Union Budget 2023-24, Industry Body suggestion: आम बजट 2023-24 ऐसे समय में पेश होने जा रहा है, जब कई तरह की आर्थिक चुनौतियां मौजूद हैं. इस बार केंद्रीय बजट जियो-पॉलिटिकल टेंशन, हाई इनफ्लेशन और सुस्त ग्लोबल ग्रोथ के दौर में पेश किया जा रहा है. इंडस्ट्री का कहना है कि निजी निवेश को बढ़ाकर ग्रोथ हासिल करने पर फोकस होना चाहिए. वहीं यह भी कहा गया कि रोजगार बढ़ाने के उपायों पर ध्यान देने के साथ ही टैक्सबेस और कंजम्पशन बढ़ाने के लिये जीएसटी और इनकम टैक्स स्लैब को बेहतर बनाया जाना चाहिए. इंडस्ट्री ने निवेश से ग्रोथ हासिल करने के लिए 5 प्वॉइंट स्ट्रैटेजी भी बताई है.
5 प्वॉइंट स्ट्रैटेजी से बढ़ेगा निवेश
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष साकेत डालमिया ने कहा कि इस समय विकास के घरेलू स्रोतों को बढ़ाने के लिए सुनियोजित कदम उठाया जाना जरूरी है, जो स्टेबल इकोनॉमिक ग्रोथ ट्रैजेक्टरी को बनाए रखने के लिए जरूरी है.
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने निजी निवेश में तेजी लाने के लिए 5 प्वॉइंट स्ट्रैटेजी का सुझाव दिया. इसमें कंजम्पशन बढ़ाने, कारखानों में कैपेसिटी यूटिलाइजेशन में बढ़ोतरी, रोजगार सृजन को बढ़ावा, सोशन इंफ्रास्ट्रक्चर की क्वालिटी में सुधार और भारत की आर्थिक ग्रोथ में तेजी लाने के उपाय शामिल हैं.
GST और इनकम टैक्स स्लैब
उद्योग मंडलों ने सोमवार को कहा कि बजट में रोजगार बढ़ाने के उपायों पर ध्यान देने के साथ टैक्स बेस और कंजम्पशन बढ़ाने के लिये जीएसटी और इनकम टैक्स स्लैब को बेहतर बनाया जाना चाहिए. टैक्स पेमेंट सिस्टम को सुगम बनाने और टैक्स विवादों में कमी लाने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. बजट को लेकर सुझावों पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बैठक में उद्योग जगत ने यह सुझाव दिया.
घरेलू मांग को बढ़ावा
उद्योग मंडल सीआईआई (भारतीय उद्योग परिसंघ) के अध्यक्ष संजीव बजाज ने कहा कि ग्लोबल सिनेरियो कुछ समय तक प्रतिकूल बने रहने की आशंका है. इसीलिए हमें ग्रोथ के नए क्षेत्रों को तैयार करने और घरेलू मांग को बढ़ावा देने के लिये रोजगार सृजन को गति देकर घरेलू अर्थव्यवस्था को व्यापक बनाना चाहिए.
रोजगार आधारित प्रोत्साहन योजना
सीआईआई ने नौकरियों के नये अवसर बनाने के लिये रोजगार आधारित प्रोत्साहन योजना लाने का सुझाव दिया. उसने यह भी कहा कि सरकार शहरी रोजगार गारंटी योजना लाने पर विचार कर सकती है. इस बजट में इसकी शुरुआत पायलट आधार पर महानगरों से हो सकती है. बजाज ने कहा कि इसके साथ कंपनियों को टैक्स के मामले में निश्चितता प्रदान करने के लिये कंपनी कर की दर मौजूदा स्तर पर बनी रहनी चाहिए.