Google to Pay Penalty: अमेरिकन मल्टीनेशनल कंपनी गूगल को बड़ा झटका लगा है. राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) ने गूगल के मामले में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के फैसले को बरकरार रखा है. आयोग ने प्रौद्योगिकी कंपनी गूगल पर एंड्रॉयड मोबाइल उपकरणों के मामले में प्रतिस्पर्धा रोधी गतिविधियों में शामिल होने को लेकर 1338 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) ने बुधवार को कंपनी को जुर्माना भरने और आदेश को लागू करने के लिए 30 दिन का समय दिया है.
30 दिन में जमा करना होगा जुर्माना
अपीलीय न्यायाधिकरण की 2 सदस्यीय पीठ ने गूगल को निर्देशों का पालन करने और जुर्माना राशि 30 दिन के भीतर जमा करने को कहा है. NCLAT के चेयरपर्सन न्यायमूर्ति अशोक भूषण और सदस्य आलोक श्रीवास्तव की पीठ ने प्रतिस्पर्धा आयोग के आदेश में कुछ संशोधन भी किये हैं. अपीलीय न्यायाधिकरण ने गूगल की इस अपील को खारिज कर दिया कि प्रतिस्पर्धा आयोग ने जांच में प्राकृतिक न्याय का उल्लंघन किया है.
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आदेश को दी गई थी चुनौती
बता दें कि CCI ने पिछले साल 20 अक्टूबर को गूगल पर एंड्रॉयड मोबाइल उपकरणों के मामले में गैर-प्रतिस्पर्धी गतिविधियों में शामिन होने को लेकर 1338 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. नियामक ने कंपनी ने विभिन्न अनुचित व्यापार गतिविधियों से बचने और दूर रहने को भी कहा. प्रतिस्पर्धा आयोग के इस आदेश को अपीलीय न्यायाधिकरण में चुनौती दी गयी थी.
क्या थी Google की दलील
सीसीआई के आदेश को चुनौती देने वाली गूगल की याचिका में दलील दी गई थी कि CCI के इस आदेश से भारत को मोबाइल यूजर्स को बड़ा झटका लगेगा. इस फैसले पर अमल करने से भारत में एंड्रॉयड मोबाइल डिवाइस महंगे हो जाएंगे. गूगल ने अपनी याचिका में CCI की तरफ से लगाए गए जुर्माने पर अंतरिम रोक लगाने की मांग करते हुए दावा किया था कि एंड्रॉयड की वजह से भारतीय यूजर्स, डेवलपर्स और ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (OEMs) को काफी लाभ हुआ है . भारत के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में भी इसने महत्वपूर्ण योगदान किया है. गूगल ने अपनी याचिका में यह हैरान करने वाला आरोप भी लगाया था कि CCI के डायरेक्टर जनरल ने अपने आदेश में विदेशी अथॉरिटीज के फैसलों के कई पैराग्राफ कॉपी-पेस्ट भी किए हैं.
CCI ने क्यों लगाया है जुर्माना
25 अक्टूबर को CCI ने प्ले स्टोर नीतियों में अपनी दबदबे की स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए गूगल पर 936.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. जुर्माने के अलावा सीसीआई ने कहा था कि गूगल को ऐप डेवलपर्स को ऐप खरीदने के लिए किसी भी तीसरे पक्ष के बिलिंग/भुगतान प्रसंस्करण सेवाओं का उपयोग करने से बैन नहीं करना चाहिए. इससे पहले रेगुलेटर ने 20 अक्टूबर को एंड्रॉयड मोबाइल उपकरणों के संबंध में कई बाजारों में अपनी दबदबे की स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए गूगल पर जुर्माना लगाया था.