RBI to Hike Repo Rate: ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी और इसके चलते महंगे कर्ज से परेशान हैं तो आपको एक और झटका लग सकता है. महंगाई अभी भी उच्च स्तरों पर है. जिसके चलते दुनियाभर के केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में इजाफा कर रहे हैं. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) भी अगली पॉलिसी में यही रुख अपना सकता है. जानकारों का मानना है कि अप्रैल समीक्षा बैठक में दरों में एक बार फिर इजाफा करने का निर्णय लिया जा सकता है. बमा दें कि मई 2022 से अबतक रेपो रेट में 2.50 फीसदी का इजाफा किया जा चुका है.
0.25 फीसदी हो सकती है बढ़ोतरी
रिटेल इनफ्लेशन के 6 फीसदी के संतोषजनक स्तर से ऊपर बने रहने और अमेरिकी फेडरल रिजर्व समेत कई केंद्रीय बैंकों के एग्रेसिव रुख के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) भी अगली मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में 0.25 फीसदी की एक और बढ़ोतरी का फैसला कर सकता है. मौद्रिक नीति के निर्धारण संबंधी सर्वोच्च संस्था मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (एमपीसी) की द्विमासिक समीक्षा बैठक 3 अप्रैल 2023 से शुरू होने वाली है. 3 दिनों तक चलने वाली यह बैठक 6 अप्रैल को नीतिगत दर संबंधी फैसले के साथ खत्म होगी.
दुनियाभर के केंद्रीय बैंक बढ़ा रहे हैं ब्याज दर
एमपीसी की बैठक में मौद्रिक नीति से जुड़े तमाम घरेलू एवं इंटरनेशनल पहलुओं की व्यापक समीक्षा के बाद कोई फैसला लिया जाएगा. इस दौरान रिटेल इनफ्लेशन की स्थिति और फेडरल रिजर्व, यूरोपीय सेंट्रल बैंक एवं बैंक ऑफ इंग्लैंड जैसे प्रमुख केंद्रीय बैंकों के हालिया कदमों का भी गहन विश्लेषण किया जाएगा. महंगाई पर काबू पाने के लिए आरबीआई ने मई, 2022 से लगातार नीतिगत ब्याज दर में बढ़ोतरी का रुख अपनाया हुआ है. इस दौरान रेपो रेट 4 फीसदी से बढ़कर 6.50 फीसदी पर पहुंच चुकी है. गत फरवरी में संपन्न पिछली एमपीसी बैठक में भी रेपो दर में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी.
जनवरी में 6.52 फीसदी रही महंगाई
कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) पर आधारित महंगाई जनवरी में 6.52 फीसदी और फरवरी में 6.44 फीसदी पर रही है. रिटेल महंगाई का यह स्तर आरबीआई के लिए निर्धारित 6 फीसदी के सुविधाजनक स्तर से अधिक है. बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि पिछले 2 महीनों से महंगाई के 6 फीसदी से ऊपर बने रहने और लिक्विडिटी के भी अब लगभग तटस्थ हो जाने के बाद ऐसी उम्मीद है कि आरबीआई एक बार फिर रेपो दर में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है.इसके साथ ही आरबीआई अपने रुख को तटस्थ घोषित कर यह संकेत भी दे सकता है कि दरों में बढ़ोतरी का दौर खत्म हो चुका है.
आगे खत्म होगा रेट हाइक का दौर
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के मुख्य अर्थशास्त्री डी के पंत का मानना है कि एमपीसी की बैठक में रेपो दर में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की जा सकती है. इसके साथ ही उन्होंने इसके अंतिम रेट हाइक होने की भी संभावना जताई. हालांकि, पीडब्ल्यूसी इंडिया के भागीदार (आर्थिक सलाहकार सेवाएं) रानेन बनर्जी का मानना है कि भारत में महंगाई के पीछे सप्लाई फैक्टर के बड़ी वजह होने से एमपीसी इस बार ब्याज रेट हाइक का सिलसिला रोकने का फैसला भी कर सकती है. यह वित्त वर्ष 2023-24 की पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक होगी. पूरे वित्त वर्ष में आरबीआई कुल 6 एमपीसी बैठकों का आयोजन करेगा.