Excessive consumption of mangoes: देश में गर्मी का मौसम आ गया है और इसके साथ ही आम का सीजन भी शुरू हो गया है. ‘फलों के राजा’ की देश में कई किस्में मिलती हैं जैसे- तोतापुरी, अल्फोंसो, सिधुरा और लंगड़ा. भारत में आम सिर्फ चाव से खाया ही नहीं जाता है बल्कि उगाया भी जाता है. भारत प्रमुख आम उत्पादक देशों में से एक है. आमों का न केवल स्वाद अच्छा होता है, बल्कि वे फाइबर, विटामिन, खनिज और मैंगिफेरिन और ग्लूकोसाइल ज़ैंथोन जैसे एंटीऑक्सिडेंट से भरे होते हैं. हालांकि अगर आप इसे ज्यादा खाते हैं तो यह आपके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव भी डाल सकता है.
ज्यादा आम खाने के नुकसान?
रिसर्च से पता चलता है कि आम के कुछ किस्मों के सेवन से गले में दर्द या एलर्जी (पेट दर्द, छींक और नाक बहना) हो सकती है. अधिक मात्रा में आम का सेवन करने से पेट में दर्द, अपच और दस्त जैसी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं हो सकती हैं. इसके अलावा, आम से ब्लड सुगर भी बढ़ सकता है, इसलिए जिन लोगों को मधुमेह है, उन्हें आम का अधिक सेवन करने से बचना चाहिए. “आम ग्लूकोज की तुलना में फ्रुक्टोज जैसे कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होते हैं. आम कैलोरी से भरपूर होने के कारण कुछ लोगों के लिए वजन बढ़ाने का कारण बन सकता है. एक औसत आकार के आम में लगभग 150 कैलोरी होती है. इसलिए अगर आप वजन कम करने की योजना बना रहे हैं तो आम का सेवन कमसे कम मात्रा में करें.
आम का सेवन कैसे करें?
बैंगलोर के एस्टर सीएमआई हॉस्पिटल में क्लिनिकल न्यूट्रिशन डायटेटिक्स की हेड, डॉ. एडविना राज ने कहा कि कीटनाशक के नुकसान को कम करने के लिए इसे खाने से कम से कम 2 घंटे पहले पानी में भिगोने की सलाह दी जाती है. उन्होंने कहा, “आम को नाश्ते के रूप में खाने की सलाह दी जाती है. रात के खाने में आम खाने से परहेज करें.” गौरतलब है कि देश के अधिकांश हिस्सों में आमों को आर्टिफीसियल रूप से पकाया जाता है. अगर आप ज्यादा रसीले और मीठे दिखने वाले आम का सेवन करते हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि यह केमिकल से पका हुआ हो सकता है.
कैसे चेक करें कि आम केमिकल से पका हुआ है या नहीं?
एक पका हुआ आम लें और इसे एक बाल्टी पानी में डाल दें अगर वे डूब जाते हैं, तो वे स्वाभाविक रूप से पके होते हैं. हालांकि, अगर यह आम तैरता है, तो उन्हें आर्टिफीसियल रूप से पकाया गया है.
Written by Sushmita Panda