Top 5 Industrialists in 2020: साल 2020 में अब कुछ ही दिन बचे हैं. कोरोना महामारी के कारण यह साल जिंदगी भर लोगों की यादों में रहेगा. इस साल कई कंपनियों के कारोबार में बड़ी गिरावट रही, वहीं कुछ कंपनियों के लिए यह साल बेहतरीन रहा. इस साल खबरों में रहने वाले प्रमुख उद्योगपतियों की बात करें तो साल भर अंबानी और अडाणी कारोबारी गतिविधियों के कारण खबर में आते रहे हैं. इनके अलावा एलन मस्क ने दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स बिल गेट्स को पछाड़ सुर्खियां बटोरी. इन उद्योगपतियों के अलावा एक निवेशक ने भी दुनिया भर में सुर्खियां बटोरी. वारेन बफे ने कोरोना महामारी के चलते भारी बिकवाली की और वहीं कुछ समय बाद उन्होंने फिर से निवेश करना शुरू किया. इस साल सबसे अधिक सुर्खियों में रहने वाले पांच उद्योगपतियों की बात करें तो एक नाम और जुड़ सकता है, वह है दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन मैनुफैक्चरर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदर पूनावाला. पूनावाला को इस साल का ‘एशियन ऑफ द ईयर’ भी चुना जा चुका है.
मुकेश अंबानी
एशिया के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी इस वर्ष सबसे अधिक चर्चित हस्तियों में से एक रहे. कोरोना महामारी के बावजूद उनकी कंपनी रिलायंस का प्रदर्शन बेहतरीन रहा. इस साल की जुलाई-सितंबर तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज में विदेशी निवेशकों की होल्डिंग बढ़कर 27.2 फीसदी के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गई है. तिमाही आधार पर बात करें तो यह 60 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी है. फोर्ब्स ने इस साल टॉप 100 सबसे अमीर भारतीयों की सूची में मुकेश अंबानी को 6500 करोड़ की नेटवर्थ के साथ पहले स्थान पर रखा है.
मुकेश अंबानी ने अगले साल 2021 की दूसरी छमाही में 5G सर्विसेज शुरू करने के संकेत दिए हैं. इसके अलावा पिछले महीने नवंबर में रिलायंस की सब्सिडियरी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड में सऊदी अरब की पब्लिक इंवेस्टमेंट फंड (पीआईएफ) द्वारा 9555 करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान हुआ था. यह रिलायंस की किसी सब्सिडयिरी में पीआईएफ का दूसरा सबसे बड़ा निवेश था. इससे पहले पीआईएफ ने रिलायंस की डिजिटल सेवाएं उपलब्ध कराने वाली इकाई जियो प्लेटफॉर्म में 11,400 करोड़ का निवेश किया था. पीआईएफ के अलावा रिलायंस रिटेल में 37,710 करोड़ का निवेश आ चुका है.
गौतम अडाणी
इस साल कोरोना महामारी के बावजूद गौतम अडाणी की संपत्ति में इजाफा हुआ है. इस साल देश में सबसे अधिक संपत्ति अडाणी समूह के प्रमुख गौतम अडाणी की बढ़ी है. गौतम अडाणी की संपत्ति में इस साल 1900 करोड़ डॉलर से अधिक की बढ़ोतरी हो चुकी है. अडाणी की संपत्ति में बढ़ोतरी की प्रमुख वजह उनके समूह के कंपनियों के शेयरों में तेजी रही. अडाणी ग्रीन के शेयरों में तो 600 फीसदी के करीब की तेजी आई है. गौतम अडानी का कारोबारी साम्राज्य पोर्ट, हवाई अड्डा, एनर्जी, लॉजिस्टिक्स, एग्रो बिजनेस, रियल एस्टेट, रक्षा और फाइनेंशियन सर्विसेज में है.
पोर्ट्स टायकून गौतम अडाणी को फोर्ब्स ने इस साल के टॉप 100 अमीर भारतीयों की सूची में 1850 करोड़ की संपत्ति के साथ दूसरे स्थान पर रखा है.
