Gyanvapi Case: वाराणसी की जिला कोर्ट ने ज्ञानवापी मामले में कार्बन डेटिंग कराये जाने की मांग को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने साफ कर दिया है कि सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग और मस्जिद परिसर की कार्बन डेटिंग नहीं कराई जाएगी. जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार जहां शिवलिंग पाया गया है, उसे जगह को सुरक्षित रखा जाए. ऐसे में अगर कार्बन डेटिंग के दौरान कथित शिवलिंग को क्षति पहुंचती है, तो यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होगा. इससे आम जनता की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंच सकती है.
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सर्वे में मिला था आदिविशेश्वर महादेव शिवलिंग
हिन्दू पक्ष की अपील के बाद इस साल मई में ज्ञानवापी का सर्वे किया गया था. इस दौरान वजूखाने में शिवलिंग समेत कई अन्य हिन्दू प्रतीकों मिलने का दावा किया जा रहा है. हिंदू पक्ष की माने तो सर्वे में मिला शिवलिंग आदिविशेश्वर महादेव हैं, जबकि मुस्लिम पक्ष इसे फव्वारा बता रहा है. जिसे लेकर हिंदू पक्ष ने शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने की मांग की है. मामले के दोनों ही पक्षकार अदालत का फैसला अपने पक्ष में आने की उम्मीद कर रहे हैं.
5 महिलाओं की ओर से दायर की गई है याचिका
दिल्ली की राखी सिंह और वाराणसी की चार महिलाओं की ओर से जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट में मां शृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन की मांग करते हुए याचिका दायर की गई थी. कार्बन डेटिंग का इस्तेमाल किसी वस्तु की उम्र का पता लगाने के लिए किया जाता है. इस तरीके से 20 हजार साल तक की पुरानी चीजों की उम्र का पता लगाया जा सकता है.
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मामले में एक और नई याचिका दाखिल
इस बीच गुरूवार यानी 13 अक्टूबर को मामले को लेकर वाराणसी की सिविल जज (सीनियर डिवीजन) कुमुदलता त्रिपाठी की अदालत में दाखिल में एक याचिका दाखिल की गई. पर्यावरणविद प्रभु नारायण की ओर से दायर इस याचिका में ज्ञानवापी परिसर में मौजूद मां श्रृंगार गौरी, भगवान गणेश, हनुमान समेत अन्य देवी-देवताओं के नियिमत दर्शन-पूजन, सांस्कृतिक विरासत को सहेजने की मांग की गई है. साथ ही इसमें मस्जिद को हटाकर वहां पर मंदिर निर्माण की मांग की गई है.