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RBI Policy: आरबीआई पॉलिसी का आम आदमी से लेकर बाजार पर क्‍या होगा असर, कहां बनेंगे निवेश के मौके?

Where to Invest: फिक्‍स्‍ड इनकम प्‍लान में निवेश करने का यह अच्छा समय है क्योंकि यील्‍ड कर्व मैच्‍योरिटी के दौरान आकर्षक है.

RBI Policy: आरबीआई पॉलिसी का आम आदमी से लेकर बाजार पर क्‍या होगा असर, कहां बनेंगे निवेश के मौके?
Experts on RBI POlicy: एक्‍सपर्ट का कहना है कि आरबीआई ने रेपो रेट में 25 बीपीएस की संतुलित बढ़ोतरी की है.

RBI MPC Decision Impact: रिजर्व बैंक ने फरवरी 2023 मॉनेटरी पॉलिसी में एक बार फिर ब्‍याज दरों में 25 बेसिस प्‍वॉइंट का इजाफा किया है. जिसके बाद यह 6.25 फीसदी से बढ़कर 6.50 फीसदी हो गया है. इस साल मई से अबतक छठीं बार ब्याज दरों में इजाफा किया गया है. हालांकि आगे महंगाई में और नरमी के संकेत हैं, लेकिन रिजर्व बैंक गवर्नर ने ऐसे कोई संकेत नहीं दिए हैं कि आगे रेट हाइक सयाइकिल का अंत होगा. रिजर्व बैंक ने अपना रुख पहले की तरह ही बनाए रखा है. पॉलिसी को लेकर अलग अलग सेक्‍टर के एक्‍सपर्ट ने इस पर अपने विचार दिए हैं. जानते हैं कि इसका आम आदमी से लेकर बाजार पर क्‍या होगा असर.

MOFSL ग्रुप के चीफ इकोनॉमिस्‍ट निखिल गुप्‍ता का कहना है कि RBI ने रेपो रेट बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दिया है. अप्रैल पॉलिसी में हो सकता है कि इस रेट हाइक साइकिल का अंत हो. FY24 में GDP ग्रोथ 6.4 फीसदी (Q1=7.8%, Q2=6.2%, Q3=6% and Q4=5.8%) रहने का अनुमान है. ओवरआल रेट हाइक से वास्तविक दरें अब पॉजिटिव टेरिटरी में हैं और रेजिलेंट ग्रोथ और महंगाई कम होने के साथ बैंकिंग सिस्‍टम अतिरिक्त लिक्विडिटी से बाहर है.

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एमके ग्‍लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की लीड इकोनॉमिस्‍ट, माधवी अरोड़ा का कहना है कि आरबीआई ने रेपो रेट में 25 बीपीएस की संतुलित बढ़ोतरी की है. भले ही महंगाई कम होने का अनुमान है, लेकिन अभी भी यह 6 फीसदी के आस पास है. आरबीआई ने पॉलिसी को आगे भी फ्लेक्‍सीबल बनाए रखने के लिए मौजूदा रुख को बनाए रखा है.

बाजार पर क्‍या होगा असर

Mastertrust की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट पलका अरोड़ा चोपड़ा का कहना है कि आरबीआई की ओर से रेट हाइक बंद किए जाने के संकेत नहीं मिले हैं. महंगाई को लेकर चिंता खत्‍म नहीं हुई है. उनका कहना है कि आगे सेंटीमेंट मॉडरेटली बुलिश हैं, ऐसे में निफ्टी में 17500-17400 के करीब हर गिरावट खरीदारी का मौका होगा. हालांकि, निफ्टी 17350-17300 के नीचे जाता है तो यह श्‍शॉर्ट-टर्म में 16900-16800 के लेवल तक कमजोर हो सकता है. वहीं ऊपर की ओर 18150-18270 एक इमेडिएट सप्‍लाई जोन के रूप में काम करेगा. यह लेवल ब्रेक होता है तो निफ्टी 18450 और फिर 18650 के लेवल तक मजबूत हो सकता है.

बैंक निफ्टी 39800 से 42050 के लेवल तक मॉडरेट हो सकता है. लेकिन अपर रेंज को बनाए रखता है तो बैंक निफ्टी के लिए अगला रेजिस्‍टेंस 42700 का होगा. वहीं इंडेक्‍स 40200-40000 लेवल पर आता है तो इसमें खरीदारी का मौका बनेगा.

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Swastika Investmart के रिसर्च हेड संतोष मीना का कहना है कि मार्केट रेंजबाउंड में है, जहां 20-DMA निफ्टी और बैंक निफ्टी के लिए महत्‍वपूर्ण रुकावट के रूप्‍ में काम कर रहा है. निफ्टी के लिए 17880 अभी 20-डे मूविंए एवरेज है, जबकि बैंक निफ्टी के लिए 41800 का लेवल. यहां से सेलिंग प्रेशर दिख रहा है. नीचे की ओर 17650 और 41000 अहम सपोर्ट लेवल है. इसके टूटने पर बाजार में बिकवाली बढ़ सकती है.

