scorecardresearch

Petrol Price: कच्चा तेल 16.75 रुपये हुआ सस्ता, फिर घट क्यों नहीं रहा पेट्रोल-डीजल का दाम? मोदी सरकार से कांग्रेस का सवाल

Petrol Diesel Prices: कांग्रेस ने कहा- मई 2022 में 53.45 रुपये/लीटर था कच्चे तेल का भाव, मार्च 2023 में घटकर 36.68 रुपये हुआ, फिर कीमतों में कटौती क्यों नहीं?

Petrol diesel prices, international crude prices reduced, Congress Blames Modi Govt, Gourav Vallabh, पेट्रोल डीजल के दाम, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव, कांग्रेस, बीजेपी, गौरव वल्लभ, मोदी सरकार पर कांग्रेस का आरोप
Petrol Diesel Prices: कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों से जुड़ी मोदी सरकार की नीति पर कई सवाल उठाए हैं. (Screenshot of video shared by Congress)

Congress demands reduction in petrol diesel prices: अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल डीजल के भाव में 16 रुपये 75 पैसे प्रति लीटर तक की भारी कमी आई है, लेकिन मोदी सरकार देश के लोगों तक इसका फायदा नहीं पहुंचने दे रही. केंद्र सरकार पर यह आरोप देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने लगाया है. कांग्रेस का कहना है कि जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तब तो डायनैमिक प्राइसिंग की बात करके देश में भी दाम बढ़ा दिया जाता है, लेकिन जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें घटती हैं, तो दाम घटाए नहीं जाते. कांग्रेस पार्टी की तरफ से ये तमाम दलीलें पार्टी के प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने प्रेस क़ॉन्फ्रेंस में पेश कीं.

पेट्रोल-डीजल कीमतों पर कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस

कांग्रेस प्रवक्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में तमाम आंकड़े पेश करते हुए पेट्रोल डीजल की कीमतों के मसले पर मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया. उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों के मामले में मोदी सरकार की नीति कुछ ऐसी है, जिससे कच्चा तेल महंगा होने पर तो उसका बोझ देश के लोग उठाते हैं, लेकिन जब कच्चा तेल सस्ता होता है, तो उन्हें फायदा नहीं मिलता.

गौरव वल्लभ ने गिनाए आंकड़े

आर्थिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गौरव वल्लभ ने कहा कि मोदी सरकार ने मई 2022 में कच्चा तेल 53.45 रुपये प्रति लीटर के भाव से खरीदा था. लेकिन दाम घटने की वजह से मार्च 2023 में उसे एक लीटर कच्चे तेल के लिए 36.68 रुपये ही चुकाने पड़े. इस हिसाब से कच्चे तेल की कीमतों में 16.75 रुपये प्रति लीटर की कमी आई है. लेकिन कीमतों में इस गिरावट का फायदा देश के आम लोगों को क्यों नहीं मिल रहा है?

मोदी सरकार से पूछे कई सवाल

गौरव वल्लभ ने पेट्रोल डीजल की कीमतों के मामले में मोदी सरकार की नीतियों पर कई सवाल उठाए हैं. कांग्रेस प्रवक्ता ने पूछा है :

  1. कच्चे तेल में गिरावट, फिर फायदा लोगों को क्यों नहीं?
  2. कच्चे तेल का दाम 16.75 रु./लीटर घटा, ईंधन सस्ता क्यों नहीं हुआ?
  3. डायनमिक प्राइसिंग में कीमतें कम क्यों नहीं होतीं?
  4. PSUs के अलावा किन निजी कंपनियों ने किस भाव से रूस से कच्चा तेल खरीदा?

Also read : Gold and Silver Price: सोना 480 रुपये टूटा, चांदी में भी 345 रुपये की गिरावट

रूस से खरीदा तेल किन रिफाइनरियों को मिला?

कांग्रेस प्रवक्ता ने रूस से कच्चा तेल खरीदे जाने के मामले में भी मोदी सरकार से कई सवाल किए हैं. गौरव वल्लभ ने कहा, “मोदी जी, हम पूछना चाहते हैं कि रूस से कितना कच्चा तेल भारत में आया? यह कच्चा तेल किस भाव में खरीदा गया? यह तेल किन रिफाइनरियों को मिला? क्योंकि सरकारी आंकड़े बताते हैं कि सार्वजनिक क्षेत्र की रिफाइनरियों को सिर्फ 2 डॉलर प्रति बैरल का फायदा हुआ.

Also Read : पीएम मोदी ने कहा – देश के हर कोने में पहुंची डिजिटल पावर, गांवों में इंटरनेट यूजर्स की तादाद ने शहरों को पीछे छोड़ा

हर हाल में देश के लोगों की हार होती है : कांग्रेस

कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के तमाम मंत्री हमेशा कहते हैं कि देश में पेट्रोल डीजल की कीमतों का निर्धारण अंतरराष्ट्रीय बाजार की कीमतों से होता है. और ऐसा डायनैमिक प्राइसिंग मैकेनिज्म की वजह से हो रहा है, जिसकी शुरुआत यूपीए सरकार ने की थी. लेकिन मोदी सरकार का अजीब सा डायनैमिक प्राइसिंग मैकेनिज्म है, जिसमें “चित आया तो मैं जीता, पट आया तो तुम हारे” वाला हिसाब चलता है. मतलब हार हमेशा देशवासियों की ही होनी है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में जब कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं तो देश में पेट्रोल-डीजल महंगा हो जाता है. लेकिन जब कीमतें घटती हैं तो उसका फायदा देशवासियों को नहीं मिलता. यानि जब कच्चा तेल महंगा हो तो देशवासी भरें और जब कच्चा तेल सस्ता हो तो फायदा सरकार की जेब में जाए.

First published on: 22-03-2023 at 18:37 IST

TRENDING NOW

Business News