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GST काउंसिल की सिफारिशें मानना केंद्र और राज्यों के लिए जरूरी नहीं, दोनों के पास है कानून बनाने का अधिकार: SC

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि GST काउंसिल की सिफारिशें मानना केंद्र और राज्यों के लिए बाध्यकारी नहीं हैं. संसद और राज्यों के पास GST पर कानून बनाने का समान अधिकार है.

GST काउंसिल की सिफारिशें मानना केंद्र और राज्यों के लिए जरूरी नहीं, दोनों के पास है कानून बनाने का अधिकार: SC
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को GST (Goods & Services Tax) पर एक अहम फैसला सुनाया है.

Supreme Court on GST: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को GST (Goods & Services Tax) पर एक अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा है कि GST काउंसिल की सिफारिशें मानना केंद्र और राज्यों के लिए बाध्यकारी नहीं हैं. इसका मतलब है कि GST काउंसिल जो भी सिफारिशें देता हैं, उन्हें लागू करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार बाध्य नहीं होंगे. बल्कि ये सिफारिशें सलाह या परामर्श के तौर पर देखी जानी चाहिए. शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि संसद और राज्य विधानसभाओं के पास GST पर कानून बनाने का समान अधिकार है. GST परिषद इस पर उन्हें उपयुक्त सलाह देने के लिए है.

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने क्या कहा

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार और राज्यों के पास जीएसटी पर कानून बनाने का एक बराबर अधिकार है. इसलिए जीएसटी काउंसिल को केंद्र और राज्यों के बीच व्यावहारिक समाधान प्राप्त करने के लिए सामंजस्यपूर्ण तरीके से काम करना चाहिए. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि जीएसटी परिषद की सिफारिशें सहयोगात्मक चर्चा का नतीजा है. ये जरूरी नहीं है कि संघीय इकाइयों में से एक के पास हमेशा अधिक हिस्सेदारी हो.

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला गुजरात हाईकोर्ट के उस आदेश के मद्देनजर आया है, जिसमें हाईकोर्ट ने 2017 में Ocean Freight के तहत वेसेल में सामानों के ट्रांसपोर्टेशन पर 5 फीसदी आईजीएसटी (IGST) लगाने के सरकार के नोटिफिकेशन को खारिज कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है.

नए टैक्स प्रावधान की तैयारी

बता दें कि जीएसटी काउंसिल की आगामी बैठक में कसीनो, घुड़दौड़, ऑनलाइन गेमिंग पर 28 फीसदी टैक्स को लेकर अहम फैसला आ सकता है. इस विषय पर समीक्षा के लिए गठित मंत्रियों की समिति ने अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया है, जिसे परिषद की अगली बैठक में रखा जाना है. अभी कसीनो, घुड़दौड़ और ऑनलाइन गेमिंग पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है. मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की अगुवाई में मंत्रियों के समूहों ने इस महीने की शुरुआत में अपनी पिछली बैठक में सर्वसम्मति से इन सेवाओं पर कर की दर को बढ़ाकर 28 प्रतिशत करने का निर्णय लिया था.

1 जुलाई को GST के 5 साल

1 जुलाई को जीएसटी को लागू हुए 5 साल पूरे हो जाएंगे. 1 जुलाई 2017 को जीएसटी कानून को पूरे देश में लागू किया गया. एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, वैट और सेल्स टैक्स को मिलाकर एक टैक्स जीएसटी बनाया गया था. जीएसटी को लेकर कोई भी निर्णय लेने का अधिकार जीएसटी काउंसिल के पास है जिसके अध्यक्ष केंद्रीय वित्त मंत्री करते हैं और राज्यों के वित्त मंत्री जीएसटी काउंसिल के सदस्य हैं.

First published on: 19-05-2022 at 13:35 IST

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