Assembly Election 2023,Tripura Result Live: त्रिपुरा विधानसभा चुनाव 2023 के लिए वोटों की गिनती आज सुबह 8 बजे शुरू हुई. शाम पांच बजे तक के रुझानों के अनुसार बीजेपी फिर से एक बार सत्ता पर काबिज होने जा रही है. शाम 5 बजे तक सत्तारूढ़ भाजपा 60 में से 33 सीटों पर आगे है तो वहीं वाम-कांग्रेस गठबंधन 14 और TIPRA 13 सीटों पर बढ़त के साथ तीसरे स्थान पर है. कुछ समय में यह काफी हद तक साफ हो जाएगा कि किसके सिर पर सत्ता का ताज बंधेगा. फिलहाल संभावित नतीजों को देखते हुए भाजपा दफ्तर में खुशी की लहर दौड़ गई है. त्रिपुरा के सीएम सीएम माणिक साहा ने पीएम मोदी को जीत का श्रेय दिया.
त्रिपुरा चुनावों में प्रमुख दावेदार सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और उसके सहयोगी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी), विपक्षी वाम मोर्चा और उसकी सहयोगी कांग्रेस और टीआईपीआरए मोथा पार्टी हैं. त्रिपुरा में 17 फरवरी को मतदान हुआ, जिसमें हिंसा की पांच “छुटपुट घटनाओं” के बीच 90 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ था.
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने टाउन बरदोवाली निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीतकर जीत का प्रमाण पत्र लिया. इसके बाद उन्होंने कहा कि मैं अच्छा महसूस कर रहा हूं और जीतने के बाद मुझे यह सर्टिफिकेट मिल रहा है तो इससे बेहतर और क्या हो सकता है.
त्रिपुरा बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता सुब्रत चक्रवर्ती ने पीटीआई से कहा कि ग्रेटर टिपरालैंड को छोड़कर, टिपरा मोथा की सभी मांगों को स्वीकार करने के लिए भाजपा तैयार हैं.
टिपरा मोथा पार्टी के बृषकेतु देबबर्मा ने एसटी-आरक्षित सिमना सीट से भाजपा के बिनोद देबबर्मा को हराकर जीत हासिल की. निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के अनुसार बृषकेतु देबबर्मा को जहां 15882 वोट मिले, वहीं बिनोद देबबर्मा को 5385 वोट मिले.
बीजेपी ने 60 सदस्यीय विधानसभा में 33 सीटों और 40.06 फीसदी वोट शेयर के साथ बढ़त बना ली है. रुझानों के अनुसार दोपहर 12 बजे तक सीपीआई-एम पार्टी 25.50 फीसदी वोट शेयर के साथ नौ सीटों पर आगे चल रही है और 9.04 फीसदी वोट शेयर के साथ कांग्रेस पांच सीटों पर आगे है.
त्रिपुरा के नतीजों में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. हालांकि शुरुआत से ही बीजेपी बहुमत से आगे या बहुमत के करीब रही है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 60 विधानसभा सीटों में से बीजेपी 32 सीटों पर आगे है. वहीं, लेफ्ट 10 और कांग्रेस 7 सीटों पर आगे चल रही है.
टाउन बारडोवाली सीट से बीजेपी उम्मीदवार और मुख्यमंत्री माणिक साहा आगे चल रहे हैं, जबकि कांग्रेस के आशीष कुमार साहा 1321 वोटों से पीछे चल रहे हैं.
त्रिपुरा में सुबह की शुरूआती रुझानों में भाजपा शुरू से बहुमत के करीब दिखी है. हालांकि रुझानों में कुछ समय पहले बहुमत हासिल करने के बाद बीजेपी फिर से उस जादुई आकड़ें के नीचे आ गई है. फिलहाल भाजपा 28 सीटों पर आगे है, वहीं टीआईपीआरए 11 और वाम-कांग्रेस गठबंधन 18 सीटों पर आगे है.
त्रिपुरा से आ रहे शुरुआती रुझानों में बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को 60 सीटों वाली विधानसभा में 26 सीटों पर आगे देखा जा रहा है. वहीं, वाम-कांग्रेस गठबंधन और टिपरा मोथा पार्टी क्रमशः 14 और 15 सीटों पर आगे चल रही हैं.
इस चुनाव में एक अन्य प्रमुख दावेदार पूर्ववर्ती त्रिपुरा शाही परिवार के वंशक प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा भी हैं. इनकी टीआईपीआरए मोथा पार्टी “ग्रेटर टिपरालैंड” के मांग के साथ चुनाव में उतरी थी. प्रद्योत किशोर द्वारा 2021 में टीआईपीआरए मोथा शुरू करने के कुछ ही महीनों बाद, पार्टी ने टीटीएएडीसी चुनावों में जीत हासिल की. पार्टी अब इस चुनाव में संभावित किंगमेकर बनकर उभरी है.
इस बार गठबंधन में सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले वाम मोर्चा ने 47 सीटों पर चुनाव लड़ा, जबकि कांग्रेस ने त्रिपुरा में 13 सीटों पर चुनाव लड़ा. इससे पहले राज्य में सीपीआई (एम) और कांग्रेस एक दूसरे के कट्टर प्रतिद्वंद्वी थे. हालांकि दोनों दल इस बार राज्य में “लोकतंत्र और कानून के शासन की बहाली” के नारे पर एक साथ आ गए थे.
2018 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 60 सदस्यीय सदन में बहुमत हासिल किया था. इससे पहले यहां पर वाम मोर्चे ने 25 साल तक शासन किया था. इस बार, मुख्यमंत्री माणिक साहा के चेहरे के साथ भगवा पार्टी ने “सुशासन” के मुद्दे पर 55 सीटों पर चुनाव लड़ा, जबकि आईपीएफटी ने छह सीटों पर चुनाव लड़ा.