Nobel Prize for PM Modi: रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग में भारत अहम भूमिका निभा रहा है. आम तौर पर जब दुनिया के ज्यादातर देश इस मसले पर दो गुटों में बंट चुके हैं, भारत ने तटस्थता बनाए रखते हुए दोनों देशों से संपर्क बनाया हुआ है. भारत ने बार-बार वैश्विक मंचों पर युद्ध को रोकने और आपसी बातचीत से इस जटिल मुद्दे का समाधान खोजने की मांग की है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार इस बात को दोहरा रहे हैं कि युद्ध से किसी का भला नहीं होगा और यह समय आर्थिक प्रगति करने का है न कि युद्ध में शामिल होने का. इस बीच प्रधानमंत्री की इन नीतियों से प्रभावित होकर नोबेल पुरस्कार कमेटी के डिप्टी लीडर एशले तोजे ने कहा है कि मैं लंबे समय से पीएम मोदी की गतिविधियों पर नजर रख रहा हूं. उन्हें बहुत गंभीरता से लिया जाता है और उनमें शांति स्थापित करने की क्षमता है. तोजे द्वारा तारीफ किए जाने के बाद भारत में पीएम मोदी को नोबेल शांति पुरस्कार मिलने की अटकलें तेज हो गई हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीएम मोदी इसके बड़े दावेदारों में से एक हो सकते हैं.
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पीएम मोदी जैसे नेताओं की जरूरत
नोबेल पुरस्कार कमेटी के डिप्टी लीडर एशले तोजे ने पीएम मोदी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जिस तरह से उन्होंने रूस के राष्ट्रपति को युद्ध के बारे में समझाया वह सराहना योग्य है. उन्होंने परमाणु युद्ध के परिणामों के बारे में कड़ा संदेश दिया, दुनिया को ऐसे नेताओं की सख्त जरूरत है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एशले तोजे ने कहा कि नरेंद्र मोदी दुनिया के सबसे बड़े राजनेताओं में से एक हैं और जिस तरह से वह शांति में योगदान दे रहे हैं, वह नोबेल शांति पुरस्कार के प्रबल दावेदार हो सकते हैं.
दुनिया को भारत से सीखना चाहिए
एशले तोजे ने कहा कि पीएम मोदी चीन, रूस और अमेरिका के अपने समकक्षों से लगातार बात कर रहे हैं और बार-बार शांति का संदेश दोहरा रहे हैं. भारत उन्हीं मुद्दों पर काम कर रहा है, जिनमें वैश्विक कल्याण संभव है. नोबेल शांति पुरस्कार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में भारतीय इस पुरस्कार के लिए आवेदन कर रहे हैं. दुनिया के सभी नेताओं को ऐसा काम करना चाहिए जो नोबेल शांति पुरस्कार के लिए जरूरी हो.