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दिग्गज अर्थशास्त्रियों के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष में रेपो रेट 6 फीसदी के ऊपर पहुंच सकता है.
Policy Rate Hike: केंद्रीय बैंक आरबीआई ने इस साल मई से लेकर अब तक तीन बार में पॉलिसी रेट में 140 बीपीएस (1.40 फीसदी) की बढ़ोतरी कर चुका है. हालांकि रेट हाइक का सिलसिला अभी जारी रहने वाला है और इकनॉमिस्ट्स व एनालिस्ट्स का मानना है कि इस वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी तक यह 6-6.5 फीसदी तक पहुंच सकता है. आज की 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट 5.40 फीसदी पर पहुंच चुका है जो कोरोना से पूर्व के स्तर पर है. फरवरी 2020 में यह दर 5.15 फीसदी थी.
न्यूट्रल पॉलिसी रेट तक जारी रहेगी कवायद
इंडिया रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री सुनील कुमार सिन्हा का मानना है कि पॉलिसी दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला तब तक जारी रहेगा, जब तक आरबीआई न्यूट्रल पॉलिसी रेट तक नहीं पहुंच जाता है. सिन्हा के मुताबिक न्यूट्रल पॉलिसी रेट शॉर्ट टर्म पॉलिसी रेट है जो लांग रन में अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए जरूरी है और महंगाई दर टारगेट रेंज में रहे. सिन्हा के मुताबिक मौजूदा मैक्रो एनवायरमेंट में न्यूट्रल पॉलिसी रेट 6-6.5 फीसदी के बीच होना चाहिए. उन्होंने कहा कि आगे जो रेट हाइक होगा, उस पर जियोपॉलिटिकल सिचुएशन के अलावा डेटा का भी असर होगा.
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अन्य अर्थशास्त्रियों की क्या है राय?
- स्विस ब्रोकरेज यूबीएस सिक्योरिटीज का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी तक रेपो रेट 5.75 फीसदी पर पहुंच सकता है.यूबीएस सिक्योरिटीज की इंडिया चीफ इकनॉमिस्ट तन्वी गुप्ता जैन के मुताबिक ग्रोथ और इंफ्लेशन दोनों को लेकर अनिश्चितता बहुचत अधिक बनी रहने वाली है जिसके चलते रेट हाइक का फैसला डेटा के हिसाब से होगा.
- बार्सलेज इंडिया के चीफ इकनॉमिस्ट राहुल बजोरिया के मुताबिक दिसंबर तक 50 बीपीएस (0.50 फीसदी) का रेट हाइक हो सकता है.
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- सिंगापुर के बैंक डीबीएस की सीनियर इकनॉमिस्ट राधिका राव का मानना है कि वित्त वर्ष 2023-24 के शुरुआत में इंफ्लेशन 6 फीसदी के सीलिंग टारगेट से अधिक रह सकता है जिसके चलते चालू वित्त वर्ष के आखिरी तक 75 बीपीएस (0.75 फीसदी) की बढ़ोतरी हो सकती है. राव के मुताबिक मौजूदा तिमाही जुलाई-सितंबर 2023 में महंगाई दर पीक पर रह सकती है और फिर इसके बाद मार्च तिमाही में फिसलकर 6 फीसदी के नीचे आ सकती है.
(Input: PTI)
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