कहां करना चाहिए निवेश

एलआईसी म्यूचुअल फंड के CIO- Debt, मरजबान ईरानी का कहना है कि फिक्‍स्‍ड इनकम प्‍लान में निवेश करने का यह अच्छा समय है क्योंकि यील्‍ड कर्व मैच्‍योरिटी के दौरान आकर्षक है. निवेशक कर्व के शॉर्ट एंड में लिक्विड और लो ड्यूरेशन कैटेगिरी में और मिड से लॉन्‍ग टर्म में लॉन्‍ग ड्यूरेशन कैटेगिरी में निवेश कर सकते हैं. हालांकि पहले निवेशकों को अपने जोखिम लेने की क्षमता देख लेनी चाहिए.

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शॉर्ट ड्यूरेशन वाले प्रोडक्‍ट बेहतर विकल्‍प

PGIM India Mutual Fund के हेड- फिक्‍स्‍ड इनकम, पुनीत पाल का कहना है कि रेपो रेट में 25 बीपीएस बढ़ोतरी का अनुमान पहले से था, हालांकि रुख में कोई बदलाव न होने से बाजार को थोड़ी निराशा हुई. बाजार के कुछ सेक्‍शन रुख को “तटस्थ” में बदलने की उम्मीद कर रहे थे. आरबीआई गवर्नर के बयान ने कोर इनफ्लेशन पर चिंता जाहिर की है. घरेलू स्‍तर पर लिक्विडिटी यानी तरलता के प्रबंधन के लिए आरबीआई क्‍या करता है, इस पर बॉन्ड मार्केट की नजर रहेगी. हमारी सलाह है कि निवेशकों को अपनी जोखिम लेने की क्षमता के अनुसार डायनेमिक बॉन्ड फंड कैटेगिरी को चुनते हुए शॉर्ट ड्यूरेशन वाले प्रोडक्‍ट में निवेश बढ़ाना चाहिए.

घरों की डिमांड कायम रहेगी

Knight Frank India के चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्‍टर शिशिर बैजल का कहना है कि आरबीआई पॉलिसी अनुमान के मुताबिक रही है. मई 2022 से रेपो रेट 2.50 फीसदी बढ़ चुका है. होम लोन की डिमांड पिछले साल से ही मजबूत बना हुआ है. आरबीआई के रेट हाइक से कंज्‍यूमर के घर खरीदने के सेंटीमेंट पर असर नहीं पड़ेगा.

सरकारी बॉन्ड यील्‍ड में तेजी

मिरे एसेट म्‍यूचुअल फंड के सीआईओ- फिक्‍स्‍ड इनकम, महेंद्र जाजू का कहना है कि पॉलिसी बाजार के अनुमान के मुताबिक रही है. FY24 के लिए महंगाई दर का अनुमान अभी भी 5 फीसदी से ऊपर बना हुआ है. ग्रोथ को लेकर अनुमान में मामूली सुधार अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर अच्छा संकेत है. आंकड़े अगले कुछ महीनों में महंगाई में नरमी का संकेत दे रहे हैं. उम्मीद है कि अगली मौद्रिक नीति के बाद से नीतिगत दरें स्थिर रहेंगी. आरबीआई द्वारा रेपो रेट बढ़ाए जाने के तत्काल प्रतिक्रिया के रूप में 10 साल के सरकारी बॉन्ड यील्‍ड में 3-4 बीएलएस की बढ़ोतरी हुई है. लेकिन उम्मीद है कि फिलहाल वे 7.20-7.40 के मौजूदा बैंड में रेंज बाउंड रहेंगे.

मांग पर पड़ेगा असर : पीएचडी चैंबर

रेपो रेट में लगातार बढ़ोतरी का असर कंजम्‍पशन डिमांड और कारखानों में उत्पादन की संभावनाओं पर पड़ेगा. पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष साकेत डालमिया ने कहा कि चूंकि वैश्विक मांग में कमी आ रही है, ऐसे में आर्थिक विकास को बनाए रखने के लिए घरेलू मांग एक प्रमुख समर्थन है. हम नीतिगत दरों में ठहराव की उम्मीद कर रहे हैं. हमें व्यवसाय करने की लागत को कम करने पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है.

L&T फाइनेंस होल्डिंग्‍स लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्‍टर और सीईओ दीनानाथ दुभाशी का कहना है कि आरबीआई द्वारा मॉनेटरी पॉलिसी एक्‍शन जमा और उधार दरों दोनों को फिर से संरेखित और पुनर्मूल्यांकन करेगी. जिससे घरेलू बचत बढ़ेगी और विकास को समर्थन मिलेगा. आरबीआई को मजबूत ग्रोथ का भरोसा है और इससे वैश्विक अनिश्चितता के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अच्‍छे संकेत हैं.

First published on: 08-02-2023 at 14:47 IST

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