Patanjali Share Price NSE,BSE: शेयर बाजार के नियमों की अनदेखी के चलते बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने पतंजलि फूड (Patanjali Foods) के करीब 29.25 करोड़ शेयरों को फ्रीज कर दिया है. इन शेयरों में आज से ट्रेडिंग नहीं हो रही है. एक्सचेंज की ओर से फ्रीज किए गए शेयर कंपनी के प्रमोटर्स ग्रुप के हैं. हालांकि कंपनी ने कहा कि इस फैसले का उसके कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ेगा. दूसरी ओर इस खबर के बाद आज के कारोबार में कंपनी के शेयरों में 5 फीसदी तक गिरावट आई है.
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प्रमोटर्स में कौन कौन है शामिल
पतंजलि फूड्स लिमिटेड ने कहा कि इस फैसले का उसके कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ेगा. पतंजलि फूड्स लिमिटेड (पहले रुचि सोया इंडस्ट्रीज) ने गुरूवार को कहा कि कंपनी में उसके प्रवर्तकों की शेयरधारित पर रोक लगाने से उसकी वित्तीय स्थिति और कामकाज पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. पीएफएल ने बताया कि बीएसई और एनएसई ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, आचार्य बालकृष्ण, पतंजलि परिवहन और पतंजलि ग्रामोद्योग न्यास समेत समेत उसकी 21 प्रवर्तक इकाइयों के शेयरों के लेनदेन पर न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता के नियमों का पालन नहीं करने की वजह से रोक लगा दी है.
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निवेशकों का आज शेयर में हुआ नुकसान
Patanjali Foods के शेयरों में आज गिरावट देखने को मिली है. आज शेयर 5 फीसदी तक टूटकर 916 रुपये पर आ गए, जबकि बुधवार को यह 964 रुपये पर बंद हुआ था. हालांकि बाद में यह रिकवर होकर 940 रुपये के आस पास आ गया है. इस साल कंपनी के शेयर में 21 फीसदी गिरावट आ चुकी है. शेयर के लिए 1 साल का हाई 1495 रुपये है. जबकि 866 रुपये एक साल का लो है. 1 साल के हाई से शेयर 37 से 38 फीसदी कमजोर हुआ है.
क्या है सेबी का नियम
मार्केट रेगुलेटर सेबी का नियम कहता है कि बाजार में लिस्टेड किसी भी कंपनी के 25 फीसदी स्टॉक पर हर हाल में पब्लिक शेयर होल्डिंग होनी चाहिए. दिसंबर, 2022 के अंत तक पतंजलि फूड ने इन नियमों का पालन पूरा नहीं किया और उसके शेयरों में पब्लिक हिस्सेदारी महज 19.18 फीसदी रही. कंपनी ने इन नियमों की अनदेखी करते हुए ज्यादातर हिस्सेदारी अपने प्रमोटर्स के पास बनाए रखी है. यही कारण रहा कि स्टॉक एक्सचेंजों ने प्रर्वतकों के शेयरों को फ्रीज कर दिया. इससे कंपनी के 29 करोड़ से ज्यादा शेयरों में आज सुबह से ट्रेडिंग यानी लेनदेन बंद कर दिया गया.
क्या कहना है पतंजलि फूड्स का
पतंजलि फूड्स ने बताया कि उसके प्रमोटर्स न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारित को हासिल करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और इस बारे में विचार-विमर्श किया जा रहा है. प्रवर्तकों को पूरा भरोसा है कि वे अगले कुछ महीनों में अनिवार्य एमपीएस प्राप्त कर लेंगे. मौजूदा समय में कंपनी के 19.18 प्रतिशत शेयर सार्वजनिक शेयरधारकों के पास हैं और एमपीए को हासिल करने के लिए सार्वजनिक शेयरधारिता में 5.82 फीसदी की बढ़ोतरी उसे करनी होगी.