Summer Vacation Plan To Make more useful for Children: बच्चों को गर्मी की छुट्टी या समर वेकेशन का बड़ी बेसब्री से इंतजार रहता है. ऐसा हो भी क्यों न? समर वेकेशन के दौरान बच्चे अपने पढ़ाई-लिखाई से कुछ दिनों का ब्रेक लेते हैं और मौज-मस्ती करते हैं. हालांकि शुरुआत में ये छुट्टी जितनी अच्छी लगती है, कुछ समय बाद यही उबाऊ और नीरस हो जाती है. इस स्थिति से बचने के लिए बच्चों को घर के बंद कमरे से बाहर निकलना जरूरी हो जाता है.
कुछ बच्चों के साथ ऐसा भी होता है कि वे जिस स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं, उसी में वर्कशॉप का आयोजन होने पर ना चाहते हुए भी शामिल हो जाते हैं. इस तरह के कथित स्किल ओरिएंटेड प्रोग्राम के एवज में बच्चों के पेरेंट्स को मोटी रकम भी खर्च करने पड़ जाते हैं. जिस स्कूल के शैक्षणिक कार्यक्रम का बच्चे हिस्सा थे उसी स्कूल में समर वेकेशन के दौरान गुजारना भी कुछ बच्चों के नीरस और उबांऊ हो जाता है, यही नहीं, इससे पैरेंट्स के जेब भी खाली होते हैं. ऐसे में पेरेंट्स को चाहिए कि वे अपने बच्चों को गर्मियों की छुट्टी में कुछ रचनात्मकता सिखाएं, जिससे उनकी स्कील बढ़े. पैरेंट्स यहां सुझाए गए विकल्पों को आजमा सकते हैं ताकि छुट्टी मनाने के साथ ही बच्चे नई-नई बातें सीख सकें.
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नजदीकी गांवों का करें रूख
ज्यादातर शहरी बच्चों की लाइफ बंद कमरे में गुजर जाती है. शैक्षणिक सत्र खत्म होने बाद स्कूल के समर वेकेशन में भी उनकी छुट्टियां इसी तरह गुजर जाए ये अच्छी बात नहीं. एक जिम्मेदार पेरेंट्स को चाहिएं कि वे अपने बच्चों की छुट्टियों का बेहतर इस्तेमाल करें. इसके लिए वे बच्चों को गांवों का रूख करा सकते हैं ताकि गांव पहुंचकर वहां के लोगों की जीवन शैली, पशुपालन, खेत-खलिहान में उगने वाले शाक-सब्जियों, किसानों द्वारा खेतों में की जा रही कड़ी मेहनत जैसे तमाम पहलुओं को नजदीक से समझने का अवसर मिल सकें. वे समझ सकें कि कैसे मछलीपालन होती है. कैसे फसलों का प्रोडक्शन किया जाता है. किसान फल और सब्जियों को उगाने के लिए कितनी मेहनत करते हैं. गांवों में बिजली, पानी, खेल कूद के लिए मैदान, सड़कें, स्कूल और कालेज, बैंक और पोस्ट ऑफिस जैसे तमाम जरूरी कामकाज के लिए कैसी व्यवस्थाएं मौजूद हैं.
रोजाना काम आने वाली स्किल के बारे में सिखाएं
शैक्षणिक सत्र के दौरान पेरेंट्स को अपने बच्चों को रोजाना काम आने वाली स्किल के बारे में सिखाने का समय नहीं मिलता है. पेरेंट्स की व्यस्त दिनचर्या और बच्चों की एक्टिव स्कूली लाइफ उन्हें दूसरे स्किल को सीखने की अनुमति भी नहीं देते हैं. ऐसे में रोजाना काम आने वाली स्किल के बारे में सिखाने की सही समय समर वेकेशन है. बच्चों को कुछ खास लाइफ स्किल से रूबरू होना भी जरूरी है. मिसाल के तौर समर वेकेशन के दौरान पेरेंट्स बच्चों को खाना बनाना सिखा सकते हैं. छुट्टियों के समय में सफाई के टिप्स, लॉन्ड्री करना, चेक लिखना, घर का काम करना या गाड़ी चलाने जैसे कई गुर भी सीखा सकते हैं.
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कम्युनिटी में बतौर वालंटियर हाथ बंटाने के लिए प्रेरित करें
पर्याप्त खाली समय होने की स्थिति में जरूरतमंद कम्युनिटी की सेवा करना एक बेहतर विकल्प होता है. समर वेकेशन के दौरान बच्चे बतौर वालंटियर इस काम को कर सकते हैं. सोशल सर्विस में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जरूरतमंद कम्युनिटी की सेवा करना एक शानदार मौका हो सकता है. इसके लिए कई तरह के विकल्प हैं – पेरेंट्स अपने बच्चों को अपने शहर के किसी नजदीकी वृद्धाश्रम में समय बिताने के लिए ले जा सकते हैं या किसी लाइब्रेरी का हिस्सा बनने या जरूरतमंदों के बीच भोजन वितरित करने में बतौर वालंटियर हाथ बंटाने का काम के लिए आजमा सकते हैं. इस तरह के एक्सपीरिएंस से बच्चे जीवन के कई आयामों का अनुभव करते हैं और इससे बच्चों के सोचने-समझने की क्षमता बेहतर हो सकेगी और लाइफ के लिए नजरिए को बेहतर रूप देने में भी मदद मिलेगी.
नए म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट से रूबरू कराएं
गर्मी की छुट्टियां नए शौक सीखने के लिए सही समय हो सकता है. समर वेकेशन के दौरान बच्चे नए म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट को हैंडल करना और उसका सही इस्तेमाल करना सीख सकते हैं. अगर पेरेंट्स को लगता है कि उनके बच्चे की दिलचस्पी बांसुरी, वायलिन, शहनाई जैसे म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट और माडर्न इंस्ट्रूमेंट में दिलचस्पी है तो वे उसकी अंदरूनी रचनात्मक को निखारने के लिए समर वेकेशन के समय क्लास ज्वॉइन करा सकते हैं. ये भी बच्चों की छुट्टियों को बेहतर बनाने का एक खास तरीका है.