
प्रवासी मजदूरों एवं गरीबों को शहरों में किराए पर छोटे घर उपलब्ध कराने के लिए केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत एक उप योजना को मंजूरी दे दी है. इस स्कीम के हिस्से के रूप में विभिन्न शहरों में प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत बने मौजूदा खाली छोटे फ्लैट प्रवासी मजदूरों एवं गरीबों को किराए पर देने के लिए अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में बदल दिए जाएंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने फैसलों की जानकारी दी. सरकार की योजना के तहत देश के विभिन्न शहरों में सरकार के आर्थिक सहयोग से बने छोटे फ्लैट/आवास किराए पर दिए जाएंगे. आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि ‘प्रौद्योगिकी इनोवेशन अनुदान’ के तौर पर 600 करोड़ रुपये खर्च किए जाने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि शुरुआत में तीन लाख लाभार्थियों को कवर किया जाएगा. 25 साल के बाद अगले साइकिल के लिए इन हाउसिंग कॉम्प्लेक्सेज को अर्बन लोकल बॉडीज को रिवर्ट कर दिया जाएगा.
ये फैसले भी हुए
सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की तीन साधारण बीमा कंपनियों के पूंजी आधार को मजबूत करने और उन्हें अधिक स्थिर बनाने के लिये उनमें 12,450 करोड़ रुपये की पूंजी डालने को भी मंजूरी दे दी है. ‘द नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड’ को अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध कराई जाएगी. 12,450 करोड़ रुपये की पूंजी में इन कंपनियों में 2019-20 में डाली गई 2,500 करोड़ रुपये की राशि भी शामिल है. 12,450 करोड़ रुपये में से 3,475 करोड़ रुपये की राशि तुरंत जारी की जाएगी, जबकि शेष 6,475 करोड़ रुपये बाद में डाले जाएंगे. इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने इन कंपनियों की प्राधिकृत शेयर पूंजी को भी बढ़ाने की मंजूरी दी है.
1 लाख करोड़ के एग्री इन्फ्रा फंड को मंजूरी
सरकार ने 1 लाख करोड़ रुपये के एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड को स्थापित करने के फैसले पर भी मुहर लगा दी है. यह फंड एग्री एंटरप्रेन्योर्स, स्टार्टअप्स, एग्री टेक कंपनियों, प्राइमरी एग्री क्रेडिट सोसायटीज, किसान उत्पादक संगठनों और किसान समूहों को इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स सुविधाएं मुहैया कराने के लिए है. एग्री इंफ्रा फंड कोविड19 को लेकर घोषित किए गए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का हिस्सा है.