Sleeping pattern habits: क्या आप किसी कॉलेज की परीक्षा या अपनी नौकरी के इंटरव्यू के लिए पूरी रात जागने की योजना बना रहे हैं? अगर हां तो फिर से सोचें क्योंकि एक नए अध्ययन से पता चलता है कि सिर्फ एक रात नहीं सोने से आपका दिमाग दो साल तक बूढ़ा हो सकता है! जी, आपने उसे सही पढ़ा है. जर्नल ऑफ न्यूरोसाइंस में प्रकाशित एक पेपर में यही कहा गया है, हालांकि, रात की अच्छी नींद के बाद इसके परिणाम उल्टे भी हो सकते हैं.
19 से 39 वर्ष के लोगों पर हुआ अध्ययन
इस अध्ययन में 19 और 39 आयु वर्ग के बीच के 134 लोगों ने भाग लिया था. शोधकर्ताओं ने कम नींद लेने वाले लोगों के दिमाग का एमआरआई स्कैन के जरिये “मस्तिष्क की उम्र” का अनुमान लगाने के लिए मशीन लर्निंग का उपयोग किया. अध्ययन करने वाली जर्मनी की आरडब्ल्यूटीएच आचेन यूनिवर्सिटी की ईवा मारिया एलमेनहोर्स्ट ने कहा कि लंबे समय तक रात में न सोने से ब्रेन मॉर्फोलॉजी को उम्र बढ़ने की दिशा में बदल देता है और ये बदलाव रिकवरी स्लीप से बदल भी जाते हैं. उन्होंने कहा कि हमारे अध्ययन ने उम्र बढ़ने जैसी दिशा में नींद की कमी के ब्रेन वाइड इफेक्ट को समझाने के लिए नए सबूत प्रदान किए हैं.
डॉक्टर्स का क्या है मानना
indianexpress.com के साथ बात करते हुए यसोदा हॉस्पिटल में इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजी एंड स्लीप मेडिसिन के कंसल्टेंट डॉ. विश्वेश्वरन बालासुब्रमण्यन का कहना है कि नींद प्रभावी सोच और याददाश्त में एक प्रमुख भूमिका निभाती है और नींद में व्यवधान शरीर के विभिन्न कार्यों को प्रभावित कर सकता है. उन्होंने कहा कि दिमाग की अनूठी विशेषता न्यूरोनल प्लास्टिसिटी की घटना है, जो दिमाग में न्यूरॉन्स की आंतरिक और बाहरी उत्तेजनाओं के जवाब में खुद को री-ऑर्गेनाइज करने की क्षमता है. उन्होंने कहा कि नींद शरीर में अधिकांश हार्मोनल सिस्टम और अंगों की गतिविधियों को बहाल करने में मदद करती है. इसके अलावा, यह न्यूरोनल सिनैप्स के प्रभावी पुनर्गठन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो याददाश्त और सीखने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.