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भारत जैसे फॉर्मूले से दूर होगा US बैंकिंग सेक्टर का संकट, First Republic Bank का 11 दिग्गज करेंगे रेस्क्यू

Banking System: अमेरिका के सबसे बड़े बैंकों में से 11 बैंकों ने ‘फर्स्ट रिपब्लिक बैंक’ के लिए 30 अरब डॉलर के राहत पैकेज की बृहस्पतिवार को घोषणा की है.

Banking Sector Crisis
फर्स्ट रिपब्लिक बैंक को क्रैश होने से बचाने के लिए अमेरिका के 11 बड़े बैंक सामने आए हैं. (reuters)

First Republic Bank Rescue: फर्स्ट रिपब्लिक बैंक को क्रैश होने से बचाने के लिए अमेरिका के 11 बड़े बैंक सामने आए हैं. अमेरिका के सबसे बड़े बैंकों में से 11 बैंकों ने ‘फर्स्ट रिपब्लिक बैंक’ के लिए 30 अरब डॉलर के राहत पैकेज की बृहस्पतिवार को घोषणा की है. ये बैंक फर्स्ट रिपब्लिक में 30 अरब डॉलर (करीब 2.5 लाख करोड़ रुपए) का निवेश करेंगे. इन 11 बैंकों में जेपी मॉर्गन, सिटीग्रुप, बैंक ऑफ अमेरिका, वेल्स फार्गो, मॉर्गन स्टेनली, US बैंकॉर्प, ट्रुइस्ट फाइनेंशियल, PNC फाइनेंशियल शामिल हैं. बता दें कि भारत में भी यस बैंक को बचाने के लिए कुछ इसी तरह का फॉर्मूला अपनाया गया था.

बैंकिंग सेक्टर में संकट को रोकना है उद्देश्य

इस कदम का उद्देश्य बैंकिंग क्षेत्र में जारी संकट को और गहराने से रोकना है. ये बैंक फर्स्ट रिपब्लिक बैंक में निवेश करेंगे, ताकि डिपॉजिटर्स को पैसे निकालने में दिक्कत न हो. बता दें कि फर्स्ट रिपब्लिक बैंक का शेयर 5 दिन में 65 फीसदी टूट चुका है. वहीं इसके पहले सिलिकॉन वैली बैंक डूब चुका है, जिसके बाद मदद न मिलने की स्थिति में यह बैंक भी डूबने की कगार पर था.

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सिलिकॉन वैली बैंक जैसा ही संकट

फर्स्ट रिपब्लिक बैंक भी सिलिकॉन वैली बैंक (एसवीबी) के समान संकट का सामना कर रहा था और उसके ग्राहक भी एसवीबी के ग्राहकों के समान ही हैं. एसवीबी शुक्रवार को तब संकट में आ गया था जब उसके जमाकर्ताओं ने कुछ ही घंटों में 40 अरब डॉलर की राशि निकाल ली थी. फर्स्ट रिपब्लिक बैंक के पास बीते साल 31 दिसंबर तक कुल 176.4 अरब डॉलर का जमा था. बैंकों के ग्रुप ने एक बयान जारी करके कहा कि कई बैंकों से बड़े पैमाने पर जमा निकली गई है जो फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (एफडीआईसी) द्वारा तय स्तर से अधिक है.

Yes Bank के लिए भी कुछ ऐसा ही हुआ था

बता दें कि भारत में भी Yes Bank के साथ कुछ ऐसा हुआ था. मैनेजमेंट लेवल पर और कुछ अन्य मामलों में निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद से यस बैंक के शेयरों में भारी गिरावट आई थीऋ तब यस बैंक को बचाने के लिए भी कुछ इसी तरह से 8 बैंक सामने आए थे. रिकंस्ट्रक्शन स्कीम के शुरू किए जाने के बाद से यस बैंक के वित्तीय प्रदर्शन में धीरे-धीरे सुधार हुआ है. प्राइवेट बैंक में निवेश करने वाले निवेशकों के सामने यह शर्त रखी गई है कि उन्हें बैंक में अपने कुल निवेश की 75 फीसदी राशि को लॉक-इन पीरियड में रखना होगा.

राहत पैकेज से शेयरों में रिकवरी

बैंकों ने संयुक्त बयान में कहा कि अमेरिका के सबसे बड़े बैंकों ने जो कदम उठाए हैं वे देश की बैंकिग प्रणाली में उनके भरोसे को दर्शाता है. हम अपनी वित्तीय ताकत और कैश को ऐसे सिस्टम में डाल रहे हैं, जहां इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है. बता दें कि गुरूवार को भी फर्स्ट रिपब्लिक के शेयर 36 फीसदी तक गिर गए थे, लेकिन राहत पैकेज की खबरें आने पर इनमें तेजी आई. देश के बैंकिग रेगुलेटर्स ने भी बयान जारी करके इस राहत पैकेज की सराहना की है. बैंकों के इस कदम के बाद वित्त मंत्री जेनेट येलेन, मुद्रा के कार्यवाहक नियंत्रक माइकल हसू, फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल और एफडीआईसी के अध्यक्ष मार्टिन ग्रुऐनबर्ग ने एक बयान में कहा कि बड़े बैंकों के समूह ने जो समर्थन दिखाया है वह स्वागत योग्य है और यह बैंकिंग प्रणाली के जुझारूपन को दिखाता है.

First published on: 17-03-2023 at 13:22 IST

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