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फॉर्म 26AS में दिखाए गए जीएसटी कारोबार के विवरण से करदाताओं पर अनुपालन का किसी तरह का अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा.
राजस्व विभाग ने सोमवार को कहा है कि आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि कुछ लोग माल एवं सेवा कर (GST) में करोड़ों रुपये का टर्नओवर दिखा रहे हैं, लेकिन एक रुपये के इनकम टैक्स का भी भुगतान नहीं कर रहे हैं. विभाग ने एलान किया है कि ईमानदार करदाताओं के लिए फॉर्म 26AS में जीएसटी कारोबार के आंकड़ों को दिखाने से संबंधित जरूरत में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है. राजस्व विभाग (DoR) की ओर से सोमवार को जारी बयान में कहा गया है कि फॉर्म 26AS में दिखाए गए जीएसटी कारोबार के विवरण से करदाताओं पर अनुपालन का किसी तरह का अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा. यह सालाना कर ब्योरा है.
26AS में दिखाए जीएसटी कारोबार की केवल टैक्सपेयर्स को सूचना
करदाता आयकर विभाग की वेबसाइट पर अपने परमानेंट अकाउंट नंबर (पैन) के जरिये इसे प्राप्त कर सकते हैं. विभाग ने कहा कि 26AS में दिखाया गया जीएसटी कारोबार सिर्फ करदाताओं की सूचना के लिए है.
राजस्व विभाग को इस बात की जानकारी है कि दाखिल किए गए GSTR-3Bs और फॉर्म 26AS में दिखाए गए जीएसटी में कुछ अंतर हो सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हो सकता कि कोई व्यक्ति जीएसटी में करोड़ों रुपये का कारोबार दिखाए और एक भी रुपये का आयकर नहीं दे. आंकड़ों के विश्लेषण में इस तरह के कुछ मामले पकड़े आए हैं.
सूचना को लेकर किसी तरह का बदलाव नहीं
विभाग ने कहा कि फॉर्म 26AS में जीएसटी कारोबार से संबंधित सूचना की जरूरत को लेकर किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है, क्योंकि ईमानदार करदाता पहले से जीएसटी रिटर्न और आयकर रिटर्न दाखिल कर रहे हैं और कारोबार की सही जानकारी दे रहे हैं.
1 जून 2020 से शुरू होकर फॉर्म 26AS को एक सालाना जानकारी स्टेटमेंट में बदल दिया गया है जिसमें TDS/ TCS डिटेल्स के अलावा विस्तृत जानकारी जोगी जो एक वित्तीय वर्ष में वित्तीय ट्रांजैक्शन, टैक्स के भुगतान, टैक्सपेयर द्वारा ली गई डिमांड/ रिफंड और बाकी/पूरी कार्रवाई से संबंधित है जिसे इनकम टैक्स रिटर्न में देना होगा.
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