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बैंक क्यों बढ़ा रहे हैं लोन की दरें? MCLR में इस बढ़ोतरी का क्या होगा असर, जानिए एक्सपर्ट्स की राय

एक्सपर्ट्स का कहना है कि MCLR में बढ़ोतरी से आमतौर पर बॉरोअर्स का ब्याज भुगतान बढ़ जाता है. इसका मतलब है कि रीसेट डेट आने पर ग्राहकों को अपने होम लोन के लिए अधिक ईएमआई का भुगतान करना होगा.

Bank Loan Interest Hike
SBI, Axis Bank, BoB और Kotak Mahindra Bank समेत कई बैंकों ने हाल ही में अपने MCLR में बढ़ोतरी की है.

भारतीय स्टेट बैंक (SBI), एक्सिस बैंक (Axis Bank), बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) और कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) समेत कई बैंकों ने हाल ही में अपने MCLR (मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट) में बढ़ोतरी की है. इसके चलते अब आपको इन बैंकों से कर्ज लेना महंगा पड़ेगा. बैंकों के इस फैसले से आपकी EMI में इजाफा होगा और होम, ऑटो या पर्सनल लोन लेना आपके लिए महंगा हो जाएगा. एसबीआई ने तीन साल बाद MCLR में 10 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी के साथ 7.1% कर दिया है. वहीं, एक्सिस बैंक, BoB और कोटक महिंद्रा बैंक जैसे लेंडर्स ने 5 bps की वृद्धि की है.

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

एक्सपर्ट्स का कहना है कि MCLR में बढ़ोतरी से आमतौर पर बॉरोअर्स का ब्याज भुगतान बढ़ जाता है. इसका मतलब है कि रीसेट डेट आने पर ग्राहकों को अपने होम लोन के लिए अधिक ईएमआई का भुगतान करना होगा. MCLR में बढ़ोतरी से ऑटो और पर्सनल लोन के भी महंगे होने का अनुमान है. ट्रेडस्मार्ट के चेयरमैन विजय सिंघानिया ने एफई ऑनलाइन को बताया, “सबसे बड़ा डर अब हमारे सामने है. पहले ही इन्फ्लेशन काफी बढ़ा हुआ है, और अब इसके बाद आने वाले समय में हम जो कुछ भी उपभोग करते हैं, उस पर ब्याज दरें बढ़ने की आशंका है.”

एसबीआई ने MCLR में 10 बेसिस प्वाइंट्स की वृद्धि की घोषणा की है. एसबीआई की दर मार्केट में सबसे कम दरों में से एक थी. सिंघानिया ने आगे कहा, “हालांकि, एमसीएलआर की हिस्सेदारी कम हो रही है और मार्च 2021 में 62.9 प्रतिशत से घटकर दिसंबर 2021 में 53.1 प्रतिशत हो गई है. होम लोन सहित अधिकांश रिटेल लोन्स एक्सटर्नल बेंचमार्क-लिंक्ड लेंडिंग रेट्स (EBLR) में चले गए हैं,” उन्होंने कहा, “फिर भी, इस बढ़ोतरी का असर बड़ी संख्या में बॉरोअर्स को होगा.”

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हायर इंटरेस्ट रेट्स से बैंकों के मार्जिन में होता है सुधार

एक्सपर्ट्स का कहना है कि हायर इंटरेस्ट रेट्स बैंकों के लिए अच्छा है क्योंकि इससे उनके मार्जिन में सुधार होता है. हालांकि, अगर ब्याज दरों में बढ़ोतरी जारी रहती है तो संभावना है कि लोन की मांग कम हो जाएगी, जिससे अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी. MCLR लोन लेने वालों को यह चेक करना चाहिए कि क्या इससे उन्हें लोन पर बने रहने में फायदा होता है. रेपो-रेट लिंक्ड लोन सस्ते होते हैं इसलिए यदि एमसीएलआर लोन और रेपो-रेटेड लिंक्ड लोन के बीच काफी अंतर है, तो आप अपने बैंक में स्विच करने के लिए अप्लाई कर सकते हैं या बेहतर दर प्रदान करने वाले किसी अन्य लेंडर के पास जा सकते हैं.

(Article: Rajeev Kumar)

First published on: 24-04-2022 at 17:18 IST

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