Karnataka Election 2023 Date and Timing: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बिगुल बज चुका है. आज यानी बुधवार को चुनाव आयोग ने कर्नाटक चुनाव (Karnataka Election) के कार्यक्रम की घोषणा कर दी है. आयोग के अनुसार राज्य में 10 मई को एक ही चरण में मतदान होगा और वोटों की गिनती 13 मई को की जाएगी. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार (Rajiv Kumar) ने इसकी जानकारी दी. मुख्य चुनाव आयुक्त ने मतदाताओं के आंकड़ों का ब्योरा देते हुए कहा कि राज्य में कुल 5.21 करोड़ मतदाता हैं. चुनाव के लिए राज्य भर में 58,000 से अधिक मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने क्या कहा?
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने ब्योरेवार तरीके से कर्नाटक चुनावके बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा, “राज्य में 224 विधानसभा क्षेत्र हैं जिनमें से 36 एससी के लिए और 15 एसटी के लिए आरक्षित हैं. राज्य में कुल मतदाता 5,21,73,579 करोड़ हैं, जिनमें पुरुष 2.62 करोड़ और महिलाएं 2.59 करोड़ हैं. कुल 80 साल से ऊपर के मतदाताओं की संख्या 12.15 लाख है, जो 2018 से 32 प्रतिशत की वृद्धि है. इसमें 16,976 ऐसे मतदाता हैं जिनकी उम्र 100 साल से अधिक है. वहीं, विकलांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) की संख्या बढ़कर 5.55 लाख हो गई है.”
युवाओं को आकर्षित कर रहा चुनाव आयोग
राजीव कुमार ने कहा कि कर्नाटक में 2018-19 के मुकाबले पहली बार वोट डालने वालों की संख्या में 9.17 लाख की बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा, “एक अप्रैल तक 18 साल के हो रहे सभी युवा मतदाता कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मतदान कर सकेंगे.” सीईसी ने राज्य में चिन्हित संवेदनशील बूथों के लिए सुरक्षा के प्रयाप्त उपाय किए हैं. उन्होंने जानकारी दी कि कर्नाटक में 58,282 मतदान केंद्र हैं, जिनमें से 20,866 शहरी हैं. इस हिसाब से प्रति मतदान केंद्र मतदाताओं की औसत संख्या 883 आती है.” कुमार ने युवाओं को मतदान के लिए आकर्षित करने के लिए ईसीआई द्वारा किए गए उपायों के बारे में बताते हुए कहा, “240 मॉडल मतदान केंद्र होंगे, जिन्हें पर्यावरण के अनुकूल और हरित बूथ बनाया जाएगा. 100 बूथ पूरी तरह से विकलांग व्यक्तियों द्वारा प्रबंधित किए जाएंगे.”
राज्य में राजनीति शुरू
कर्नाटक के पास विधानसभा की 224 सीटें हैं, जिसमें सत्तारूढ़ भाजपा के 119 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास 75 और उसके सहयोगी जद (एस) के पास 28 सीटें हैं. विधानसभा चुनावों में महीनों के साथ, सत्तारूढ़ भाजपा, कांग्रेस और सहयोगी जद (एस) सहित राजनीतिक दलों ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश के साथ आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया है. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार भी सत्ता में वापसी के लिए प्रयास कर रही है और मुस्लिम समुदाय के लिए धर्म आधारित आरक्षण को समाप्त करके लिंगायत और वोक्कालिगा समुदायों को आरक्षण, कन्नडिगों के मुद्दे पर जोर दे रही है. सरकार ने यह निर्णय हाल ही में लिया है. इस बीच बीजेपी ने चुनाव की तारीख का ऐलान होते ही जीत का दावा किया है. बीजेपी प्रवक्ता केके शर्मा ने कहा है कि हम प्रदेश की परिपाटी बदलेंगे और दोबारा सत्ता में आएंगे.