एलन मस्क
टेस्ला के सीईओ और सह-संस्थापक एलन मस्क की संपत्ति में इस साल 2020 में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. इस साल की शुरुआत जनवरी में वह दुनिया के 500 अमीरों की सूची ब्लूमबर्ग बिलेनयिर्स इंडेक्स में 35वें स्थान पर थे और नवंबर आते-आते वह माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स को पीछे छोड़ दूसरे स्थान पर पहुंच गए हैं. अमीरों की इस सूची में अब वे सिर्फ अमेजन के सीईओ जेफ बेजॉस से पीछे हैं.
कोराना महामारी के कारण दुनिया भर के कारोबारी बुरी तरह प्रभावित हुए, वहीं दूसरी ओर एलन मस्क के लिए यह साल सबसे बेहतरीन रहा. इस साल उनकी संपत्ति में करीब 8 लाख करोड़ रुपये (11 हजार डॉलर) से अधिक की बढ़ोतरी हुई और इस बढ़ोतरी के बाद अब उनकी संपत्ति करीब 11.43 लाख करोड़ रुपये (15.5 हजार करोड़ डॉलर) हो गई. अब वह दुनिया के तीसरे सबसे अमीर शख्स हैं. उनकी संपत्ति में बढ़ोतरी की प्रमुख वजह टेस्ला मोटर्स के शेयरों में इस साल 630 फीसदी की बढ़ोतरी रही.
वारेन बफे
बर्कशायर हाथवे के फाउंडर वॉरेन बफे इस साल कोरोना महामारी के दौरान बिकवाली और उसके कुछ समय बाद उन्होंने खरीदारी शुरू की तो यह दुनिया भर की सुर्खियां बनीं. बफे को लीडिंग इकोनॉमिक इंडिकेटर के रूप में माना जाता है और उनकी खरीदारी या बिकवाली के फैसले से आने वाले समय में इकोॉमिक ट्रेंड का अनुमान लगाया जाता है. इस साल उनकी कंपनी ने कोरोना संकट के दौरान 1300 करोड़ डॉलर के शेयर बेच डाले थे जिसमें से 600 करोड़ डॉलर के शेयर सिर्फ अप्रैल में बेचे गए थे.
कुछ महीने बाद नवंबर में नियामकीय फाइलिंग से पता चला कि बर्कशायर हाथवे अमेरिकी फॉर्मा कंपनियों के शेयर खरीद रही है. इसके अलावा बफे ने अपने बैंकिंग पर्स को भी जारी रखा हालांकि कुछ वित्तीय कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी को कम भी किया है.
अदर पूनावाला
दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन मैनुफैक्चरर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदर पूनावाला को सिंगापुर के प्रमुख अखबार द स्ट्रेट टाइम्स ने ‘एशियन ऑफ द ईयर’ चुना है. द स्ट्रेट टाइम्स ने कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में उनकी भूमिका के लिए उन्हें छह लोगों के साथ एशियन ऑफ द ईयर की सूची में स्थान दिया है. यह साल कोरोना महामारी के कारण दुनिया भर के लिए बुरा समय बनकर सामने आया है. इससे निपटने के लिए वैक्सीन के ट्रॉयल लगातार चल रहे हैं. एक वैक्सीन ऑक्स्फोर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश स्वीडिश फॉर्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने विकसित किया है जिसे बनाने के लिए पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ने साझेदारी किया है.
सीरम इंस्टीट्यूट की स्थापना अदर के पिता सायरस पूनावाला ने 1966 में किया था. अदर ने यह इंस्टीट्यूट 2001 में जॉइन किया था और 2011 में वह इसके सीईओ बने थे. पूनावाला के मुताबिक इंस्टीट्यूट की मैनुफैक्चरिंग कैपेसिटी को बढ़ाने के लिए उन्होंने अपनी पारिवारिक संपत्ति से 25 करोड़ डॉलर (1845 करोड़ रुपये) लगाए हैं. उनका कहना है कि वे गरीब और मध्यम आय वाले देशों को वैक्सीन की आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे.