Gautam Adani Now at 11th Position in Billionaire List: अमेरिकी रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग की निगेटिव रिपोर्ट ने न सिर्फ अडानी ग्रुप शेयरों का बुरा हाल कर दिया है. बल्कि गौतम अडानी की दौलत में भी लगातार कमी आ रही है. इसी के चलते दुनिया के अमीरों की लिस्ट में वह टॉप 10 से बाहर हो गए हैं. ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक अडानी अब इस लिस्ट में 11वें नंबर पर आ गए हैं, जो कुछ दिन पहले ही तीसरे नंबर पर थे. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी की दौलत में करीब 3600 करोड़ डॉलर की कमी आई है. फिलहाल इस लिस्ट में 189 बिलियन डॉलर की दौलत के साथ बर्नार्ड अर्नाल्ट पहले नंबर पर हैं.
11वें नंबर पर आ गए गौतम अडानी
अमेरिका स्थित फोरेंसिक रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट (Hindenburg Research) आने के बाद से स्टॉक मार्केट में बीते कुछ दिनों से अडानी ग्रुप शेयरों (Adani Group Stocks) में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. ग्रुप शेयरों में लगातार लोअर सर्किट लग रहा है. जिसके चलते न सिर्फ ग्रुप कंपनियों के मार्केट कैप में कमी आई है, बल्कि अडानी की निजी संपत्ति भी लगातार कम होती गई है. बीते 3 दिन में अडानी ग्रुप शेयरों का मार्केट कैप करीब 5.7 लाख करोड़ घट गया. जबकि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से गौतम अडानी को 36 बिलियन डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ है.
121 बिलियन डॉलर से 84.4 बिलियन डॉलर हुई दौलत
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के पहले गौतम अडानी की कुल दौलत 121 बिलियन डॉलर के करीब थी. वहीं आज ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक यह 84.4 बिलियन डॉलर रह गई. यानी इसमें करीब 36 बिलियन डॉलर की कमी आई है.
आधी से कम रह गई शेयरों की कीमत
अडानी ग्रुप शेयरों में बिकवाली के चलते ज्यादातर का भाव 1 साल के हाई से 40 से 60 फीसदी तक घट गया है. Adani Total Gas अपने 1 साल के हाई से करीब 45 फीसदी कमजोर हुआ तो Adani Wilmar में 46 फीसदी, Adani Green Energy में 60 फीसदी, Adani Power में 46 फीसदी, Adani Transmission में 60 फीसदी और NDTV में 60 फीसदी गिरावट आ चुकी है.
क्या है Hindenburg की रिपोर्ट में
Hindenburg की रिपोर्ट में अडानी की कंपनियों में कर्ज को लेकर सवाल उठाए गए हैं. साथ ही अडानी ग्रुप की कंपनियों को 85 फीसदी से ज्यादा ओवरवैल्यूड भी बताया गया है. Hindenburg यूएस-ट्रेडेड बांड और नॉन इंडियन ट्रेडेड डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट्स के माध्यम से अडानी ग्रुप के शेयरों में शॉर्ट पोजीशंस रखेगी. इसका मतलब है कि वह अडानी के शेयरों को शॉर्ट टर्म में निकाल देगी. इसके पहले अगस्त, 2022 में फिच ग्रुप की एक फिक्स्ड इनकम रिसर्च फर्म क्रेडिटसाइट्स ने ग्रुप के कर्ज पर चिंजा जताई थी. क्रेडिटसाइट्स के अनुसार वित्त वर्ष 2022 में कंपनी का कर्ज 2.2 लाख करोड़ रुपये हो गया था.
अडानी के जवाब पर हिंडनबर्ग का पलटवार
अडानी ग्रुप ने फाइनेंशियल रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों को भारत, उसकी संस्थाओं और विकास की गाथा पर सुनियोजित हमला बताते हुए कहा कि आरोप झूठ के सिवाय कुछ नहीं हैं. अडानी ग्रुप ने 413 पन्नों के जवाब में कहा है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ‘‘मिथ्या धारणा बनाने’’ की ‘‘छिपी हुई मंशा’’ से प्रेरित है, ताकि अमेरिकी कंपनी को वित्तीय लाभ मिल सके.
वहीं, हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप के इन आरोपों को खारिज कर दिया है. अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग यूनिट ने कहा कि धोखाधड़ी को ‘राष्ट्रवाद’ या ‘कुछ बढ़ा-चढ़ाकर प्रतिक्रिया’ से ढंका नहीं जा सकता.