Congress attacks Modi Government on it’s China Policy: कांग्रेस ने मोदी सरकार की चीन नीति पर एक बार फिर से तीखा हमला बोल दिया है. कांग्रेस ने चीन के मामले में विदेश मंत्री एस जयशंकर के एक ताजा बयान को भारतीय सैनिकों का हौसला तोड़ने वाला बताते हुए कड़ी आलोचना की है. विदेश मंत्री ने हाल में दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि चीन हमसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, ऐसे में एक छोटी इकॉनमी के तौर पर क्या हम आगे बढ़कर अपने से बड़ी इकॉनमी से लड़ाई कर लें? विदेश मंत्री के इस स्टेटमेंट को कांग्रेस ने चिंताजनक करार देते हुए उन्हें ‘नाकाम विदेश मंत्री’ बताया है. कांग्रेस ने मोदी सरकार की चीन नीति को लेकर जयशंकर से कई तीखे सवाल भी पूछे हैं.
विदेश मंत्री का बयान चिंताजनक : कांग्रेस
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने विदेश मंत्री के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा, “विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीन को लेकर जो बोला है वो चिंताजनक है. हमारे देश के विदेश मंत्री कह रहे हैं, क्योंकि हम छोटी अर्थव्यवस्था हैं, इसलिए चीन जैसी बड़ी अर्थव्यवस्था को अटैक नहीं कर सकते. विदेश मंत्री ने देश के हर सैनिक का हौसला तोड़ने का काम किया है.” चीन नीति के मामले में विदेश मंत्री के साथ ही साथ प्रधानमंत्री मोदी पर भी निशाना साधते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “क्या एस. जयशंकर जी स्टॉकहोम सिंड्रोम से ग्रसित हैं? चीन से सवाल पूछने की जगह आप और आपके आका जब देखो शी जिनपिंग से गलबहियां करने लगते हैं.”
चीन पर क्या बोले थे जयशंकर?
दरअसल, समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में विदेश मंत्री जयशंकर से जब कहा गया कि भारत सरकार पर चीन के मामले में डिफेंसिव रहने और देर से कदम उठाने के आरोप लगते हैं, तो विदेश मंत्री ने जवाब में कहा था, “नहीं….ऐसा बिलकुल नहीं है.. देखिए, वे हमसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं…हमें ऐसे में क्या करना चाहिए? एक छोटी इकॉनमी के तौर पर क्या हम आगे बढ़कर अपने से बड़ी इकॉनमी से लड़ाई कर लें? यहां सवाल रिएक्टिव होने यानी बाद में कदम उठाने का नहीं है..यह सवाल कॉमनसेंस के इस्तेमाल का है.” उन्होंने कांग्रेस पर जानबूझकर तथ्यों को गलत ढंग से पेश करने का आरोप भी लगाया था. जयशंकर ने चीन के साथ मौजूदा सीमा विवाद के लिए कांग्रेस की 60-62 साल पुरानी सरकारों को जिम्मेदार ठहराते हुए तंज भरे लहजे में कहा था कि कांग्रेस को C से शुरू होने वाले शब्दों को समझने में दिक्कत होती है.
गुरदीप सप्पल ने विदेश मंत्री से पूछे एक दर्जन सवाल
जयशंकर के इस हमले पर कांग्रेस लगातार पलटवार कर रही है. सुप्रिया श्रीनेत से पहले कांग्रेस नेता और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय प्रभारी गुरदीप सिंह सप्पल भी जयशंकर से एक-दो नहीं, पूरे एक दर्जन सवाल पूछ चुके हैं. ट्विटर पर सवालों की झड़ी लगाते हुए उन्होंने लिखा है, “प्लीज़ C शब्द के लिए अपने प्रेम को भुलाकर इन सवालों के जवाब दें :
- क्या 1962 में जंग हारने का ये मतलब है कि भारत 2023 में LAC पर चीन की आक्रामक गतिविधियों को आराम से बर्दाश्त करता रहे?
- क्या भारत की मौजूदा एक्टिव बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर पॉलिसी 2006 में यूपीए के कार्यकाल में नहीं अपनाई गई थी?
- क्या 1967 के बाद अगले 50 साल तक सीमा पर शांति नहीं बनी रही?
- पिछले 2 सालों में घुसपैठ की इतनी सारी घटनाएं क्यों हुईं, जिनका जवाब हमारे जवानों ने अपने सर्वोच्च बलिदान से दिया?
- क्या पिछले साल आपके अपने विदेश सचिव की मुख्य चिंता ये नहीं थी कि भारत-चीन के आपसी व्यापार को संभालना मुश्किल होता जा रहा है, क्योंकि हम चीन से 100 अरब डॉलर का इंपोर्ट कर रहे हैं, जबकि भारत का एक्सपोर्ट इसका महज 20% है?
- क्या चीन के सामने दबकर रहने की सरकार की नीति की मुख्य वजह यही है? क्या मेक इन इंडिया की नाकामी भी इसकी एक वजह नहीं है?”
UPA सरकार के बारे में बीजेपी ने बहुत झूठ फैलाए : कांग्रेस
कांग्रेस ने यह आरोप भी लगाया कि चीन के मुद्दे पर UPA सरकार के बारे में बीजेपी ने बहुत झूठ फैलाए हैं, जिनका पर्दाफाश करना जरूरी है. कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि आप अपने राजनीतिक विरोधियों पर हमले भले ही कीजिए, लेकिन ऐसा राष्ट्रीय सुरक्षा की कीमत पर नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि विदेश नीति का मकसद देश हित को आगे बढ़ाना होना चाहिए, इसका इस्तेमाल दूसरे देशों में एक खास बिजनेस ग्रुप यानी अडानी को प्रोजेक्ट दिलाने के औजार के तौर पर नहीं किया जाना चाहिए.
देश के खिलाफ साजिश हो रही है तो विदेश मंत्री क्या कर रहे हैं : कांग्रेस
सुप्रिया श्रीनेत ने बुधवार को जयशंकर को नाकाम विदेश मंत्री बताते हुए कहा कि उन्होंने विदेश नीति को फोटो खिंचवाने और बड़बोले बयान देने में तब्दील कर दिया है. उन्होंने सवाल किया कि अगर देश के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय साजिश हो रही है तो आप बतौर विदेश मंत्री क्या कर रहे हैं? आपका मंत्रालय और उसके अधिकारी क्या कर रहे हैं?