Jobless Rate Climbs to 7.8% in March says CMIE Data: सेंटर फॉर मोनिटरिंग इंडियन इकोनाॅमी (CMIE) के मुताबिक मार्च के महीने में बेरोजगारी दर में तेजी से वृद्धि हुई है. मार्च महीने में बेरोजगारी दर बढ़कर 7.80% पर पहुंच गई है, बीते तीन महीने में यह सबसे ज्यादा है. फरवरी में बेरोजगारी दर 7.45% पर थी. CMIE ने बेरोजगारी दर के आंकड़ें शनिवार को जारी किए.
CMIE के आंकड़ों के मुताबिक शहरी बेरोजगारी दर फरवरी महीने के मुकाबले 7.93% से बढ़कर मार्च में 8.51% पर पहुंच गई है. वहीं ग्रामीण बेरोजगारी दर 7.23% से बढ़कर 7.47% पर पहुंच गई है. बता दें कि सरकार बरोजगारी दर के मंथली आंकड़े जारी नहीं करती है. मुंबई आधारित CMIE के आंकड़ों पर इकोनॉमिस्ट्स और पॉलिसीमेकर्स पैनी नजर रखते हैं.
EPFO सब्सक्राइबर्स में गिरावट
वैश्विक आर्थिक मंदी की घरेलू आर्थिक गतिविधियों पर चिंता और टेक सेक्टर में निरंतर छंटनी के बीच ईपीएफओ (EPFO) ने हाल के आंकड़ों में सोशल सिक्योरिटी स्कीम में नए सब्सक्राइबर्स में गिरावट दर्ज की गई है. जनवरी के महीने में 770,000 पहली बार सदस्य ईपीएफओ में शामिल हुए, जो इस वित्तीय वर्ष में किसी भी महीने में सबसे कम था.
इन राज्यों में इतनी है बेरोजगारी दर
CMIE के आंकड़ों के मुताबिक इस साल मार्च महीने में हरियाणा में 26.8%, राजस्थान में 26.4%, जम्मू और कश्मीर में 23.1%, सिक्किम में 20.7%, बिहार में 17.6%, झारखंड में 17.5%, गोवा में 15.9% दो अंकों में बेरोजगारी दर दर्ज की गई. वहीं उत्तराखंड में 0.8%, पुडुचेरी में 1.5% और गुजरात में 1.8% में बेरोजगारी कम रही.
कैसे तय की जाती है रोजगार दर?
मार्च के महीने में बेरोजगारी दर बढ़कर 7.8% जाने का मतलब है कि काम करने को तैयार हर 1000 मजदूरों में से 78 को काम नहीं मिला.हर महीने 15 से अधिक उम्र के लोगों के घर जाकर मुंबई आधारित CMIE सर्वे करता है और उनसे रोजगार की स्थिति की जानकारी लेता है. इसके बाद जो परिणाम मिलते हैं, उनकी रिपोर्ट तैयार की जाती है.