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Congress on fortified rice: कांग्रेस का आरोप, देश 80 करोड़ लोगों में फोर्टिफाइड चावल के नाम पर बंट रहा जहर, बिना वैज्ञानिक रिसर्च के हुआ फैसला

Congress questions distribution of fortified rice: कांग्रेस ने कहा, कई मरीजों के लिए नुकसानदेह है फोर्टिफाइड चावल, नीदरलैंड्स की एक कंपनी से है मोदी सरकार के इस फैसले का कनेक्शन

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Congress on fortified rice : कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने फोर्टिफाइड चावल बांटने की सरकार की योजना पर गंभीर सवाल उठाए हैं. (Screenshot from Congress Press Coference)

Congress questions distribution of fortified rice to 80 crore people : कांग्रेस ने मोदी सरकार पर देश के करोड़ों लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ करने का गंभीर आरोप लगाया है. पार्टी का आरोप है कि सरकार देश के करीब 80 करोड़ लोगों में जो फोर्टिफाइड चावल बांट रही है, वो बहुत से लोगों के लिए काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है. कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार ने बिना किसी वैज्ञानिक रिसर्च के देश भर में फोर्टिफाइड चावल बांटने का फैसला कर लिया, जबकि कई बीमारियों से पीड़ित लोगों की सेहत के लिए यह चावल खाना घातक हो सकता है. कांग्रेस ने यह आरोप भी लगाया कि मोदी सरकार के इस फैसले का कनेक्शन नीदरलैंड्स की एक कंपनी से है.

करोड़ों भारतीयों को जबरदस्ती फोर्टिफाईड चावल खिला रही सरकार : कांग्रेस

कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने इस मसले पर गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि “मोदी सरकार करोड़ों भारतीयों को जबरदस्ती फोर्टिफाईड चावल खिला रही है. बिना किसी रिसर्च और कंसल्टेशन के जाने कि यह चावल लोगों के लिए हानिकारक तो नहीं! 2021 से 2023 तक 138 लाख टन फोर्टिफाईड चावल पूरे देश में बंट चुका है और लोग खा रहे हैं.”

नीदरलैंड्स की कंपनी का क्या है कनेक्शन?

कांग्रेस नेता ने फोर्टिफाइड चावल को इस तरह बांटे जाने की तुलना न सिर्फ जहर बांटने से की, बल्कि यह फैसला नीदरलैंड्स की एक कंपनी के प्रभाव की वजह से लिए जाने का गंभीर आरोप भी लगाया. खेड़ा ने कहा, “इस अमृतकाल में बच्चों को, गरीबों को, 80 करोड़ लोगों को फोर्टिफाइड चावल के नाम पर विष दिया जा रहा है और इसे अमृतकाल बताया जा रहा है. PM मोदी के मन में क्यों आया कि अब फोर्टिफाईड चावल खाया जाए? इसका जवाब नीदरलैंड की कंपनी Royal DSM से मिलेगा.”

कुछ सलाहकारों के कहने पर बन रहीं ऐसी नीतियां : कांग्रेस

पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार में इस तरह की नीतियां कुछ ऐसे सलाहकारों के कहने पर बनाई जा रही हैं, जिनके हित खास कंपनियों से जुड़े हुए हैं. उन्होंने दावा किया कि इस बारे में सही ढंग से जांच करने पर यह सच्चाई सबके सामने आ जाएगी. खेड़ा ने कहा कि मोदी सरकार ने पहले तो देश के जवानों और किसानों को नुकसान पहुंचाया और अब उन्होंने विज्ञान को नुकसान पहुंचाने वाला फैसला कर लिया है. उन्होंने दावा किया कि देश का प्रमुख मेडिकल रिसर्च संस्थान ICMR भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली यानी PDS के जरिए फोर्टिफाइड चावल बांटे जाने की योजना पर गंभीर संदेह जाहिर कर चुका है.

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नीति आयोग के रिसर्चर भी उठा चुके हैं सवाल : खेड़ा

पवन खेड़ा ने दावा किया कि “नीति आयोग के शोधार्थियों के अनुसार, हाइपर टेंशन और डायबिटीज के मरीजों के लिए फोर्टिफाइड चावल हानिकारक है. बगैर किसी गाइडलाइन के बोरी भेज दी जाती है, बिना यह बताए कि ये चावल किसे खाना है, किसे नहीं! हम दावे के साथ कह सकते हैं कि वैज्ञानिक रिसर्च के माध्यम से ये निर्णय नहीं लिया गया और लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हुआ है.” उन्होंने कहा कि मिड-डे मील में भी इसी चावल का इस्तेमाल किया जा रहा है.

‘मास्‍टर साहब’ के मास्‍टर स्‍ट्रोक स्‍वास्‍थ्‍य के साथ खिलवाड़ : खेड़ा

कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि “मास्‍टर साहब के जो मास्‍टर स्‍ट्रोक आ रहे हैं उससे लोगों के स्‍वास्‍थ्‍य के साथ खेला जा रहा है. झारखंड के एक ज‍िले में थेलेसिम‍िया की बीमारी बहुत ज्‍यादा है. वहां, फोर्टिफाईड चावल पहुंच गया और लोग इसे खाते रहे, ब‍िना इस जानकारी के क‍ि इससे उनको नुकसान हो सकता है.”

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क्या है फोर्टिफाइड चावल?

भारत सरकार देश की बड़ी आबादी में पोषण की कमी से निपटने के लिए फोर्टिफाइड चावल बांटने का कार्यक्रम चला रही है. फोर्टिफाइड चावल साधारण चावल में आयरन मिलाकर तैयार किया जाता है. खुद प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त 2021 को स्वतंत्रता दिवस पर दिए गए अपने भाषण में इस कार्यक्रम का एलान किया था. फोर्टिफाइड चावल मुख्य तौर पर एनीमिया यानी खून की कमी से निपटने में मददगार साबित होता है. देश में महिलाओं को बड़े पैमाने पर इस समस्या का सामना करना पड़ता है. लेकिन ऐसी खबरें भी आती रही हैं कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय में थैलसीमिया और सिकल सेल एमीमिया से पीड़ित मरीजों के लिए फोर्टिफाइड चावल खाना नुकसानदेह हो सकता है. इसके अलावा कुछ जानकार इसे हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी बीमारियों से पीड़ित कुछ मरीजों के लिए भी सही खुराक नहीं मानते हैं. पिछले साल FSSAI ने भी दिशानिर्देश जारी किए थे कि फोर्टिफाइड चावल के पैकेट पर इस बारे में पूरी जानकारी दी जानी चाहिए. लेकिन बहुत से जानकारों का यह भी मानना है कि बड़े पैमाने पर पोषण की कमी से निपटने में फोर्टिफाइड चावल की बड़ी भूमिका हो सकती है.

First published on: 25-05-2023 at 19:53 IST

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