Imran Khan gets relief from Islamabad High Court: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के लिए शुक्रवार का दिन राहत भरा रहा. पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार इस्लामाबाद हाईकोर्ट (Islamabad High Court) ने आज यानी शुक्रवार को इमरान खान के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट को 18 मार्च तक के लिए निलंबित कर दिया. वो कल इस्लामाबाद के अदालत में तोशखाना मामले में पेश होने वाले थे. उन पर आतंकवाद और भ्रष्टाचार समेत कई आरोप लगे हुए हैं. उन पर महिला जज को धमकाने का आरोप लगाया गया है. इससे पहले कल लाहौर हाईकोर्ट (Lahore High-count) ने आज यानी शुक्रवार सुबह 10 बजे तक खान के गिरफ्तारी पर रोक लगाया था. उन्होंने पिछले अप्रैल में अपने पद से इस्तीफा दिया था.
कल हुई थी इमरान समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प
कल यानी गुरुवार को इमरान खान के समर्थकों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प देखने को मिली थी. प्रदर्शनकारियों के साथ लगभग 24 घंटे की झड़प के बाद पाकिस्तान पुलिस (Pakistan Police) ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के लाहौर स्थित आवास से वापस चली गई थी. पाकिस्तान स्थित जियो न्यूज के अनुसार ऐसा पाकिस्तान सुपर लीग (Pakistan super League) के एक क्रिकेट मैच के कारण हुआ जो कल लाहौर में हुआ. दूसरी तरफ पाकिस्तान पुलिस ने आज और कल हुई तीखी लड़ाई में शामिल होने वाले कम से कम 20 इमरान समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया है.
क्या आर्मी ने किया है गिरफ्तारी का समर्थन?
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सीओएएस) जनरल सैयद असीम मुनीर ने तोशखाना मामले में इमरान खान की गिरफ्तारी का समर्थन किया है, जो उनके राजनीतिक करियर को खत्म करने का एक जरिया बन सकता है. गौरतलब है कि इमरान खान ने सीधे तौर पर जनरल मुनीर पर पुलिस और पाकिस्तान रेंजर्स पर उनके खिलाफ चल रही कार्रवाई को भड़काने का आरोप लगाया है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पाकिस्तान में हालात इतने खराब हो गए हैं कि कुछ विश्लेषक गृहयुद्ध जैसी स्थिति की भी आशंका जता रहे हैं.
इमरान खान ने पुलिस पर लगाया गंभीर आरोप
तोशखाना मामले में मंगलवार शाम को इमरान खान के समर्थकों और उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस के बीच झड़प हो गई थी. इसपर पीटीआई के अध्यक्ष ने आज कहा था कि इस्लामाबाद पुलिस की ‘असली मंशा’ उन्हें गिरफ्तार करना नहीं बल्कि उनका ‘अपहरण और हत्या’ करना है. सोशल मीडिया पर कथित तौर पर पुलिस द्वारा चलाए गए खाली कारतूसों की तस्वीरें शेयर की जा रही हैं. खान द्वारा अपने समर्थकों से सरकार के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का आग्रह करने के बाद इस्लामाबाद, पेशावर, कराची और रावलपिंडी सहित पाकिस्तान के प्रमुख शहरों में विरोध फैल गया है.