Historical ‘Sengol’ will be kept in the new Parliament House: साल 1947 में अंग्रेजों से सत्ता हस्तांतरण के दौरान इस्तेमाल में लाए गए ऐतिहासिक राजदंड ‘सेंगोल’ को नए संसद भवन में स्थापित किया जाएगा. गृह मंत्री अमित शाह ने बकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी. राजदंड ‘सेंगोल’ भारत के समृद्ध विरासत को दर्शाता है. अमित शाह ने कहा कि ‘सेंगोल’ नामक एक प्राचीन अवशेष को नए संसद भवन में रखा जाएगा. सेंगोल स्वतंत्रता और निष्पक्ष शासन की भावना का प्रतीक है. गौरतलब है कि ‘सेंगोल’ चोल राजवंश से संबंधित है और इसका इस्तेमाल भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु ने भी 1947 में अंग्रेजों से सत्ता हस्तांतरण के दौरान किया था.
अमित शाह ने क्या कहा?
मोदी सरकार का नौ साल का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि नया संसद भवन मोदी सरकार की “दूरदर्शिता” का प्रमाण है. उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में पीएम मोदी ने जो लक्ष्य निर्धारित किए थे, उनमें ऐतिहासिक परंपराओं का सम्मान करना और उन्हें पुनर्जीवित करना भी शामिल है. उन्होंने कहा कि एतिहासिक महत्व रखने वाला ‘सेंगोल’ इलाहाबाद में एक संग्रहालय में रखा गया था और इसका 1947 के बाद कोई इस्तेमाल नहीं किया गया था. अमित शाह ने आगे कहा कि सत्ता का हस्तांतरण महज हाथ मिलाना या किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करना नहीं है. इसे जरूरतों को ध्यान में रखते हुए स्थानीय परंपराओं से जुड़ा रहना चाहिए. सेंगोल उसी भावना का प्रतिनिधित्व करता है जो जवाहरलाल नेहरू ने 14 अगस्त, 1947 को महसूस की थी.
भारत के कई बड़े साम्राज्यों ने इसका किया है इस्तेमाल
‘सेंगोल’ शब्द संस्कृत के ‘संकु’ से लिया गया है. इसका शाब्दिक अर्थ शंख होता है जिसे हिंदू धर्म में काफी पवित्र माना जाता है. पुराने जमाने में यह राजाओं के शक्ति, शासन और संप्रभुता का प्रतिक था. ‘सेंगोल’ सोने और चांदी से बना होता हैं और इसमें कई कीमती पत्थर भी जुड़े होते हैं. पुराने जमाने में राजा शक्ति प्रदर्शन करने के लिए कभी-कभार इसका इस्तेमाल करते थे. इसका इस्तेमाल गुप्त, चोल साम्राज्य और विजयनगर साम्राज्य द्वारा भी किया गया था.
19 पार्टियों ने किया समारोह का बहिष्कार!
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि सरकार ने शनिवार (28 मई) को नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया था और “उन्हें अपनी बुद्धि के अनुसार कार्य करने की अनुमति है.” अमित शाह का बयान कांग्रेस सहित 19 राजनीतिक दलों द्वारा एक संयुक्त बयान जारी करने के तुरंत बाद आया, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने की योजना बनाई है. एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, शाह ने कहा, “हमें इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए … लोगों को सोचने और प्रतिक्रिया करने दें कि वे क्या चाहते है.” गौरतलब है कि कांग्रेस,आप, शिवसेना, समाजवादी पार्टी, आरजेडी, टीएमसी समेत 19 पार्टियों ने समारोह में न जाने की योजना बनाई है.