Rahul Gandhi targets PM Modi over alleged investment of EPFO funds in Adani Group companies: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी संसद की सदस्यता चले जाने के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अडानी समूह के बीच कथित करीबी संबंध होने का आरोप लगाना बंद नहीं किया है. सोमवार को उन्होंने एक बार फिर से प्रधानमंत्री मोदी को इसी मसले पर घेरने की कोशिश की. मीडिया में हाल में आई एक रिपोर्ट के हवाले से उन्होंने आरोप लगाया कि देश के आम लोग अपने रिटायरमेंट के लिए जो पैसे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में जमा करते हैं, उसका एक हिस्सा अडानी ग्रुप की कंपनियों में इनवेस्ट किया जा रहा है. इसके साथ ही राहुल गांधी ने यह आरोप भी लगाया कि एलआईसी (LIC) और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) में जमा देश के आम लोगों का पैसा भी अडानी ग्रुप में लगाया जा रहा है.
न जांच, न जवाब! आख़िर इतना डर क्यों : राहुल
राहुल गांधी ने सोमवार किए गए ट्वीट में लिखा, ” LIC की पूंजी, अडानी को! SBI की पूंजी, अडानी को! EPFO की पूंजी भी, अडानी को! ..‘मोडानी’ के खुलासे के बाद भी, जनता के रिटायरमेंट का पैसा अडानी की कंपनियों में निवेश क्यों किया जा रहा है? प्रधानमंत्री जी, न जांच, न जवाब! आख़िर इतना डर क्यों?”
पूरा देश दोस्त के नाम कर देंगे क्या : कांग्रेस
राहुल गांधी के साथ ही उनकी पार्टी ने भी सोमवार को ये मुद्दा जोशशोर से उठाया. कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर अडानी का मसला उठाते हुए लिखा, “कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) का पैसा भी अडानी को दे दिया गया. वाह दोस्त जी.. वाह. आपकी दोस्ती तो रोज नए गुल खिला रही है. पहले SBI, फिर LIC और अब EPFO…पूरा देश दोस्त के नाम कर देंगे?”
क्या है पूरा मामला?
दरअसल राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी यह मसला अंग्रेजी अखबार द हिंदू में आई एक रिपोर्ट के आधार पर उठा रहे हैं. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि देश के फॉर्मल सेक्टर में काम करने वाले 27.73 करोड़ कर्मचारियों के रिटायरमेंट फंड को मैनेज करने वाला कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अपने कॉर्पस का 15 फीसदी हिस्सा एनएसई निफ्टी 50 (NSE Nifty 50) और बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) से जुड़े उन एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में निवेश करता है. रिपोर्ट के मुताबिक अडानी ग्रुप की दो कंपनियां अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) और अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड (Adani Ports & SEZ) इन इंडेक्स में शामिल हैं. लिहाजा ईपीएफओ में जमा करोड़ों कर्मचारियों की पूंजी ETF के जरिए लगातार अडानी ग्रुप की कंपनियों में लगाई जा रही है. रिपोर्ट में इस बात का जिक्र भी किया गया है कि अडानी ग्रुप की कंपनियों में गड़बड़ी का आरोप लगाने वाली हिंडनबर्ग रिपोर्ट के सामने आने के बावजूद EPFO ने अपनी निवेश की रणनीति में कोई बदलाव नहीं किया है, जिसका नुकसान कर्मचारियों के निवेश को उठाना पड़ रहा है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अगर ईपीएफओ ने अपनी इस रणनीति में बदलाव नहीं किया तो आगे भी ऐसा ही होता रहेगा.
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संसद में भी अडानी मामला उठाते रहे हैं राहुल गांधी
राहुल गांधी ने संसद सदस्यता छिन जाने से पहले लोकसभा में दिए अपने आखिरी भाषण में भी पीएम मोदी और अडानी के कथित संबंधों का मुद्दा उठाया था. सदस्यता खत्म होने के बाद की गई पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी वे इसी मुद्दे पर बोलते रहे. और अब एक बार फिर से इसी मसले पर पीएम मोदी को घेरने की कोशिश कर रहे हैं. राहुल गांधी को मानहानि के एक मामले में सूरत की निचली अदालत ने 2 साल की सजा सुनाई है. इसी आधार पर उनकी संसद सदस्यता खत्म कर दी गई है. कांग्रेस नेता को यह सजा 2019 के लोकसभा चुनाव में दिए गए एक चुनावी भाषण की वजह से सुनाई गई है. हालांकि अदालत ने उन्हें फौरन जेल भेजने की बजाय अपील के लिए 30 दिन का वक्त दिया है. हालांकि राहुल गांधी और कांग्रेस लगातार आरोप लगा रहे हैं कि राहुल गांधी की सदस्यता अडानी मामला उठाने की वजह से छीनी गयी है.