भारत में दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन कार्यक्रम चल रहा है और अब तक इस कार्यक्रम के तहत 26.53 करोड़ से अधिक डोज लगाई जा चुकी है. वैक्सीन की डोज लेने के बाद कुछ लोगों में सिर दर्द, थकान और बुखार जैसे साईड इफेक्ट्स भी सामने आए जोकि इम्यून सिस्टम के कार्यरत होने का संकेत हैं. ये साईड इफेक्ट्स वैक्सीन की डोज लेने के बाद सामान्य हैं. अमेरिकी खाद्य एवं दवा नियामक (एफडीए) के वैक्सीन प्रमुख डॉ पीटर मार्क्स के मुताबिक अगर उन्हें वैक्सीन लगती है तो अगले दिन वह ऐसे काम को करने की योजना नहीं बनाएंगे, जिसमें अधिक शारीरिक श्रम लगता हो. मार्क्स को पहली डोज लेने के बाद थकान महसूस हुई थी. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि वैक्सीन के बाद जो साइड इफेक्ट्स होते हैं, वे क्यों होते हैं और किसी को कम या किसा को अधिक क्यों होते हैं. इसके अलावा यह जानना बहुत जरूरी है कि यह कहीं घबराने की बात तो नहीं हैं?
वैक्सीन के बाद इस तरह से काम करता है इम्यून सिस्टम
- शरीर के इम्यून सिस्टम के मुख्य रूप से दो हिस्से होते हैं. जब शरीर में कोई बाहरी तत्व जैसे कि वायरस प्रवेश करता है तो पहला हिस्सा सक्रिय हो जाता है और जहां वायरस आते हैं, वहां सफेद रक्त कोशिकाएं (WBC) इकट्ठी हो जाती हैं. इसके चलते इंफ्लेमेशन महसूस होता है जिसके चलते ठंड लगने, दर्द, थकान या अन्य साईड इफेक्ट्स महसूस होते हैं. इम्यून सिस्टम यह सक्रियता कितने समय में दिखाता है, यह शख्स के उम्र पर भी निर्भर करता है. यही वजह है कि युवाओं में बुजुर्गों की तुलना में अधिक साईड इफेक्ट्स के मामले सामने आए हैं. इसके अलावा कुछ वैक्सीन से अन्य की तुलना में अधिक रिएक्शंस दिखता है. हालांकि इसका मतलब यह नहीं कि अगर डोज लेने के एक से दो दिन तक कुछ महसूस नहीं हो रहा तो वैक्सीन काम नहीं कर रही है.
- वहीं इम्यून सिस्टम की दूसरा हिस्सा पर्दे के पीछे से काम करता है. वैक्सीन की डोज इस दूसरे हिस्से को सक्रिय कर देता है जो एंटीबॉडीज बनाकर शरीर को वायरस से सुरक्षित करता है.
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वैक्सीनेशन को लेकर बरती जाने वाली सावधानियां
- कभी ऐसा होता है कि जब इम्यून सिस्टम सक्रिय होता है तो इसके चलते लिंफ नोड्स में अस्थाई तौर पर सूजन हो जाता है जैसे कि बाहों के नीचे. इसके चलते वैक्सीनेशन से पहले महिलाओं को रूटीन मैमोग्राम्स (स्तन का एक्सरे) कराने की सलाह दी जाती है ताकि इस तरह की कोई सूजन अगर होती है तो इसे गलती से कैंसर न समझ लिया जाए.
- कुछ लोगों में एलर्जी के चलते भी वैक्सीन के साईड इफेक्ट्स देखने को मिलते हैं. इस वजह से डोज लगवाने के बाद लोगों को वैक्सीनेशन केंद्र पर लगभग 15 मिनट तक रुकने को कहा जाता है ताकि अगर कोई रिएक्शन सामने आए तो उसका शीघ्रता से उपचार किया जा सके.
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सभी साईड इफेक्ट्स सामान्य नहीं
- वैक्सीनेशन के चलते सभी साईड इफेक्ट्स सामान्य नहीं होते हैं. हालांकि दुनिया भर में करोड़ों लोगों को वैक्सीन की डोज दी जा रही है और उनकी सघन निगरानी की जा रही है तो बहुत कम गंभीर मामले सामने आए हैं. एस्ट्राजेनेका और जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन की डोज लेने के बाद कुछ लोगों में असामान्य रूप में खून का थक्का बनने जैसी गंभीर समस्याएं सामने आईं. इसके चलते कुछ देशों ने इन शॉट्स को अधिक उम्र वाले लोगों के लिए आरक्षित कर दिया लेकिन नियामकीय संस्थाओं का कहना है कि वैक्सीन से होने वाले फायदे अभी भी रिस्क की तुलना में बहुत अधिक है.
- अथॉरिटीज अभी हार्ट इंफ्लेमेशन को लेकर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या एमआरएनए वैक्सीन की डोज लगवाने के बाद इसके बहुत कम मामले सामने आ रहे हैं? इस प्रकार की समस्या फाइजर और मोडेर्ना की वैक्सीन लगाने के बाद सामने आ रही हैं. अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि अभी वैक्सीन की डोज और हार्ट इंफ्लेमेशन के बीच किसी लिंक को लेकर स्पष्ट रूप से कुछ कहा नहीं जा सकता है लेकिन युवाओं के रिपोर्ट्स को मॉनिटर किया जा रहा है.