Where to Invest After RBI Policy: आरबीआई मॉनेटरी पॉलिसी का आज शेयर बाजार ने स्वागत किया. आज के कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों इंडेक्स में शानदार तेजी रही है. सेंसेक्स करीब 400 अंक मजबूत होकर बंद हुआ है. जबकि निफ्टी 17850 के पार निकल गया. वहीं पॉलिसी के बाद इमेडिएट रिएक्शन में 10 साल के बॉन्ड की यील्ड में भी तेजी देखने को मिली है. हालांकि आगे उनके 7.20-7.40 के मौजूदा बैंड में रेंज बाउंड रहने की उम्मीद है. फिलहाल ब्याज दरों में बढ़ोतरी जारी है और आगे भी इस रेट साइकिल का कब अंत होगा, इसे लेकर क्लेरिटी नहीं है. ऐसे में बढ़ रही दरों के माहौल में एक्सपर्ट फिक्स्ड इनकम स्कीम में ऊंची दरों का फायदा उठाने की सलाह दे रहे हैं.
RBI Rate Hike: कैसे घटाएं होम लोन की बढ़ती EMI का बोझ? इन उपायों से मिल सकती है मदद
एफडी सहित ये विकल्प हैं बेहतर
बीपीएन फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम का कहना है कि मौजूदा माहौल में फिक्स्ड इनकम स्कीम बेहतर विकल्प हैं. निवेशक डेट सेग्मेंट में खासतौर से अल्टा लो ड्यूरेशन और लो ड्यूरेशन के अलावा लिक्विड फंडों पर भी विचार कर सकते हैं. हाल फिलहाल में कई बैंकों ने अपनी एफडी की दरों में इजाफा किया है. जिससे ये आकर्षक बने हुए हैं. ऐसे में बढ़ी ब्याज दरों को लॉक करने में ही फायदा है. आगे अगर दरें कम होती हैं तो एफडी की दरों में आगे कमी आ सकती है.
वहीं अगर इमरजेंसी फंड की सोच रहे हैं तो अल्ट्रा शॉर्ट टर्म और लो ड्यूरेशन फंड बेहतर विकल्प हैं. वैसे भी रेट हाइक के दौर में इनके रिटर्न बेहतर आ रहे हैं. लिक्विड फंड भी आकर्षक दिख रहे हैं.
लो ड्यूरेशन कैटेगिरी
एलआईसी म्यूचुअल फंड के CIO- Debt, मरजबान ईरानी का कहना है कि फिक्स्ड इनकम प्लान में निवेश करने का यह अच्छा समय है क्योंकि यील्ड कर्व मैच्योरिटी के दौरान आकर्षक है. निवेशक कर्व के शॉर्ट एंड में लिक्विड और लो ड्यूरेशन कैटेगिरी में और मिड से लॉन्ग टर्म में लॉन्ग ड्यूरेशन कैटेगिरी में निवेश कर सकते हैं. हालांकि पहले निवेशकों को अपने जोखिम लेने की क्षमता देख लेनी चाहिए.
डायनेमिक बॉन्ड फंड भी बेहतर विकल्प
PGIM India Mutual Fund के हेड- फिक्स्ड इनकम, पुनीत पाल का कहना है कि आरबीआई एमपीसी द्वारा अपने रुख में कोई बदलाव न करने से बाजार को थोड़ी निराशा हुई. बाजार रुख को “तटस्थ” करने की उम्मीद कर रहा था. घरेलू स्तर पर लिक्विडिटी यानी तरलता के प्रबंधन के लिए आरबीआई क्या करता है, इस पर बॉन्ड मार्केट की नजर रहेगी. निवेशकों को अपनी जोखिम लेने की क्षमता के अनुसार डायनेमिक बॉन्ड फंड कैटेगिरी को चुनते हुए शॉर्ट ड्यूरेशन वाले प्रोडक्ट में निवेश बढ़ाना चाहिए.