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ISRO ने रचा इतिहास, LVM3 रॉकेट से एक साथ किए 36 सैटेलाइट लॉन्च, क्या है खासियत?

ISRO ने आज सुबह 9 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्चपैड से अपने लॉन्च व्हीकल मार्क (LVM 3-M3) से एक और रॉकेट सफलतापूर्वक लॉन्च किया.

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यह न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड के सहयोग से इसरो और यूके के वन वेब ग्रुप के सहयोगात्मक मिशन का दूसरा भाग है. ((Image credit: ISRO))

ISRO Successfully Launches LVM 3- M3 /One Web India-2 Mission Rocket from Sathish Dhawan Space Centre: इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन यानी इसरो (ISRO) ने फिर से एक नई उपलब्धि हासिल की है. ISRO ने रविवार 26 मार्च यानी आज सुबह 9 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्चपैड से अपने लॉन्च व्हीकल मार्क (LVM 3-M3) से एक और रॉकेट सफलतापूर्वक लॉन्च किया. इसरो ने ब्रिटेन के नेटवर्क एक्सेस एसोसिएटेड लिमिटेड (वनवेब) के 36 सैटेलाइट को ले जाने वाले अपने लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (LVM-III) रॉकेट लॉन्च किया. यह रॉकेट सभी विदेशी 36 सैटेलाइट को अंतरिक्ष में ले गया. इस मिशन को LVM3-M3/वनवेब इंडिया 2 नाम दिया गया है.

इसरो और वनवेब ग्रुप के सहयोगी मिशन का है दूसरा हिस्सा

लॉन्चिंग को YouTube, Facebook और Twitter जैसे विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइव-स्ट्रीम किया गया था. 2022 में भारती ग्रुप ने इसरो की कॉमर्शियल ब्रांच न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NewSpace India Ltd) के साथ कुल 72 सैटेलाइट को लॉन्च करने के लिए 100 करोड़ रुपये के लॉन्च फीस के साथ एक डील की थी. यह न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड के सहयोग से इसरो और यूके के वनवेब ग्रुप के सहयोगी मिशन का दूसरा हिस्सा है, इसने अपने पहले मिलियन के समान, पृथ्वी की लोअर ऑर्बिट में एडिशनल 36 सैटेलाइट शामिल किए. जहां, इसने अक्टूबर 2022 में पहले 36 सैटेलाइट लोअर ऑर्बिट (LEO) में जोड़े थे.

वन वेब भी भारती ग्रुप द्वारा समर्थित है, जो भारती एयरटेल के पीछे का ब्रांड है और वर्तमान में लोअर ऑर्बिट में 618 सैटेलाइट हैं, जो कंपनी को दुनिया भर में कवरेज की पेशकश करने में मदद करेंगे.

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अंतरिक्ष में भेजे गए सैटेलाइट का कुल वजन 5805 किलोग्राम है. लॉन्च व्हीकल मार्क3 (LVM 3-M3) कुल 36 Gen1 सैटेलाइट को ले गया. लॉन्च के 19 मिनट के भीतर रॉकेट ने सफलतापूर्वक सैटेलाइट को लोअर ऑर्बिट में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया.

वनवेब ग्रुप कंपनी के लिए पहले 36 सैटेलाइट 23 अक्टूबर 2022 को प्रक्षेपित किए गए थे. इसरो के 43.5 मीटर लंबे रॉकेट को 24.5 घंटे की उल्टी गिनती समाप्त होने के बाद चेन्नई से करीब 135 किलोमीटर दूर सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में दूसरे लॉन्च पैड से रविवार सुबह 9 बजे प्रक्षेपित किया गया. बाद में इसरो ने बताया कि 36 उपग्रहों को उनकी तय ऑर्बिट में स्थापित करने के साथ ही यह मिशन पूरा हो गया. भारती एंटरप्राइसेस वनवेब ग्रुप में बड़ी निवेशक है. वनवेब अंतरिक्ष से संचालित एक वैश्विक संचार नेटवर्क है जो सरकारों एवं उद्योगों को सम्पर्क की सुविधा मुहैया कराता है.

रविवार का यह लॉन्च वनवेब ग्रुप कंपनी का 18वां प्रक्षेपण था, वहीं इसरो के लिए 2023 की यह दूसरी लॉन्चिंग है. इससे पहले फरवरी में एसएसएलवी/डी2-ईओएस07 का सफल प्रक्षेपण किया गया था. रविवार के प्रक्षेपण के साथ ही वनवेब द्वारा पृथ्वी की कक्षा में स्थापित उपग्रहों की संख्या बढ़कर 616 हो गई, जो इस साल वैश्विक सेवाएं शुरू करने के लिए पर्याप्त है.

गांव-कस्बों और रिमोट इलाकों में बेहतर होगी संपर्क सुविधा

वनवेब ने कहा कि यह मिशन भारत से वनवेब द्वारा उपग्रहों का दूसरा प्रक्षेपण है, जो ब्रिटेन और भारतीय अंतरिक्ष उद्योग के बीच संबंधों को दर्शाता है. कंपनी ने कहा कि वनवेब भारत के न केवल उपक्रमों, बल्कि उसके कस्बों, गांवों, नगर निगमों और स्कूल समेत उन क्षेत्रों में भी सुरक्षित संपर्क सुविधा मुहैया कराएगा, जहां तक पहुंच बनाना मुश्किल है. यह एल.वी.एम.3 की छठी उड़ान है. इसे पहले इसे ‘जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीककल एम के थ्री’ के नाम से जाना जाता था.

First published on: 26-03-2023 at 11:27 IST

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