Election Commission Press Conference on Assembly Elections: केंद्रीय चुनाव आयोग ने आज हिमाचल प्रदेश के लिए चुनावी कार्यक्रम का एलान कर दिया. लेकिन गुजरात विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम के बारे में कोई घोषणा नहीं की. हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए उम्मीदवारों के नामांकन का काम 17 अक्टूबर से शुरू हो जाएगा, जबकि मतदान 12 नवंबर को होगा. वोटों की गिनती 8 दिसंबर को कराई जाएगी और उसी दिन नतीजे घोषित भी कर दिए जाने की उम्मीद है. हिमाचल प्रदेश की सभी 68 विधानसभा सीटों के लिए एक साथ मतदान कराया जाएगा. लेकिन उम्मीदों के उलट शुक्रवार को गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए कार्यक्रम का एलान नहीं किया गया.
हिमाचल प्रदेश में चुनाव का विस्तृत कार्यक्रम
केंद्रीय चुनाव आयोग ने शुक्रवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में जिस विस्तृत कार्यक्रम की घोषणा की, वो इस तरह है :
- चुनाव के लिए गजट नोटिफिकेशन सोमवार 17 अक्टूबर को जारी किया जाएगा और नामांकन इसी दिन से शुरू हो जाएगा.
- उम्मीदवारों के लिए नामांकन का पर्चा दाखिल करने की अंतिम तारीख मंगलवार 25 अक्टूबर रखी गई है.
- नामांकन पत्रों की जांच का काम गुरुवार 27 मार्च तक खत्म होगा.
- उम्मीदवारी वापस लेने के लिए शनिवार 29 अक्टूबर तक का वक्त दिया गया है.
- सभी 68 सीटों पर शनिवार 12 नवंबर को मतदान होगा.
- गुरुवार 8 दिसंबर को वोटों की गिनती की जाएगी.
- इलेक्शन कमीशन की तरफ से जारी चुनाव कार्यक्रम के मुताबिक चुनाव की पूरी प्रक्रिया शनिवार 10 दिसंबर तक पूरी कर ली जाएगी.
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हिमाचल प्रदेश की 68 सीटों वाली विधानसभा में अभी बीजेपी के 45, कांग्रेस के 20 और अन्य दलों के 3 विधायक हैं. चुनाव आयोग ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में इस बार 55 लाख से ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. इनमें से 1.86 लाख मतदाता पहली बार वोट डालेंगे, जबकि 1.22 लाख वोटर ऐसे हैं, जिनकी उम्र 80 साल से अधिक है. पूरे प्रदेश में मतदान के लिए 7,881 पोलिंग बूथ बनाए जा रहे हैं, जिनमें से 142 बूथ पूरी तरह से महिला चुनाव अधिकारियों द्वारा और 37 दिव्यांगों द्वारा संचालित किए जाएंगे. हिमाचल प्रदेश के 12 जिलों के 68 विधानसभा क्षेत्रों में 48 जनरल सीटें हैं, जबकि 17 अनुसूचित जाति और 3 अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व हैं.
गुजरात पर क्या बोले मुख्य चुनाव आयुक्त
गुजरात विधानसभा चुनाव कब कराया जाएगा और इसके लिए चुनावी कार्यक्रम का एलान कब होगा, इस बारे में पूछे जाने पर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कोई साफ जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा कि चुनाव कार्यक्रम का एलान करते समय कई पहलुओं का ध्यान रखना पड़ता है, जिसमें कन्वेंशन के अलावा दो चुनावों के बीच के अंतर और मौसम जैसी बातें शामिल हैं. उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते कि चुनाव की प्रक्रिया बेहद लंबे समय तक चलती रहे. राजीव कुमार ने कहा कि इस बार आयोग ने आदर्श चुनाव संहिता के लागू रहने की अवधि को घटाकर 57 दिन कर दिया है.