Supreme Court directs Centre to Clear all OROP dues by Feb 28, Next Year: सुप्रीम कोर्ट ने वन रैंक वन पेंशन (OROP) के तहत पूर्व सैन्य कर्मियों को बकाये का भुगतान करने के संबंध में केंद्र सरकार को निर्देश दिया है. देश की सबसे बड़ी अदालत ने सरकार को अगले साल 28 फरवरी तक 10 से 11 लाख पेंशनर्स को OROP बकाया का भुगतान करने के लिए कहा है. समाचार एजेंसी पीटीआई ने यह जानकारी दी है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि 6 लाख पेंशनभोगी परिवार और वीरता पदक विजेताओं को 30 अप्रैल तक ओआरओपी बकाया का भुगतान किए जाए. 70 साल और उससे अधिक आयु के सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों को इस साल 30 जून तक OROP बकाया का भुगतान एक या उससे अधिक किस्तों में करने का निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिया है. अदालत ने कहा कि केंद्र सरकार ओआरओपी योजना के संदर्भ में 2022 के फैसले का पालन करने के लिए बाध्य है.
केंद्र का सीलबंद लिफाफा लेने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
च्चतम न्यायालय ने वन रैंक वन पेंशन के तहत पूर्व सैन्य कर्मियों को बकाया भुगतान करने के संबंध में केंद्र सरकार द्वारा सीलबंद लिफाफा स्वीकार करने से सोमवार को इनकार कर दिया. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि हमें उच्चतम न्यायालय में सीलबंद लिफाफे में जवाब दिए जाने के चलन पर रोक लगाने की जरूरत है. यह मूल रूप से निष्पक्ष न्याय दिए जाने की बुनियादी प्रक्रिया के विपरीत है.
इस पहले सरकार को सुप्रीम कोर्ट लगा चुकी है फटकार
चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से सीलबंद लिफाफे में जवाब दिए जाने के खिलाफ हूं. अदालत में पारदर्शिता होनी चाहिए. यह आदेशों को अमल में लाने को लेकर है. इसमें गोपनीय क्या हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट ओआरओपी बकाये के भुगतान को लेकर ‘इंडियन एक्स-सर्विसमैन मूवमेंट’ (IESM) की याचिका पर सुनवाई कर रहा है.इससे पहले देश की सबसे बड़ी अदालत ने ओआरओपी बकाया चार किश्तों में भुगतान करने के ‘एकतरफा’ फैसले के मामले में 13 मार्च 2023 को केंद्र सरकार को फटकार भी लगा चुकी है.