Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था (Pakistan’s Economy) चरमराने की कगार पर खड़ी है. देश में महंगाई चरम पर है और बेरोजगारी भी बहुत बढ़ गई है. दुनिया के तमाम देश उसे कर्ज देने से कतरा रहे हैं और चीन का कर्ज इतना बढ़ गया है कि उसे चुकाना मुश्किल हो रहा है. इस मौजूदा आर्थिक संकट के बीच, पाकिस्तान (Pakistan) का बाहरी कर्ज और देनदारियां लगभग 130 अरब डॉलर तक पहुंच गई हैं, जो उसके सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 95.39 फीसदी है. आंकड़ों के अनुसार, महंगाई 48 वर्षों में अपने उच्चतम स्तर पर है, जो वर्तमान में 27.6 फीसदी है. जबकि जनवरी 2023 में फूड इन्फ्लेशन (Food Inflation) पिछले साल के 12.8 फीसदी के मुकाबले 42.9 फीसदी पर पहुंच गई, जिससे देश गंभीर आर्थिक संकट में आ गया. ऐसे में बढ़ते बेरोजगारी के साथ पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने नीतिगत ब्याज दर बढ़ा दी है. पाकिस्तान का आर्थिक संकट इतना बढ़ गया है कि अब उसका असर उसकी सेना पर भी पड़ रहा है.
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सेना को नहीं मिल पा रहा प्रयाप्त समान
आर्थिक संकट का इसकी सेना पर भी गहरा असर पड़ा है. रिपोर्टों की माने तो वरिष्ठ कमांडरों ने सैनिकों को खाद्य आपूर्ति में गंभीर कटौती और कमी के बारे में सेना के बड़े अधिकारियों को इसके बारे में अधिसूचित किया है. सेना पर पाकिस्तान का बजट अक्सर बढ़ता ही रहा है. लेकिन अब रसद में कटौती यह दर्शाता है कि पाकिस्तान कितने भयंकर आर्थिक संकट से जूझ रहा है.
क्या है कारण?
2022-23 में पाकिस्तान का कुल रक्षा बजट 7.5 बिलियन डॉलर था. वहीं, साल 2021-22 के रक्षा आवंटन में ओरिजिनल मिलिट्री एक्सपेंडिचर से 12 फीसदी की वृद्धि की गई थी. नया रक्षा बजट वर्ष के लिए कुल सरकारी खर्च का 16 फीसदी बनाता है. आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तान के पास टोटल रिजर्व मात्र 3.2 अरब डॉलर है. महज 2 फीसदी की कम आर्थिक विकास दर के साथ, सरकार अपने सैन्य दायित्वों को भी पूरा नहीं कर पा रही है.
अपर्याप्त उपाय
बिगड़ते आर्थिक संकट के बीच, पाकिस्तान आईएमएफ के रोडमैप के तहत ऑस्टेरिटी की उपायों को लागू करने की तैयारी कर रहा है.
रिपोर्टें सामने आई हैं कि सरकारी कर्मचारियों के वेतन में कटौती की जाएगी, विदेशी मिशनों की संख्या कम की जाएगी और लागत कम करने के लिए कर्मचारियों की छंटनी की जाएगी. रिपोर्टों से पता चलता है कि सरकार ने पाकिस्तानी सशस्त्र बलों के लिए भी वेतन कटौती का प्रस्ताव दिया है.
Written by Manish Kumar Jha