेक्शन 74,356 करोड़ रुपये है. सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स समेत पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन 1.11 लाख करोड़ रुपये रहा. सीबीडीटी के बयान के मुताबिक 1 अप्रैल से 15 जून टैक्स रिफंड को एडजस्ट करने के बाद नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 1,85,871 करोड़ रुपये रहा जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 92,762 करोड़ रुपये था. यानी पिछले साल के मुकाबले इसमें 100.4 फीसदी बढ़ोतरी हुई है.
ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 2.16 लाख करोड़ रुपये
चालू वित्त वर्ष में अबतक 30,731 करोड़ रुपये का टैक्स रिफंड किया गया है. मौजूदा वित्त वर्ष में अब तक ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 2.16 लाख करोड़ रुपये रहा जो पिछले साल इसी अवधि में 1.37 लाख करोड़ रुपये था. बयान के मुताबिक, कुल इनकम टैक्स 96,923 करोड़ रुपये रहा जबकि पर्सनल इनकम टैक्स 1.19 लाख करोड़ रुपये रहा. एडवांस टैक्स कलेक्शन 28,780 करोड़ रुपये. टीडीएस 1,56,824 करोड़ रुपये रहा. सेल्फ असेसमेंट टैक्स 15,343 करोड़ रुपये और रेगुलर असेसमेंट टैक्स 14,079 करोड़ रुपये का रहा.
अर्थशास्त्रियों ने कहा, इकोनॉमी की सही तस्वीर पेश नहीं करता मौजूदा टैक्स कलेक्शन
इक्रा की चीफ इकोनॉमिस्ट ने अदिति नैयर ने कहा कि पहली तिमाही में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी एक्सपोर्ट की बेहतर स्थिति के साथ औद्योगिक और निर्माण गतिविधियों में निरंतरता का नतीजा है. लेकिन AMRG & Associates के सीनियर पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि इस टैक्स कलेक्शन की तुलना पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि से नहीं की जा सकती क्योंकि उस दौरान लॉकडाउन का दौर था. उस वक्त अर्थव्यस्था को लेकर काफी अनिश्चतता थी. इकोनॉमी दहाई अंक में सिकुड़ गई थी और टैक्स रिटर्न भरने की तारीख भी आगे बढ़ाई गई थी.