EPF Latest Interest Rate 2023 Announced: नौकरीपेशा हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है. ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ट्रस्ट ने पीएफ पर मिलने वाले ब्याज दरों में इजाफा (EPF Interest hiked) कर दिया है. यानी प्रोविडेंट फंड पर अब ज्यादा ब्याज दिया जाएगा. सरकार ने ईपीएफ ब्याज दर को वित्तवर्ष 2022-23 के लिए 8.10 फीसदी से बढ़ाकर 8.15 फीसदी कर दिया है. इस बढ़ोतरी से भी ईपीएफ सदस्यों को काफी राहत मिलेगी. पिछले साल सीबीटी ने ईपीएफ की दरों को 40 साल के सबसे निचले स्तर पर ला दिया था. हालांकि, वित्त वर्ष 2018-19 के 8.55 फीसदी के मुकाबले अब भी ब्याज दर कम है. बता दें कि ईपीएफओ सीबीटी की 2 दिनों से बैठक चल रही थी.
पिछले साल 40 साल में सबसे कम ब्याज दर
पिछले वित्त वर्ष के लिए सरकार ने 40 साल में सबसे कम ब्याज देने का फैसला किया गया था. वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 8.1 फीसदी ब्याज तय किया गया था. इससे पहले यह 8.5 फीसदी था. साल 1977-78 में ब्याज दर 8 फीसदी थी. इसके बाद से हमेशा 8.25 फीसदी से ऊपर ही रही. वित्त वर्ष 2018-19 में 8.65 फीसदी, 2017-18 में 8.55 फीसदी, 2016-17 में 8.65 फीसदी और वित्त वर्ष 2015-16 में 8.8 फीसदी ब्याज मिल रहा था.
किस साल कितना ब्याज
2005-06: 8.50%
2006-07: 8.50%
2007-08: 8.50%
2008-09: 8.50%
2009-10: 8.50%
2010-11: 9.50%
2011-12: 8.25%
2012-13: 8.50%
2013-14: 8.75%
2014-15: 8.75%
2015-16: 8.80%
2016-17: 8.65%
2017-18: 8.55%
2018-19: 8.65%
2019-20: 8.50%
2020-21: 8.50%
2021-22: 8.10%
7 करोड़ से ज्यादा मेंबर
मौजूदा समय में ईपीएफओ में 7 करोड़ से ज्यादा मेंबर हैं. जिन्हें बढ़ी हुई ब्याज दरों का फायदा मिलेगा. इस साल जनवरी में ईपीएफओ ने भविष्य निधि अकाउंट में कुल 14.86 लाख मेंबर जोड़े थे. कुल मिलाकर करीब 7.77 लाख नए सदस्य पहली बार ईपीएफओ के दायरे में आए हैं. जबकि इस महीने केवल 3.54 लाख सदस्य ईपीएफओ से बाहर निकले जो कि पिछले चार महीनों में सबसे कम निकासी है.
कहां पैसा लगाता है EPFO?
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) प्रोविडेंट फंड खातों में जमा होने वाले आपके पैसे को अलग अलग विकल्पों में निवेश करता है. इस इन्वेस्टमेंट से होने वाली कमाई के एक हिस्से को ब्याज के रूप में आपको दिया जाता है. EPFO कुल डिपॉजिट का 85 फीसदी हिस्सा डेट स्कीम में निवेश करता है. इनमें गवर्नमेंट सिक्योरिटीज और बॉन्ड शामिल हैं. इसमें कुल 36,000 करोड़ रुपए का निवेश होता है. बचे हुए 15 फीसदी हिस्से को ETF (Nifty & Sensex) में लगाया जाता है. डेट और इक्विटी से हुई कमाई के आधार पर PF का ब्याज तय होता है.