मानहानि के एक मामले में सूरत की एक अदालत द्वारा सजा सुनाये जाने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress Leader Rahul Gandhi) को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया है और उनका नाम इस तरह की कार्रवाई का सामना कर चुके जनप्रतिनिधियों की सूची में शामिल हो गया है. जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति को किसी मामले में दो साल या उससे अधिक कारावास की सजा सुनाई जाती है, तो वह दोषी करार दिये जाने की तारीख से सदन की सदस्यता से अयोग्य हो जाएगा और सजा की अवधि पूरी करने के बाद छह और साल के लिए अयोग्य रहेगा. यहां कुछ जनप्रतिनिधियों की सूची है, जिन्हें आपराधिक मामलों में दोषी ठहराये जाने एवं सजा सुनाये जाने के बाद संसद और विधानसभाओं की सदस्यता छोड़नी पड़ी. पूरी लिस्ट यहां देख सकते हैं.
क्रं सं | सदन की सदस्यता खो चुके जनप्रतिनिधि (लोकसभा/विधानसभा) | मामला |
1 | राहुल गांधी (लोकसभा) | मानहानि |
2 | लालू प्रसाद यादव (लोकसभा) | चारा घोटाला |
3 | जे. जयललिता (विधानसभा) | आय से अधिक संपत्ति |
4 | पीपी मोहम्मद फैजल (लोकसभा) | हत्या का प्रयास |
5 | आजम खान (विधानसभा) | नफरती स्पीच |
6 | अनिल कुमार सहनी (विधानसभा) | धोखाधड़ी |
7 | विक्रम सिंह सैनी (विधानसभा) | मुजफ्फरनगर दंगा |
8 | प्रदीप चौधरी (विधानसभा) | हमला करने का मामला |
9 | कुलदीप सिंह सेंगर (विधानसभा) | बलात्कार यानी रेप |
10 | अब्दुल्ला आजम खां (विधानसभा) | 15 साल पुराना एक मामला |
11 | अनंत सिंह (विधानसभा) | आवास से हथियार और गोला-बारूद जब्त |
लालू प्रसाद यादव
राष्ट्रीय जनता दल यानी राजद(आरजेडी- RJD) के अध्यक्ष को सितंबर 2013 में चारा घोटाला के एक मामले में दोषी करार दिये जाने के बाद लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया गया था. उस समय वह बिहार के सारण से सांसद थे.
जे. जयललिता
अन्नाद्रमुक की तत्कालीन प्रमुख जयललिता को आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में 4 साल के कारावास की सजा सुनाये जाने के बाद सितंबर 2014 में तमिलनाडु विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था.
पीपी मोहम्मद फैजल
लक्षद्वीप से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी राकांपा (RCP) के सांसद पीपी मोहम्मद फैजल को जनवरी 2023 में हत्या के प्रयास के एक मामले में 10 साल के कारावास की सजा सुनाई गयी थी, जिसके बाद वह स्वत: ही संसद सदस्यता से अयोग्य हो गये. हालांकि, केरल उच्च न्यायालय ने बाद में फैजल की दोषसिद्धि और सजा को निलंबित कर दिया. सांसद के अनुसार लोकसभा सचिवालय ने अब तक उनकी अयोग्यता को वापस लेने के संबंध में अधिसूचना जारी नहीं की है.
आजम खान
समाजवादी पार्टी यानी सपा (SP) के नेता आजम खान को 2019 के नफरत भरे भाषण के एक मामले में एक अदालत ने 3 साल कैद की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उन्हें अक्टूबर 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य करार दिया गया था. वह रामपुर सदर विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर रहे थे.
अनिल कुमार सहनी
राजद विधायक सहनी को धोखाधड़ी के एक मामले में 3 साल कारावास की सजा सुनाये जाने के बाद अक्टूबर 2022 में बिहार विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया गया था.
विक्रम सिंह सैनी
भाजपा विधायक सैनी को उत्तर प्रदेश विधानसभा से अक्टूबर 2022 के प्रभाव से अयोग्य करार दिया गया था. उन्हें 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के एक मामले में दो साल के कारावास की सजा सुनाई गयी थी. सैनी खतौली सीट से विधायक थे.
प्रदीप चौधरी
कांग्रेस विधायक चौधरी को जनवरी 2021 में हरियाणा विधानसभा से अयोग्य करार दिया गया था. उन्हें हमले के एक मामले में 3 साल जेल की सजा सुनाई गयी थी. वह कालका से विधायक थे.
कुलदीप सिंह सेंगर
सेंगर को बलात्कार के एक मामले में दोषी करार दिये जाने के बाद फरवरी 2020 में उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था.
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अब्दुल्ला आजम खां
सपा विधायक अब्दुल्ला आजम खां को फरवरी 2023 में उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य करार दिया गया था. कुछ दिन पहले ही एक अदालत ने 15 साल पुराने एक मामले में उन्हें दो साल कारावास की सजा सुनाई थी. आजम खां के बेटे अब्दुल्ला रामपुर की स्वार विधानसभा से सदस्य थे.
अनंत सिंह
राजद विधायक अनंत सिंह को जुलाई 2022 में बिहार विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था. उन्हें उनके आवास से हथियार और गोला-बारूद जब्त होने से जुड़े मामले में दोषी करार दिया गया था. सिंह पटना जिले की मोकामा सीट से विधायक थे.